Last Updated:June 15, 2025, 17:28 ISTGold Return : इजरायल-ईरान जंग से वित्तीय बाजारों में गिरावट आई, लेकिन सोने का भाव ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम के ऐतिहासिक स्तर को पार कर गया. पिछले 20 वर्षों में सोने ने 1200% से ज्यादा रिटर्न दिया है.बीते 20 वर्षों में से 16 वर्षों में सोने ने पॉजिटिव रिटर्न दिया है.हाइलाइट्सइजरायल-ईरान जंग से सोने का भाव ₹1 लाख प्रति 10 ग्राम पार.पिछले 20 वर्षों में सोने ने 1200% से ज्यादा रिटर्न दिया.संकट के समय सोने ने निवेशकों को सहारा दिया.नई दिल्ली. इजरायल-ईरान जंग ने पूरी दुनिया में अफरा-तफरी मचा दी है. वित्तीय बाजारों का तो बुरा हाल है. पिछले कारोबारी सत्र यानी शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार, वॉल स्ट्रीट और एशियाई बाजारों में जोरदार गिरावट की गई. गहराते भू-राजनीतिक संकट से सबने शेयर बाजार से पैसा निकालने में ही अपनी भलाई समझी. लेकिन, इस संकट की घड़ी में सोने पर निवेशकों का भरोसा बरकरार रहा. यही वजह है कि शुक्रवार को एमसीएक्स पर सोने का भाव 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के ऐतिहासिक स्तर को पार कर गया. यह पहली बार नहीं है जब अंतरराष्ट्रीय संकटों और आर्थिक अनिश्चितताओं के दौर में सोने ने शानदार रिटर्न दिया है. पिछले 20 वर्षों से बार-बार ऐसा हुआ है. जब-जब इक्विटी या चांदी फिसले, तब-तब सोने ने निवेशकों को संभाला है.पिछले 20 वर्षों में सोने ने 1200% से ज्यादा का रिटर्न देकर साबित कर दिया है कि यह सबसे भरोसेमंद निवेश विकल्प है. इस अवधि में सोने के रिटर्न की बराबरी ने चांदी कर पाई है और न शेयर बाजार. केडिया एडवाइजरी की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2005 में सोने का भाव ₹7,638 प्रति 10 ग्राम था, जो अब ₹1,00,000 को पार कर चुका है. यानी इन 20 वर्षों में सोने ने 1200.84% की वृद्धि दर्ज की है. इसी अवधि में सेंसेक्स ने 814.86% और चांदी ने 668.84% का रिटर्न दिया है. हालांकि, इन दोनों एसेट क्लास में बाजार के उतार-चढ़ाव के समय भारी अस्थिरता देखी गई, जबकि सोने पर कोई नकारात्मक असर नहीं हुआ.
संकट के समय गोल्ड ने ही दिया साथ
इतिहास गवाह है कि जब भी वैश्विक या घरेलू बाजारों में संकट आया, सोने ने निवेशकों को सहारा दिया. वर्ष 2008 में, जब सेंसेक्स 52.44% तक टूट गया, उस समय सोना 28.6% मजबूत हुआ. 2011 और 2020 जैसे वर्षों में, जब शेयर बाजार करेक्शन मोड में थे, तब भी सोने ने बेहतर प्रदर्शन किया. 2013 और 2015 जैसे वर्षों में भी जब अधिकांश एसेट क्लास नीचे जा रहे थे, सोने की गिरावट तुलनात्मक रूप से बहुत कम रही.
सोने ने 20 सालों में 16 बार दिया पॉजिटिव रिटर्न
बीते 20 वर्षों में से 16 वर्षों में सोने ने पॉजिटिव रिटर्न दिया है, जबकि सेंसेक्स और चांदी ने कई बार नकारात्मक प्रदर्शन किया. चांदी ने 2009 और 2010 में तो शानदार रिटर्न दिया, लेकिन 2013 में -24.25% की बड़ी गिरावट भी देखी. वहीं सेंसेक्स ने 2008 की मंदी में निवेशकों की संपत्ति को बुरी तरह प्रभावित किया.
क्यों जरूरी है सोने में निवेश?
केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का मानना है कि, “जब भी बाजार में अनिश्चितता या वैश्विक संकट होता है, निवेशक सोने की ओर रुख करते हैं. इसकी स्थिरता और सुरक्षा की भावना इसे एक सुरक्षित और लाभदायक निवेश विकल्प बनाती है.”उन्होंने यह भी बताया कि बाजार में गिरावट के समय सोने की मजबूती इस बात का प्रमाण है कि यह निवेशकों की पहली पसंद बन चुका है. यही वजह है कि पिछले दो दशकों में सोना सबसे विश्वसनीय एसेट क्लास बना हुआ है.Location :New Delhi,New Delhi,Delhihomebusinessजब सब डूबे तब इसने बचाया, शेयर, चांदी या बॉन्ड नहीं इसके आगे कुछ भी
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