2 महीने पहले 1.80 लाख करोड़ था सरकार का घाटा, कैसे RBI ने कर दिया लगभग खत्म

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Last Updated:June 30, 2025, 23:11 ISTमई 2025 के अंत तक सरकार का राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य का सिर्फ 0.8% रह गया है. इसकी बड़ी वजह रिजर्व बैंक से मिले 2.69 लाख करोड़ रुपये का डिविडेंड है. अप्रैल में यह घाटा 11.9% था.आरबीआई ने सरकार को भारी भरकम डिविडेंड दिया है. हाइलाइट्सRBI से मिले 2.69 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड से घाटा घटा.राजकोषीय घाटा अप्रैल में 11.9% था, मई में घटकर सिर्फ 0.8%.अब तक सरकार ने 7.32 लाख करोड़ की कमाई, 7.46 लाख करोड़ खर्च किया.नई दिल्ली. केंद्र सरकार को रिजर्व बैंक (RBI) से मिले भारी-भरकम लाभांश का असर सरकारी खर्च और कमाई के अंतर यानी राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) पर साफ दिखने लगा है. अप्रैल के अंत तक यह घाटा पूरे साल के लक्ष्य का 11.9% था, लेकिन मई के अंत तक यह घटकर सिर्फ 0.8% रह गया है. यानी सरकार का खर्च अब लगभग उसकी कमाई के बराबर हो गया है और घाटा बेहद कम रह गया है.सरकार को RBI से 2.69 लाख करोड़ रुपये का लाभांश मिला, जिससे उसकी आमदनी में जबरदस्त उछाल आया. इसके चलते सरकार का राजकोषीय घाटा केवल 13,163 करोड़ रुपये रहा, जबकि अप्रैल में यह आंकड़ा 1.86 लाख करोड़ रुपये था. सरकार ने साल 2025-26 के लिए कुल फिस्कल डेफिसिट 15.69 लाख करोड़ रुपये (GDP का 4.4%) रहने का अनुमान लगाया है.

कहां से आई कितनी कमाई?

सरकार को अब तक कुल 7.32 लाख करोड़ रुपये की आमदनी हो चुकी है, जो पूरे साल के अनुमान का 21% है.

इसमें शामिल हैं:

3.5 लाख करोड़ रुपये टैक्स से (सरकार को टैक्स के बाद का हिस्सा)

3.56 लाख करोड़ रुपये गैर-टैक्स इनकम (RBI का डिविडेंड आदि)

25,224 करोड़ रुपये पूंजीगत आय, जैसे लाइसेंस फीस, आदि

इसके अलावा सरकार को लाभांश और मुनाफे के तहत अब तक 2.78 लाख करोड़ रुपये की आमदनी हुई है, जो पूरे साल के लक्ष्य का 86% है.

कितना किया खर्च?

सरकार का कुल खर्च 7.46 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पूरे साल के खर्च के अनुमान (BE) का 14.7% है.

5.24 लाख करोड़ रुपये राजस्व खर्च में (सैलरी, ब्याज, सब्सिडी आदि)

2.21 लाख करोड़ रुपये पूंजी खर्च (बड़ी योजनाएं, इंफ्रास्ट्रक्चर आदि)

1.47 लाख करोड़ रुपये ब्याज भुगतान पर खर्च हुए

51,253 करोड़ रुपये प्रमुख सब्सिडी (खाद्य, उर्वरक, एलपीजी आदि) पर खर्च हुए
राज्यों को मिला कितना?

राज्यों को टैक्स शेयर के रूप में 1.63 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए, जो पिछले साल से करीब 23,720 करोड़ रुपये ज्यादा हैं. RBI से मिली बड़ी रकम के कारण केंद्र सरकार के लिए फिलहाल फिस्कल डेफिसिट यानी घाटा बहुत कम हो गया है. इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार की फाइनेंशियल स्थिति इस साल की शुरुआत में काफी मजबूत रही है. अगर टैक्स कलेक्शन बढ़ता रहा और खर्च नियंत्रण में रहा, तो साल के अंत तक सरकार घाटे को बजट अनुमान के आसपास बनाए रख सकती है.Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusiness2 महीने पहले 1.80 लाख करोड़ था सरकार का घाटा, कैसे RBI ने कर दिया लगभग खत्म

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