निवेशकों के लिए बुरे गुजरे 6 महीने, 519 में से 3 म्यूचुअल फंडों ने ही दिया पॉजिटिव रिटर्न, बाकी सब फेल

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निवेशकों के लिए बुरे गुजरे 6 महीने, 519 में से 3 म्यूचुअल फंडों ने ही दिया पॉजिटिव रिटर्न, बाकी सब फेल

सितंबर 2024 से भारतीय शेयर बाजार में लगातार गिरावट आई है. हालांकि मार्च 2025 में शेयर बाजार ने रिकवरी की, मगर ओवरऑल गिरावट में ही नजर आ रहा है. बहुत से लोग शेयर बाजार पर म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने को तवज्जो देते हैं, और मानते हैं कि गिरावट में ये फंड ज्यादा नहीं गिरते. बात सही भी है. लेकिन वैल्यू रिसर्च की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि इस गिरावट में 519 इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीमों में से केवल तीन ने पॉजिटिव रिटर्न दिया है.

516 स्कीम ऐसी हैं, जिन्होंने कम या ज्यादा नेगेटिव रिटर्न दिया है. 516 स्कीमों की लिस्ट तो अब यहां दे नहीं सकते, लेकिन उन तीन का जिक्र जरूर करेंगे, जिन्होंने इतनी तगड़ी गिरावट में भी बेहतर रिटर्न दिया है. इन तीन के नाम हैं- आदित्य बिड़ला सन लाइफ इंटरनेशनल इक्विटी फंड, मोतिलाल ओसवाल बिजनेस साइकिल फंड, और निप्पॉन इंडिया यूएस इक्विटी ऑपर्च्युनिटीज फंड.

आदित्य बिड़ला सन लाइफ इंटरनेशनल इक्विटी फंड: यह फंड मुख्यतः विदेशी कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है. पिछले छह महीनों में इसने 2.63% का रिटर्न दिया. 1 जनवरी 2013 को लॉन्च हुआ यह फंड एसएंडपी ग्लोबल 1200 टीआरआई को बेंचमार्क के रूप में उपयोग करता है और इसके प्रबंधन में 199 करोड़ रुपये की संपत्ति है.

मोतीलाल ओसवाल बिजनेस साइकिल फंड: यह थीमैटिक इक्विटी म्यूचुअल फंड है, जो बिजनेस साइकिल-आधारित निवेश रणनीति अपनाता है. 27 अगस्त 2024 को लॉन्च हुए इस फंड ने पिछले छह महीनों में 2.62% का रिटर्न दिया. इसका बेंचमार्क निफ्टी 500 टीआरआई है और इसके प्रबंधन में 1,603 करोड़ रुपये की संपत्ति है.

निप्पॉन इंडिया यूएस इक्विटी ऑपर्च्युनिटीज फंड: यह अंतरराष्ट्रीय म्यूचुअल फंड मुख्यतः अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में निवेश करता है. 23 जुलाई 2015 को लॉन्च हुए इस फंड ने पिछले छह महीनों में 2.30% का रिटर्न दिया. इसका बेंचमार्क एसएंडपी 500 टीआरआई है और इसके प्रबंधन के तहत 725 करोड़ रुपये की संपत्ति है.

क्या होते हैं इक्विटी म्यूचुअल फंड?इक्विटी म्यूचुअल फंड ऐसे फंड होते हैं जो निवेशकों के पैसे को सीधा शेयर बाजार में विभिन्न कंपनियों के स्टॉक्स में निवेश करते हैं. ये फंड लॉन्ग-टर्म ग्रोथ के लिए उपयुक्त माने जाते हैं और ज्यादा रिटर्न की संभावना रखते हैं, लेकिन इनमें जोखिम भी अधिक होता है. इन फंड्स को लार्ज-कैप, मिड-कैप, स्मॉल-कैप और थीमैटिक कैटेगरी में बांटा जाता है. इक्विटी फंड का चयन निवेशक की जोखिम क्षमता और निवेश अवधि पर निर्भर करता है. यह उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है जो महंगाई को मात देकर लॉन्ग टर्म में संपत्ति बनाना चाहते हैं. टैक्स सेविंग के लिए ELSS फंड भी एक प्रकार का इक्विटी फंड है.

इंटरनेशनल फंडों में निवेश के लाभ और जोखिमअंतरराष्ट्रीय म्यूचुअल फंडों में निवेश से निवेशकों को विदेशी कंपनियों में निवेश करने का अवसर मिलता है, जिससे उनका पोर्टफोलियो भौगोलिक रूप से विविधता हासिल करता है. इसके अलावा, डॉलर या अन्य मजबूत मुद्राओं में रिटर्न प्राप्त करने का लाभ मिलता है, खासकर जब रुपये का मूल्य घटता है. टेक्नोलॉजी, हेल्थ सर्विस और ई-कॉमर्स जैसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में निवेश का अवसर भी मिलता है. हालांकि, मुद्रा विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव, वैश्विक आर्थिक संकट, राजनीतिक अस्थिरता और विदेशी नियामकीय बदलावों के कारण निवेश जोखिमपूर्ण हो सकता है. इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय फंडों की फीस अधिक हो सकती है और कर नियम जटिल हो सकते हैं.

थीमैटिक फंडों में निवेश के लाभ और जोखिमथीमैटिक म्यूचुअल फंड विशेष थीम या क्षेत्र पर केंद्रित होते हैं, जैसे टेक्नोलॉजी, ग्रीन एनर्जी, हेल्थ सर्विस आदि. यदि संबंधित क्षेत्र अच्छा प्रदर्शन करता है, तो निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल सकता है. हालांकि, इन फंडों में जोखिम भी अधिक होता है क्योंकि वे केवल एक या कुछ क्षेत्रों पर केंद्रित होते हैं. यदि वह क्षेत्र मंदी में जाता है, तो निवेशकों को भारी नुकसान हो सकता है. इसके अलावा, थीमैटिक फंड बाजार चक्रों पर निर्भर होते हैं, इसलिए सही समय पर निवेश करना और बाहर निकलना महत्वपूर्ण होता है.

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