कैसे होगा ऑनलाइन गेमिंग सट्टे का खात्मा? सरकार को मिलाना होगा इन लोगों से हाथ

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Last Updated:March 06, 2025, 15:40 ISTIllegal Online Gaming: ऑनलाइन गेमिंग कारोबार जैसे गैरकानूनी सेक्टर का सालाना आकार 100 अरब डॉलर से अधिक है और यह प्रति वर्ष 30 प्रतिशत की दर से तेजी से बढ़ रहा है.हाइलाइट्सअवैध ऑनलाइन गेमिंग का आकार 100 अरब डॉलर से अधिक है.सरकार को गूगल और मेटा के साथ मिलकर प्रयास करना होगा.सोशल मीडिया पर जुए का प्रचार रोकना जरूरी है.नई दिल्ली. भारत में तेजी से बढ़ते अवैध ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर के खात्मे के लिए जरूरी है कि सरकार गूगल और मेटा जैसी बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ मिलकर प्रयास करे. एक रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है. रिसर्च इंस्टीट्यूशन ‘डिजिटल इंडिया फाउंडेशन’ ने एक रिपोर्ट में कहा कि गैरकानूनी ऑपरेटर डिजिटल विज्ञापन और मार्केटिंग चैनलों, भुगतान पारिस्थितिकी और सॉफ्टवेयर प्रदाताओं के बेहद परिष्कृत नेटवर्क के जरिये अपना संचालन बरकरार रखने में सफल रहते हैं. रिपोर्ट कहती है, ‘‘इस गैरकानूनी क्षेत्र का सालाना आकार 100 अरब डॉलर से अधिक है और यह प्रति वर्ष 30 प्रतिशत की दर से तेजी से बढ़ रहा है. ऐसा डिजिटल माध्यम को तेजी से अपनाने, प्रौद्योगिकी प्रगति और नियामकीय अनिश्चितता बढ़ने के कारण है.’’

रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय नियामकों को गूगल और मेटा जैसे सोशल मीडिया दिग्गजों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करने की जरूरत है क्योंकि ऑनलाइन जुए से संबंधित प्रचार पर लगाम लगा पाना काफी असंगत बना हुआ है.

मनी लॉन्ड्रिंग और फर्जी पेमेंट तेजी से बढ़े

डिजिटल इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक अरविंद गुप्ता ने कहा कि ऐसा होने से धनशोधन और अवैध भुगतान तेजी से बढ़ा है. उन्होंने कहा कि गूगल और मेटा जैसी कंपनियां विज्ञापन और सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (एसईओ) से लाभ कमाती हैं. शायद यही कारण है कि ये कंपनियां अक्सर अवैध सट्टेबाजी और जुआ फर्मों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने में नाकाम रहती हैं.

गुप्ता ने कहा, ‘‘इन कंपनियों का कम-से-कम एक तिहाई हिस्सा इन वेबसाइट के जरिये ही आ रहा है. बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियां विज्ञापन से पैसा कमा रही हैं। प्रभावशाली लोग भी इसके प्रभाव को ध्यान में रखे बगैर गलत तरीके से इनका प्रचार कर रहे हैं.’’

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अवैध जुए और सट्टेबाजी का पैमाना बहुत बड़ा है. अक्टूबर और दिसंबर, 2024 के बीच चार मंचों पर 1.6 अरब से अधिक लोग पहुंचे. विश्लेषण से पता चलता है कि इस आवाजाही को बढ़ाने में सोशल मीडिया की अहम भूमिका रही है. गुप्ता ने कहा, ‘‘जुए से जुड़े मंच सरोगेट कंपनियां बनाकर और उनके माध्यम से भुगतान लेकर या वितरण चैनल बनाकर भुगतान मानदंडों को दरकिनार कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि वित्तीय और भुगतान प्रणालियों को इन साइट पर भुगतान को रोकना चाहिए. गुप्ता ने समय की मांग के रूप में बहुआयामी दृष्टिकोण और ‘रिवर्स गेमप्ले’ की वकालत की.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 06, 2025, 15:40 ISThomebusinessकैसे होगा ऑनलाइन गेमिंग सट्टे का खात्मा? सरकार को मिलाना होगा इन लोगों से हाथ

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