Agency:भाषाLast Updated:February 25, 2025, 08:38 ISTGovernment Stake Sell Planning: सरकारी बैंकों और लिस्टेड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन में हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार ने मर्चेंट बैंकरों और लॉ फर्म से बोलियां मांगी हैं.फाइल फोटोहाइलाइट्ससरकार सरकारी बैंकों में हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है.मर्चेंट बैंकरों और लॉ फर्म से बोलियां मांगी गई हैं.आवेदन की अंतिम तारीख 27 मार्च है.नई दिल्ली. निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने सरकारी बैंकों और लिस्टेड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन में सरकार की हिस्सेदारी बेचने में मदद के लिए मर्चेंट बैंकरों और लॉ फर्म से बोलियां मांगी हैं. DIPAM के आरएफपी (अनुरोध प्रस्ताव) के अनुसार मर्चेंट बैंकरों और विधि फर्मों को तीन साल के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा. उनका कार्यकाल एक साल तक बढ़ाया जा सकता है. वित्त मंत्रालय के अधीन दीपम सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थाओं में सरकारी हिस्सेदारी का प्रबंधन करता है.
चयनित मर्चेंट बैंकर और विधि फर्म चुनिंदा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों/ सूचीबद्ध सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बेचने के लिए लेनदेन के समय सरकार को सलाह देंगे. मर्चेंट बैंकरों के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख 27 मार्च है.
मर्चेंट बैंकर पूंजी बाजार लेनदेन को संभालने की क्षमता के आधार पर दो श्रेणियों के तहत दीपम के साथ सूचीबद्ध होने के लिए आवेदन कर सकते हैं. पहली श्रेणी ‘ए प्लस’ 2,500 करोड़ रुपये या उससे अधिक के लेनदेन के लिए है। इसी तरह 2,500 करोड़ रुपये से कम लेनदेन के लिए श्रेणी ‘ए’ होगी.
अब तक सरकारी क्षेत्र के कई बैंक और वित्तीय संस्थान बाजार नियामक सेबी द्वारा अनिवार्य न्यूनतम 25 प्रतिशत पब्लिक शेयर होल्डिंग के नियमों को पूरा नहीं कर पाए हैं. सरकार ने ऐसी गैर-अनुपालन संस्थाओं के लिए सरकारी हिस्सेदारी कम करने और मानदंडों को पूरा करने के लिए 1 अगस्त, 2026 की समयसीमा तय की है.
फिलहाल, 5 सरकारी बैंकों को न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता नियमों को पूरा करना बाकी है. सरकार के पास अभी पंजाब एंड सिंध बैंक में 98.3 फीसदी, इंडियन ओवरसीज बैंक में 96.4 फीसदी, यूको बैंक में 95.4 फीसदी, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में 93.1 फीसदी और बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 86.5 फीसदी हिस्सेदारी है.
इसके अलावा, वित्तीय संस्थान आईआरएफसी में सरकारी की 86.36 प्रतिशत हिस्सेदारी, बीमा कंपनी द न्यू इंडिया एश्योरेंस में 85.44 प्रतिशत, जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन में 82.40 प्रतिशत स्टैक है. वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2021-22 के बजट भाषण में आईडीबीआई बैंक के अलावा दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्राइवेटाइजेशन की सरकार के इरादे का ऐलान किया था.
(भाषा से इनपुट के साथ)
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :February 25, 2025, 08:04 ISThomebusinessसरकारी बैंकों में सरकार बेचने जा रही अपनी हिस्सेदारी, बैंकरों से मांगी बोलियां
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