Last Updated:June 05, 2025, 22:07 ISTफ्लिपकार्ट को आरबीआई से एनबीएफसी लाइसेंस मिला, जिससे वह सीधे कर्ज, ईएमआई और “बाय नाउ, पे लेटर” जैसी सुविधाएं दे सकेगा. इससे ग्राहकों को तेजी से लोन मिल सकेगा.आरबीआई ने फ्लिपकार्ट को एनबीएफसी का लाइसेंस दे दिया है. हाइलाइट्सफ्लिपकार्ट को आरबीआई से एनबीएफसी लाइसेंस मिला.अब फ्लिपकार्ट सीधे कर्ज, ईएमआई और “बाय नाउ, पे लेटर” दे सकेगा.ग्राहकों को तेजी से लोन और बेहतर यूजर एक्सपीरियंस मिलेगा.नई दिल्ली. ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट को भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) से नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) का लाइसेंस मिल गया है. इससे अब यह कंपनी अपने ग्राहकों को सीधे कर्ज, ईएमआई (EMI) या “बाय नाउ, पे लेटर” जैसी सुविधाएं देने की दिशा में कदम बढ़ा सकेगी. यह मंजूरी मार्च 2025 में दी गई थी, जिसकी अब आधिकारिक पुष्टि हो चुकी है.
हालांकि कंपनी ने अभी यह साफ नहीं किया है कि वह इस लाइसेंस का इस्तेमाल कब और कैसे शुरू करेगी, लेकिन माना जा रहा है कि यह कदम कंपनी को भारत के डिजिटल फाइनेंस मार्केट में और गहराई से उतरने का मौका देगा. फ्लिपकार्ट फिलहाल फेस्टिव सीज़न और बड़ी सेल्स में ईएमआई मॉडल के ज़रिए ग्राहकों को लुभाता रहा है, जो अब वह खुद अपने दम पर कर सकेगा.
क्या है एनबीएफसी लाइसेंस का मतलब?
आरबीआई से एनबीएफसी लाइसेंस मिलने के बाद कोई भी कंपनी फाइनेंस से जुड़ी सेवाएं—जैसे पर्सनल लोन, कंज़्यूमर लोन, इंस्टॉलमेंट फाइनेंसिंग और डेली EMI—सीधे अपने नाम पर दे सकती है. अब तक फ्लिपकार्ट को इसके लिए थर्ड पार्टी लोन कंपनियों या बैंकों का सहारा लेना पड़ता था. लेकिन अब वह अपने दम पर यह सुविधाएं दे पाएगा.
ग्राहकों को क्या फायदा होगा?
जो ग्राहक अब तक थर्ड पार्टी बैंक के अप्रूवल का इंतजार करते थे, उन्हें अब फटाफट ईएमआई या लोन मिल सकेगा.
ऐप के भीतर ही सारी फाइनेंसिंग प्रक्रिया पूरी हो सकेगी, जिससे यूजर एक्सपीरियंस बेहतर होगा.
खासकर टियर 2 और टियर 3 शहरों में जहां क्रेडिट स्कोर का एक्सेस सीमित होता है, वहां फ्लिपकार्ट की NBFC मॉडल उपयोगी साबित हो सकती है.
फ्लिपकार्ट की पृष्ठभूमि
फ्लिपकार्ट की शुरुआत 2007 में सचिन बंसल और बिन्नी बंसल ने की थी. एक छोटे से ऑनलाइन बुकस्टोर से शुरू होकर यह कंपनी आज भारत की सबसे बड़ी ऑनलाइन रिटेल कंपनियों में से एक बन चुकी है. 2018 में अमेरिकी रिटेल दिग्गज वॉलमार्ट ने इसमें 77% हिस्सेदारी करीब 1.6 लाख करोड़ रुपये में खरीदी थी, जो भारत के स्टार्टअप इतिहास की सबसे बड़ी डील मानी जाती है.
भारत में आईपीओ और स्ट्रक्चर चेंज की तैयारी
2025 की शुरुआत में ही फ्लिपकार्ट ने अपने होल्डिंग स्ट्रक्चर को बदलने का ऐलान किया था. कंपनी अब सिंगापुर से अपने होल्डिंग स्ट्रक्चर को भारत ला रही है ताकि आईपीओ (IPO) की राह साफ हो सके. इससे सरकार की “मेक इन इंडिया” और “डिजिटल इंडिया” पहल को भी बल मिलेगा.
क्या कहती है कंपनी?
कंपनी ने एक बयान में कहा था— “हम भारत सरकार की दूरदर्शिता और ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के माहौल से प्रेरित हैं. हम अपने मुख्य ऑपरेशन्स, भारत की विशाल संभावनाओं और डिजिटल इनोवेशन की ताकत को देखते हुए यह स्ट्रक्चरल बदलाव कर रहे हैं.”
Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessअभी सामान लीजिए पैसा बाद में दीजिए! इसी तर्ज पर काम करेगा अब फ्लिपकार्ट?
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