RBI गर्वनर की बात से लगता है अभी और सस्ता होगा लोन, कही दिल खुश करने वाली बात

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Last Updated:July 15, 2025, 15:51 ISTRBI Rates Cut: आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि सेंट्रल बैंक के तटस्थ रुख का मतलब ये नहीं है कि आगे और रेट कट नहीं किया जा सकता है. तटस्थ रुख का मतलब है कि आरबीआई आंकड़ों के हिसाब से किसी भी दिशा में आ…और पढ़ेंगवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि तटस्थ रुख का मतलब यह नहीं कि आरबीआई ब्याज दरों में कटौती नहीं कर सकता.(Image:PTI)हाइलाइट्सआरबीआई ब्याज दरों में और भी कटौती कर सकता है.आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इसका संकेत दिया है. उन्होंने कहा कि आरबीआई आंकड़ों के हिसाब से कुछ भी कर सकता है.नई दिल्ली. देश में लगातार सस्ते कर की राह देख रहे ग्राहकों के लिए एक खुशखबरी जल्द ही मिल सकती है. आरबीआई के गवर्नर ने इसका संकेत दे दिया है. उन्होंने साफ कहा कि आगे ब्याज दरों में कटौती की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है.आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 15 जुलाई को कहा कि सेंट्रल बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) अगर जरूरी समझेगी तो इस साल ब्याज दरों में कटौती कर सकती है. सीएनबीसी-टीवी18 से बात करते हुए मल्होत्रा ने कहा कि सेंट्रल बैंक तटस्थ रुख अपनाए हुए है, जिसका मतलब है कि वह किसी भी दिशा में जा सकता है. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ‘तटस्थ’ रुख उन्हें ऊपर या नीचे जाने का लचीलापन देता है. उन्होंने कहा कि अप्रैल-जून तिमाही के कम मुद्रास्फीति के आंकड़ों का आकलन केंद्रीय बैंक अपने अनुमान जारी करने के लिए करेगा.

उन्होंने कहा कि ‘हम तटस्थ रुख अपनाए हुए हैं, जिसका मतलब है कि हम सिर्फ़ मौजूदा आंकड़ों के आधार पर ही नहीं, बल्कि भविष्य के आधार पर किसी भी दिशा में आगे बढ़ सकते हैं.’ उल्लेखनीय है कि यह बात ऐसे समय में सामने आई है जब कई विश्लेषकों ने उम्मीद जताई थी कि जून में उम्मीद से अधिक 50 आधार अंकों की कटौती के बाद आरबीआई एमपीसी फिलहाल दरों में कटौती नहीं करेगी. आरबीआई गवर्नर ने समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि ‘एमपीसी बदलती परिस्थितियों को ध्यान में रखेगी और फिर यह फैसला लेगी कि इकोनॉमी को वास्तव में किस प्रकार की दर और नीति की जरूरत है. अगर महंगाई कम है, पूर्वानुमान कम है, विकास कम है, तो निश्चित रूप से दरों में कटौती की जा सकती है.’ उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक को अभी इंतजार करना होगा.

ब्याज दरों में कटौती संभव
जब उनसे पूछा गया कि ब्याज दरों में कटौती का क्या कारण होगा, तो मल्होत्रा ने कहा कि यह मुद्रास्फीति और विकास के आंकड़ों का मिश्रण होगा, साथ ही मूल्य स्थिरता पर भी जोर दिया जाएगा. गौरतलब है कि भारत की थोक मुद्रास्फीति जून में घटकर 20 महीने के निचले स्तर -0.13 प्रतिशत पर आ गई, जबकि पिछले महीने यह 14 महीने के निचले स्तर 0.4 प्रतिशत पर आ गई थी, जैसा कि 14 जुलाई को जारी आंकड़ों से पता चलता है. यह लगातार तीसरा महीना है जब यह 1 प्रतिशत से नीचे रही है.

जून में रेपो दर में 50 आधार अंकों की कटौतीभारतीय रिज़र्व बैंक ने जून में रेपो दर में 50 आधार अंकों की कटौती करके इसे 6 प्रतिशत से घटाकर 5.5 प्रतिशत करने के एमपीसी के फैसले की घोषणा की थी. यह बड़ी कटौती फरवरी और अप्रैल में लगातार दो बार 25-25 आधार अंकों की कटौती के बाद की गई है. आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने सीआरआर में 100 आधार अंकों की कटौती की भी घोषणा की , जो 6 सितंबर, 4 अक्टूबर, 1 नवंबर और 29 नवंबर से शुरू होकर 25 आधार अंकों की 4 बराबर किस्तों में लागू होगी. आरबीआई एमपीसी की अगली बैठक 4 अगस्त से 6 अगस्त तक आयोजित होगी.Rakesh SinghRakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in …और पढ़ेंRakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in … और पढ़ेंLocation :New Delhi,DelhihomebusinessRBI गर्वनर की बात से लगता है अभी और सस्ता होगा लोन, कही दिल खुश करने वाली बात

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