नई दिल्ली. करदाताओं के लिए टीडीएस हमेशा चिंता का विषय रहता है. नौकरीपेशा लोगों की अक्सर शिकायत रहती है कि कंपनी ने टीडीएस तो काट लिया लेकिन फिर भी उन्हें आयकर विभाग से नोटिस आ रहा है. दरअसल, होता ये है कि कंपनी तो कर्मचारी की सैलरी से टीडीएस काट लेती है, लेकिन उसे समय पर सरकार को जमा नहीं करती, जिसके चलते कर्मचारी को नोटिस का सामना करना पड़ता है.
हालांकि, नए नियम के लागू होने के बाद टीडीएस जमा करने की जिम्मेदारी पूरी तरह कंपनी यानी एम्प्लाॅयर की होगी, करदाता टीडीएस जमा कराने के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे.
दिल्ली हाई कोर्ट का अहम फैसलादरअसल, दिल्ली हाई कोर्ट ने बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइन्स के एस कर्मचारी के हित में फैसला सुनाते हुए आदेश जारी किया. दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि यदि कंपनी कर्मचारी की सैलरी से टीडीएस काट कर सरकार को जमा नहीं कराती है तो टीडीएस की देनदारी कर्मचारी की नहीं होगी. कई ऐसे मामले सामने आ रहे थे जब कंपनी ने समय पर टीडीएस जमा नहीं कराया जिसके बाद कर्मचारी पर दोबारा टैक्स भरना पड़ रहा था.
दिल्ली हाई कोर्ट ने वेतनभोगी कर्माचारियों की इसी परेशानी को समझते हुए उन्हें टीडीएस भरने की चिंता से मुक्त कर दिया है. यानी अब टीडीएस डिडक्शन और उसके समय पर सरकार को भुगतान की जिम्मेदारी एम्प्लाॅयर की होगी. दिल्ली हाई कोर्ट के मुताबिक यह नियम सभी कंपनियों पर समान रूप से लागू होगा.
कंपनी ने नहीं जमा कराया टीडीएस तो क्या करें?अगर आप कर्मचारी हैं और कंपनी के द्वारा टीडीएस जमा नहीं कराने पर आपको आयकर नोटिस आया है तो आप इसके खिलाफ कोर्ट में अपील कर सकते हैं. अपील करते समय किंगफिशर के कर्मचारी को मिले फैसले का हवाला दें. कोर्ट के फैसले के मुताबिक, एम्प्लाॅई से टीडीएस काट कर जमा नहीं करवाना आयकर कानून का उल्लंघन और अपराध है. इसके लिए कंपनी पर काफी भारी-भरकम पेनाल्टी लगाई जा सकती है.
Tags: Business news, Direct taxFIRST PUBLISHED : November 10, 2024, 11:31 IST
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