Ghaziabad Master Plan: लंबे इंतजार के बाद आखिर पास हो ही गया मास्‍टर प्‍लान

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नई दिल्‍ली. लंबे समय से अटका गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) का मास्टर प्लान 2031 को आखिरकार मंगलवार को मंजूरी मिल गई. जीडीए बोर्ड की बैठक में इस योजना को स्वीकृति दी गई.  इसके पास होने से शहर में रैपिड रेल, मेट्रो और एक्सप्रेसवे कॉरिडोर के आसपास ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (TOD) नीति लागू करने का रास्ता साफ हो गया है. यह नीति शहरी क्षेत्रों में सुनियोजित और टिकाऊ विकास को बढ़ावा देगी.

इस मास्टर प्लान में कुल 33,543.1 हेक्टेयर क्षेत्र को शामिल किया गया है, जिसमें गाजियाबाद में 18,687.8 हेक्टेयर, मोदीनगर में 6,874.9 हेक्टेयर और लोनी क्षेत्र में 7,980.4 हेक्टेयर भूमि शामिल है. यह योजना राज्य सरकार की राजपत्र अधिसूचना के बाद प्रभाव में आएगी, जिसकी उम्मीद अगले एक माह में की जा रही है.

यहां बनाया गया है टीओडी जोन

मास्टर प्लान के तहत टीओडी और स्पेशल डेवलपमेंट एरिया (एसएडी) जोन को मिक्स्ड यूज कैटेगरी के रूप में विकसित किया जाएगा. इन क्षेत्रों में उच्च फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) के तहत आवासीय और व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. रैपिड रेल कॉरिडोर के 1.5 किलोमीटर दायरे में 4,261.43 हेक्टेयर क्षेत्र को टीओडी जोन बनाया जाएगा, जबकि रेड लाइन और ब्लू लाइन मेट्रो कॉरिडोर के 500 मीटर दायरे में 616.61 हेक्टेयर क्षेत्र को शामिल किया गया है. इसके अलावा, दुहाई रैपिड रेल डिपो के आसपास 909.82 हेक्टेयर में एसएडी क्षेत्र विकसित किया जाएगा.

इन योजनाओं को भी मिली हरी झंडी

बैठक में मधुबन बापूधाम योजना के तहत श्मशान भूमि पर बने 373 प्लॉटों के पुनः आवंटन के लिए संशोधित नक्शे को भी मंजूरी दी गई. जीडीए की ‘पहल’ (PAHAL) योजना को भी हरी झंडी दी गई, जिसके माध्यम से लोग ऑनलाइन संपत्ति से संबंधित भुगतान, विवरण जांच, अलॉटमेंट लेटर डाउनलोड, पंजीकरण और म्यूटेशन के लिए आवेदन कर सकेंगे. इसके अतिरिक्त, यूपी सरकार की ‘प्लेज’ योजना के तहत गैलैंड क्षेत्र में 0.431 हेक्टेयर भूमि के उपयोग को कृषि से औद्योगिक में बदलने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गई. इस बदलाव से औद्योगिक निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा.

किसानों को मिलेगी चार गुना ज्‍यादा कीमत

बैठक में हरनंदीपुरम टाउनशिप के लिए पांच गांवों—मथुरापुर, शमशेर, चंपटनगर, भनेरा खुर्द और नगला फीरोज-मोहन नगर—से 336 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण के लिए ₹2,384 करोड़ के बजट को भी मंजूरी दी गई. इस राशि में 7% स्टांप ड्यूटी और 1% पंजीकरण शुल्क शामिल हैं. डीएम की अध्यक्षता वाली समिति ने किसानों को भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम 2013 के तहत वर्तमान सर्किल रेट का चार गुना मुआवज़ा देने की सिफारिश की है.

मथुरापुर में किसानों को ₹1,020 के स्थान पर ₹4,080 प्रति वर्ग मीटर, शमशेर में ₹1,690 के स्थान पर ₹6,760 प्रति वर्ग मीटर और चंपटनगर में ₹1,010 के स्थान पर ₹4,040 प्रति वर्ग मीटर का भुगतान किया जाएगा. भनेरा खुर्द के किसानों को ₹1,060 की जगह ₹4,240 प्रति वर्ग मीटर और सबसे अधिक भूमि अधिग्रहण वाले नगला फीरोज-मोहन नगर में किसानों को ₹1,800 की जगह ₹7,200 प्रति वर्ग मीटर का मुआवज़ा मिलेगा.

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