केंद्र सरकार ने सहारा जमाकर्ताओं के लिए रिफंड अमाउंट की लिमिट बढ़ाई.रिफंड लिमिट को 10,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया है. CRCS-सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए जमाकर्ता रिफंड के लिए क्लेम कर सकते हैं.
नई दिल्ली. सहारा समूह की बचत योजनाओं में पैसा फंसा चुके लाखों निवेशकों को अपने रिफंड का इंतजार है. इस मामले में केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. दरअसल सरकार ने रिफंड अमाउंट की लिमिट को 10,000 से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया है. सहकारिता मंत्रालय के एक सीनियर अफसर ने कहा कि इससे अगले 10 दिनों में करीब 1000 करोड़ रुपये का पेमेंट किया जाएगा. सरकार ने अब तक CRCS-सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए सहारा समूह की सहकारी समितियों के 4.29 से ज्यादा जमाकर्ताओं को 370 करोड़ रुपये जारी किए हैं. सरकार रिफंड जारी करने से पहले जमाकर्ताओं के क्लेम की सावधानी से जांच कर रही है.
क्या है CRCS-सहारा रिफंड पोर्टल
सहारा जमाकर्ताओं को रिफंड की रकम लौटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पर जुलाई 2023 को सीआरसीएस-सहारा रिफंड पोर्टल शुरू किया गया था. सुप्रीम कोर्ट के 29 मार्च, 2023 के आदेश के तहत मई, 2023 को सेबी-सहारा रिफंड खाते से 5000 करोड़ रुपये की रकम केंद्रीय सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (सीआरसीएस) को ट्रांसफर कर दी गई थी.
सहारा ग्रुप पर सख्त सुप्रीम कोर्ट
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह को कड़ी फटकार लगाई थी. हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने सहारा ग्रुप से कहा था कि वह अपनी संपत्ति बेचकर निवेशकों का पैसा लौटा सकता है. कोर्ट ने कहा कि सेबी-सहारा रिफंड खाते में 10,000 करोड़ रुपये जमा करने के लिए समूह को प्रॉपर्टी बेचने से कोई रोक नहीं सकता है.
अगस्त 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने सहारा समूह की कंपनियां – एसआईआरईसीएल और एसएचआईसीएल निवेशकों की जमा की गई राशि को 15 प्रतिशत सालाना ब्याज के साथ सेबी को वापस करेंगी. बता दें कि सहारा समूह ने अपनी छोटी बचत योजनाओं के जरिए जमाकर्ताओं से करोड़ों रुपये जुटाया था. लेकिन, ग्रुप के आर्थिक हालात बिगड़ने पर जमाकर्ताओं का पैसा पिछले 12 सालों से फंसा हुआ है.
Tags: Business news, Sahara India, Small Saving Schemes
FIRST PUBLISHED : September 19, 2024, 08:47 IST