100% नहीं है डॉबर का रियल जूस! सरकार की एजेंसी ने कोर्ट में दिया हलफनामा, कहा- ग्राहकों को बहका रही कंपनी

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Last Updated:April 30, 2025, 18:52 ISTFSSAI vs Dabur Fruit Juice : भारतीय खाद्य नियामक प्राधिकरण ने दिल्‍ली हाईकोर्ट में हलफनामा देकर बताया है कि डाबर के रियल फ्रूट जूस पर लगा 100 फीसदी का लेबल सही नहीं है, क्‍योंकि इसमें पानी मिलाया जाता है.डॉलर के रियल फ्रूट जूस को लेकर दिल्‍ली हाईकोर्ट में मुकदमा चल रहा है. हाइलाइट्सFSSAI ने डाबर के 100% फ्रूट जूस दावे को गलत बताया.डाबर का दावा उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाला है.7 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.नई दिल्‍ली. खाने-पीने की चीजों पर नजर रखने वाली सरकारी एजेंसी भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया है कि डाबर का ‘100% फ्रूट जूस’ का दावा सही नहीं है. मौजूदा खाद्य सुरक्षा नियमों के तहत डॉबर को अपनी पैकेजिंग पर 100 फीसदी फ्रूट जूस लिखने की अनुमति नहीं है. कंपनी का यह कदम उपभोक्‍ताओं को गुमराह करने वाला है. FSSAI ने इस बारे में हाईकोर्ट को हलफनामा भी दिया है.

FSSAI ने अदालत में तर्क दिया है कि वर्तमान खाद्य लेबलिंग मानदंड ‘100%’ जैसे संख्यात्मक विवरणकों को मान्यता नहीं देते हैं और ऐसे दावे उपभोक्ताओं को उत्पाद के बारे में गलत धारणा दे सकते हैं. खासकर जूस जैसे प्रोडक्‍ट के बारे में, जिसमें पानी जैसी अतिरिक्‍त सामग्री शामिल होती है. FSSAI ने हाईकोर्ट में प्रस्तुत एक हलफनामे में जोर देकर कहा कि खाद्य सुरक्षा और मानक (विज्ञापन और दावे) विनियम, 2018 के तहत विशेष रूप से अनुसूची V में ‘100%’ शब्द खाद्य उत्पादों के लिए मान्यता प्राप्त नहीं है.

पहले ही दिया था नोटिफिकेशनFSSAI ने जून 2024 में एक अधिसूचना जारी की थी जिसमें फूड बिजनेस से जुड़े कारोबारियों को फलों के रस के लेबल और विज्ञापन से ‘100% फल रस’ जैसे दावे हटाने का निर्देश दिया गया था. इसके जवाब में रियल रेंज के फ्रूट जूस बनाने वाली कंपनी डाबर ने तर्क दिया कि FSSAI का निर्देश कानूनी रूप से गलत है और मौजूदा नियमों की गलतफहमी से उत्पन्न हुआ है.

कंपनी ने क्‍या किया दावाकंपनी ने दावा किया कि उसके जूस जैसे रियल एक्टिव व फल के कंसन्ट्रेट में पानी मिलाकर बनाए जाते हैं, जिससे प्राकृतिक जूस की संरचना बनी रहती है. उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया FSSAI के मानकों का पालन करती है, जिससे ‘100% फ्रूट जूस’ का लेबल सही ठहराया जा सकता है. हालांकि, खाद्य नियामक ने अपने हलफनामे में कहा कि ‘100%’ का दावा जारी रखना उपभोक्ताओं को गुमराह करता है, खासकर जब उत्पाद में पानी मिलाया गया हो या कंसन्ट्रेट से छेड़छाड़ की गई हो.

7 जुलाई को होगी सुनवाईफिलहाल यह मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में विचाराधीन है और अगली सुनवाई की तारीख 7 जुलाई है. अभी तक डाबर को कोई अंतरिम राहत नहीं मिली है. डाबर ने FSSAI के निर्देश को चुनौती दी थी. इस साल मार्च में दिल्ली उच्च न्यायालय ने डाबर द्वारा दायर याचिका के जवाब में FSSAI को नोटिस जारी किया था, जो नियामक के निर्देश को चुनौती दे रही थी.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :April 30, 2025, 18:49 ISThomebusiness100% नहीं है डॉबर का रियल जूस! सरकार की एजेंसी ने कोर्ट में दिया हलफनामा

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