Last Updated:July 02, 2025, 07:22 ISTOla-Uber Fare- ओला और उबर जैसी राइड हेलिंग सेवाओं के लिए केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी की है. राज्यों को इस गाइडलाइंस को तीन महीने में लागू करने को कहा गया है. नए दिशा-निर्देशों में कैब एग्रीगेटर्स को को प…और पढ़ेंड्राइवर द्वारा बुकिंग स्वीकार करने के बाद यात्रा रद्द करने पर भी अब सख्ती बरती जाएगी.हाइलाइट्सपीक ऑवर में अब दोगुना तक बढा सकेंगे किराया.अभी तक डेढ गुना किराया बढाने की थी छूट.बिना उचित कारण राइड कैंसिल करने पर लगेगा जुर्माना.नई दिल्ली. उबर, ओला, इनड्राइव और रैपिडो जैसे कैब एग्रीगेटर्स अब पीक ऑवर में आपसे ज्यादा किराया वसूलेंगे. सरकार से उन्हें अब ज्यादा किराया वसूलने की अनुमति मिल गई है. केंद्र सरकार ने राइड-हेलिंग सेवाओं को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है. सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, अब ये एग्रीगेटर्स पिक ऑवर में बेस फेयर से दोगुना तक किराया वसूल सकते हैं. पहले यह सीमा 1.5 गुना थी. नॉन-पिक ऑवर में किराया बेस फेयर का कम से कम 50% रखा जाएगा. केंद्र सरकार ने तीन महीनों के भीतर इन गाइडलाइंस को लागू करने की सलाह राज्यों को दी है.
नई गाइडलाइंस में बिना किसी उचित कारण के राइड कैंसिल करने पर जुर्माना, ड्राइवरों के बीमा अनिवार्य करने और और वाहन के खाली चलने पर यात्री से किराया न वसूलने जैसे निर्देश भी दिए गए हैं. ऑटो और बाइक टैक्सी के लिए बेस फेयर तय करने की जिम्मेदारी भी राज्यों को सौंपी गई है. साथ ही यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कैब पर लोकेशन और ट्रैकिंग डिवाइस लगी हो.
यात्रियों की सुरक्षा और ड्राइवरों के हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी एग्रीगेटर्स यह सुनिश्चित करें कि ड्राइवरों के पास कम से कम ₹5 लाख का स्वास्थ्य बीमा और ₹10 लाख का टर्म इंश्योरेंस हो.
राज्य तय करेंगे बेस फेयर
नई गाइडलाइंस में राज्य सरकारों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे विभिन्न प्रकार के वाहनों जैसे कि ऑटो-रिक्शा और बाइक टैक्सी के लिए बेस फेयर तय करें. उदाहरण के तौर पर, दिल्ली और मुंबई में टैक्सी का बेस फेयर ₹20-₹21 प्रति किलोमीटर है, जबकि पुणे में ₹18 प्रति किलोमीटर है. डेड माइलेज यानी वाहन के खाली चलने की दूरी के लिए यात्री से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, जब तक कि यह दूरी 3 किमी से कम न हो. किराया केवल यात्रा की शुरुआत से गंतव्य तक ही लागू होगा.
ट्रैकिंग डिवाइस अनिवार्य
सुरक्षा की दृष्टि से यह भी अनिवार्य किया गया है कि सभी वाहनों में लोकेशन और ट्रैकिंग डिवाइस (VLTD) लगे हों और उसका डेटा एग्रीगेटर व राज्य सरकार के कंट्रोल सेंटर से जुड़ा हो. साथ ही, हर ड्राइवर के लिए सालाना रिफ्रेशर ट्रेनिंग अनिवार्य होगी. जिन ड्राइवरों की रेटिंग सबसे कम 5% में आती है, उन्हें हर तिमाही में प्रशिक्षण लेना जरूरी होगा, अन्यथा वे सेवा नहीं दे सकेंगे.Location :New Delhi,New Delhi,Delhihomebusinessपीक ऑवर में ओला-उबर वसूलेंगे ज्यादा पैसे! आपकी जेब पर पड़ेगा कितना असर, जानिए
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