Last Updated:March 12, 2025, 11:23 ISTLIC Disinvestment : सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी एलआईसी में सरकार अपनी हिस्सेदारी रणनीतिक रूप से बेच रही है. सेबी के नियमों के तहत सरकार को कंपनी में हिस्सेदारी 10 फीसदी घटाकर 90 फीसदी पर लाना है.सरकार को मई, 2027 तक एलआईसी में 10 फीसदी हिस्सेदारी घटाना है. हाइलाइट्ससरकार एलआईसी में 3% हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है.सेबी के नियमों के तहत सरकार को 2027 तक 10% हिस्सेदारी घटानी है.एलआईसी का बाजार पूंजीकरण 4.8 लाख करोड़ रुपये है.नई दिल्ली. देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) में सरकार अपनी हिस्सेदारी धीरे-धीरे करके बेच रही है. 2 साल पहले एलआईसी का आईपीओ लाने के बाद सरकार ने एक बार फिर 2 से 3 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर ली है. ऐसे में निवेशकों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर सरकार इस कंपनी में अपनी हिस्सेदारी क्यों बेच रही है.
दरअसल, केंद्र सरकार को सेबी के नियमों के तहत मई, 2027 तक एलआईसी में अपनी हिस्सेदारी 10 फीसदी कम करनी है, जिसे पब्लिक इश्यू के रूप में जारी करना होगा. ऐसे में तैयारी है कि 2025-26 तक सरकार को कंपनी का 10 फीसदी हिस्सा बाजार में लाना होगा. माना जा रहा है कि सरकार यह पूरी हिस्सेदारी एक बार में नहीं बेचेगी, बल्कि कई छोटे हिस्से में बेची जाएगी. इससे बाजार में ज्यादा बाधा नहीं आएगी. फिलहाल सरकार बाजार के सुधरने का इंतजार कर रही है.
अभी कितनी है हिस्सेदारीकेंद्र सरकार के पास वर्तमान में LIC में 96.5 फीसदी हिस्सेदारी है. मई 2022 में 3.5 फीसदी इक्विटी जनता को बेची गई थी. इस आईपीओ के जरिये कंपनी ने 21,000 करोड़ रुपये जुटाए थे. सरकार एक बार फिर 3 फीसदी तक हिस्सेदारी बेचने की तैयारी है. इससे सरकार 9,500 करोड़ रुपये से 14,500 करोड़ रुपये तक जुटाए जा सकते हैं. यह अनुमान LIC के मौजूदा बाजार पूंजीकरण लगभग 4.8 लाख करोड़ रुपये पर आधारित है.
सेबी ने बनाया नियमसिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने शुरू में LIC को मई 2024 तक 10 फीसदी न्यूनतम सार्वजनिक शेयरधारिता का नियम पूरा करने का निर्देश दिया था. हालांकि, इस समय सीमा को बढ़ाकर 16 मई 2027 कर दिया गया है, जिससे सरकार को अपनी विनिवेश रणनीति को लागू करने के लिए अतिरिक्त समय मिल गया है. सरकार को अभी कंपनी में 6.5 फीसदी हिस्सेदारी बेचनी होगी, तभी सेबी के नियमों का पालन किया जा सकेगा. ऐसे में माना जा रहा कि 2 बार में सरकार अपनी हिस्सेदारी घटाकर 90 फीसदी तक ले आएगी.
घट गया कंपनी का वैल्यूएशनएलआईसी के बाजार मूल्य में उसकी लिस्टिंग के बाद से काफी गिरावट आई है. मई 2022 में इसका बाजार पूंजीकरण 5.5 लाख करोड़ रुपये था, जो अब घटकर 4.8 लाख करोड़ रुपये तक आ गया है. इस तरह कंपनी को करीब 70 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. कमजोर निवेशक भावना और बाहरी बाजार की चुनौतियों ने एलआईसी के शेयरों को और प्रभावित किया है, जो मंगलवार को बीएसई पर 754.10 रुपये पर ट्रेड कर रहा था.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 12, 2025, 11:23 ISThomebusinessएलआईसी में अपना हिस्सा क्यों बेच रही सरकार? अब 3 फीसदी बेचने की तैयारी
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