ब्रसेल्स. चीन के सामानों और उसकी नीतियों के खिलाफ अमेरिका समेत यूरोपीय संघ एकजुट नजर आ रहा है. चीन के साथ व्यापार विवाद का उचित समाधान नहीं निकल पाने के बाद यूरोपीय यूनियन ने चीन से आयात किए जाने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) पर गुरुवार को टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. यूरोपीय संघ के प्रवक्ता ओलाफ जिल ने कहा कि चीन के साथ व्यापार गतिरोध का हल नहीं निकल पाने के बाद ईवी के आयात पर शुल्क लगाने का फैसला किया गया है. यह फैसला गुरुवार से प्रभावी होगा.
चीन सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों को दी जाने वाली सब्सिडी ने यूरोपीय बाजारों की प्रतिस्पर्धी क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है. अपेक्षाकृत कम दाम वाले आयातित ईवी के मुकाबले यूरोपीय देशों में निर्मित इलेक्ट्रिक वाहन महंगे पड़ते हैं. ऐसे में उन्हें बाजार में अपनी जगह बनाने के लिए कीमतें कम करने के लिए मजबूर होना पड़ा है.
नहीं बनी बात तो EU ने लिया एक्शन
चीन और यूरोपीय संघ के बीच ईवी सब्सिडी का मुद्दा पिछले कुछ समय में एक प्रमुख गतिरोध बिंदु बनकर उभरा है. इसके समाधान के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत भी हुई लेकिन कोई हल नहीं निकल पाया है. यूरोपीय संघ ने इसी संदर्भ में यह कदम उठाया है.
यूरोपीय संघ की कार्यकारी शाखा यूरोपीय आयोग का कहना है कि चीन में निर्मित इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री 2020 में ईवी बाजार का 3.9 प्रतिशत थी लेकिन यह बढ़कर सितंबर, 2023 तक 25 प्रतिशत हो गई. इसके पीछे यूरोपीय संघ के उद्योग की तुलना में आंशिक रूप से कम कीमतों की अहम भूमिका रही.
इससे पहले अमेरिका भी चीन से आयात किए जाने वाले सामानों पर टैरिफ बढ़ा चुका है. अमेरिका के साथ-साथ कनाडा और यूरोपिय संघ ने भी चीन के इलेक्ट्रिक व्हीकल पर टैरिफ लगाने का फैसला लिया है. चीन का अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ ट्रे़ड वॉर चल रहा है.
(भाषा से इनपुट के साथ)
Tags: Business news, China and america, India china dispute
FIRST PUBLISHED : October 30, 2024, 12:55 IST
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