Last Updated:May 08, 2025, 12:11 ISTSafran in India : पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर बम बरसाने में फ्रांस की कंपनी की सबसे बड़ी भागीदारी रही है. फ्रांस की कंपनी साफरान के बनाए बमों से ही इन आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया था. यह कंपनी क्या-क्…और पढ़ेंफ्रांस की कंपनी साफरान के बनाए बम ही पाकिस्तान में गिराए गए. हाइलाइट्सफ्रांस के बमों से पाक आतंकी ठिकाने ध्वस्त हुए.साफरान कंपनी ने एमके 30 सीरीज के बम बनाए.भारत में साफरान के 2,400 से ज्यादा कर्मचारी हैं.नई दिल्ली. पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने में सबसे ज्यादा योगदान फ्रांस का दिखा. अगर आपको पढ़कर यकीन नहीं हो रहा तो पूरी खबर को पढि़ये. भारत के एयर स्ट्राइक में इस्तेमाल होने वाले लड़ाकू विमान से लेकर बम तक सभी फ्रांस की कंपनी से ही आए थे. आतंकी ठिकानों पर गिराए बम फ्रांस की कंपनी साफरान बनाती है. यह कंपनी एमके 30 सीरीज के बम का निर्माण करती है, जिनका इस्तेमाल उन्नत किस्म के लड़ाकू विमानों में किया जाता है. यही बम पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर बरसाए गए.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. इन ठिकानों पर बरसाए गए एमके 30 सीरीज के बम एक तरह से गाइडेड मिसाइलों की तरह काम करते हैं. इन बमों को फ्रांस की कंपनी साफरान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड डिफेंस की ओर से विकसित किया जाता है. यह कंपनी पारंपरिक बमों को स्मार्ट हथियार में डिजाइन करती है, जिससे इन बमों की सटीकता और रेंज काफी बढ़ जाती है.
क्या-क्या बनाती है साफरानयह कंपनी AASM HAMMER सीरीज के बम बनाती है, जो एक मॉड्यूलर और सटीक-निर्देशित बम प्रणाली है. इन बमों की लंबी रेंज होती है और ये अपने सटीक निशाने के लिए जाने जाते हैं. यह कंपनी कई रेंज के बम बनाती है. इसमें HAMMER 250 को हल्के और सटीक निशाने के लिए जाना जाता है. इन बमों का वजन 227 किलोग्राम (500 पाउंड) है, जो Mk82 बमों के लिए डिजाइन किया गया है. इसके अलावा HAMMER 1000 सीरीज वाले बम भी बनाए जाते हैं, जो 908 किलोग्राम (2,000 पाउंड) के होते हैं. इन बमों को Mk84 नाम दिया जाता है.
कैसे इस्तेमाल होते हैं यह बमसाफरान कंपनी के बनाए बमों को जीपीएस, इन्फ्रारेड या लेजर गाइडेंस की मदद से सटीक निशाने पर गिराया जा सकता है. इन बमों को कई तरह के विमानों में इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे फ्रेंच राफेल फाइटर, अमेरिका के F-16 और रूस के मिराज 2000 लड़ाकू विमानों में इन बमों का इस्तेमाल होता है. इसका इस्तेमाल घरेलू फाइटर जेट तेजस में भी किया जा सकता है.
साफरान की भारत में बड़ी हिस्सेदारीभारत को हथियार उपलब्ध कराने में साफरान की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है. इसी कंपनी ने साल 2016 में भारत को 36 राफेल विमान उपलब्ध कराने में बड़ी भूमिका निभाई थी. यह कंपनी विमान के M88 इंजन, पावर ट्रांसमिशन सिस्टम, लैंडिंग गियर, पहिए और कार्बन ब्रेक, रिंग लेजर जाइरो इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, फ्लाई-बाय-वायर सिस्टम के लिए जाइरोस्कोप, सहायक पावर यूनिट (APU) और सभी वायरिंग सिस्टम जैसे उपकरण बनाती है. इतना ही नहीं भारतीय वायु सेना और नौसेना द्वारा उपयोग किए जाने वाले 500 से अधिक लड़ाकू विमान साफरान द्वारा निर्मित इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम से ही लैस हैं.
भारत में कंपनी के कई कर्मचारीभारत में इस्तेमाल होने वाले 75 फीसदी से ज्यादा लड़ाकू विमानों और जंगी हेलीकॉप्टर के उपकरण यही कंपनी तैयार करती है. 1,400 से ज्यादा हेलीकॉप्टर टरबाइन भी इसी कंपनी के होते हैं. इस कंपनी के भारत में भी 2,400 से ज्यादा कर्मचारी हैं. इसका मतलब है कि यह कंपनी भारत के डिफेंस सिस्टम का एक बड़ा हिस्सा बन चुकी है.
Pramod Kumar Tiwariप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ेंप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessपाकिस्तान पर बम बरसाने में फ्रांस का भी बड़ा हाथ! यहीं से आया था हथियार
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