अब सस्‍ता होगा सोयाबीन और सूरमुखी का तेल! सरकार ने कंपनियों की कस दी है नकेल

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Last Updated:June 12, 2025, 07:12 ISTसरकार ने कच्चे सूरजमुखी, सोयाबीन और पाम ऑयल पर सीमा शुल्क 20% से घटाकर 10% किया है. कंपनियों को MRP और PTD में कटौती का आदेश दिया गया है ताकि उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत मिल सके.खाने के तेल की महंगाई से मिलेगी राहत.
हाइलाइट्ससरकार ने कच्चे तेल पर सीमा शुल्क 20% से घटाकर 10% किया.कंपनियों को MRP और PTD में कटौती का आदेश दिया गया.सोयाबीन और सूरजमुखी तेल की कीमतें कम हो सकती हैं.नई दिल्ली. सरकार ने देश में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कच्‍चे खाद्य तेलों के मूल सीमा शुल्क (BCD) में 50 फीसदी की कटौती की थी. इस कटौती के बाद कच्चे सूरजमुखी, सोयाबीन और पाम ऑयल पर शुल्क 20 फीसदी से घटकर 10 फीसदी हो गया है. अब सरकार ने कंपनियों को इस कटौती का लाभ उपभोक्‍ताओं को देने का आदेश दिया है. केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने खाद्य तेल उद्योग को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि तेल कंपनियां अपने अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) और वितरक मूल्य (PTD) में तुरंत कटौती करे. ऐसा होने पर सोयाबीन और सूरमुखी जैसे खाद्य तेलों की कीमत कम हो सकती है.यह निर्णय खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद लिया गया, जिसमें प्रमुख तेल कंपनियों और उद्योग संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक के बाद मंत्रालय ने एक सलाह जारी कर कहा कि सभी कंपनियां अपनी ब्रांडवार कीमतों में तुरंत कटौती करें और हर हफ्ते नई एमआरपी शीट मंत्रालय के साथ साझा करें.

ग्राहकों को पहुंच लाभ

सरकार ने उद्योग को एक निर्धारित फॉर्मेट में एमआरपी और पीटीडी की जानकारी भेजने के निर्देश दिए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सप्लाई चेन के जरिए यह लाभ समय पर उपभोक्ताओं तक पहुंचे और खुदरा स्तर पर कीमतों में कमी साफ महसूस हो. मंत्रालय ने यह भी कहा कि इस कदम का मकसद उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत देना है.

सोयाबीन, सूरजमुखी तेल का रेट घटेगा

गौरतलब है कि पिछले साल जब सरकार ने आयात शुल्क बढ़ाया था, तो खाद्य तेल की कीमतों में तेज़ उछाल आया था. इसका असर आम जनता की जेब पर साफ नजर आया और खाद्य महंगाई में इजाफा हुआ. इसी को देखते हुए अब सरकार ने कच्चे सूरजमुखी, सोयाबीन और पाम तेल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) को 20% से घटाकर 10% कर दिया है. अब इससे इन तेलों की कीमत घटने की संभावना बन गई है.

इस कटौती से कच्चे और रिफाइंड तेल के बीच शुल्क का अंतर बढ़कर 19.25% हो गया है, जो पहले 8.75% था. अधिकारियों का कहना है कि इससे देश की रिफाइनिंग यूनिट्स को बढ़ावा मिलेगा और रिफाइंड तेल के आयात में कमी आएगी. सरकार का मानना है कि खाद्य तेलों पर आयात शुल्क उनकी लैंडेड कॉस्ट और खुदरा कीमतों को सीधा प्रभावित करता है. शुल्क घटाकर सरकार खुदरा बाजार में कीमतें कम करना चाहती है ताकि उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिल सके.Location :New Delhi,New Delhi,Delhihomebusinessअब सस्‍ता होगा सोयाबीन और सूरमुखी का तेल! सरकार ने कंपनियों की कस दी है नकेल

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