नई दिल्ली. महंगाई के दौर में रसोई घर से राहत भरी खबर आई है. दरअसल, खाने के तेल (Edible Oil) के भाव में गिरावट आई है. विदेशी बाजारों में पाम-पामोलीन तेल के दाम में आई भारी गिरावट के बीच देश में बीते हफ्ते सभी तेल-तिलहन के दाम गिरावट के साथ बंद हुए. बाजार सूत्रों ने कहा कि बीते हफ्ते के पहले के हफ्ते में जिस सोयाबीन डीगम तेल का दाम 1,235-1,240 डॉलर प्रति टन था वह रिपोर्टिंग वीक में घटकर 1,155-1,160 डॉलर प्रति टन रह गया.
इसके अलावा खाने के तेल की समीक्षा करने वाले इंडोनेशिया, मलेशिया में पाम, पामोलीन के स्टॉक की कमी की बात कर रहे थे, उस संदर्भ में स्थिति एकदम उलट थी. वास्तव में इंडोनेशिया में निर्यात में आई लगभग 30 फीसदी की गिरावट के बीच ज्यादा दाम पर हाजिर मांग में कमी के कारण वहां पाम, पामोलीन एडिबल ऑयल का स्टॉक पहले के 2.32 करोड़ टन से बढ़कर लगभग 3 करोड़ टन हो गया यानी सितंबर के महीने में लगभग 23 फीसदी का स्टॉक बढ़ गया. इस स्थिति के कारण विदेशों में सीपीओ और पामोलीन के दाम धराशायी हो गए जिसका असर बाकी तेल-तिलहन के ऊपर भी देखने को मिला.
नाफेड और हाफेड के पास सरसों का ज्यादातर स्टॉकसूत्रों ने कहा कि देश में सरसों की खपत रोजाना लगभग 3.5-4 लाख बोरी की है. किसी व्यापारी या किसानों के पास सरसों का बेहद सीमित स्टॉक ही है जबकि को-ऑपरेटिव संस्था नाफेड और हाफेड के पास सरसों का ज्यादातर स्टॉक है. इसलिए इस स्टॉक की संभल-संभल कर बिक्री होनी चाहिए. सरसों की बिक्री व्यापारियों और स्टॉकिस्टों के बजाय तेल मिल वालों को करने की जरूरत है ताकि पेराई के बाद खाद्य तेल आम कंज्यूमर को बाजार में उपलब्ध हो सके.
मंडियों में कपास की आवक घटीसूत्रों ने कहा कि भारतीय कपास निगम (CCI) के द्वारा बीते हफ्ते के शुरू में कपास से निकले बिनौला तिलहन की बिक्री काफी कम दाम पर की गई. इसका असर बाकी राज्यों पर कपास के दाम पर आया. दूसरा बिनौला के नकली खल का कारोबार भी बढ़ने से भी कपास के दाम पर असर आया और इसके दाम घट गए. इसके कारण मंडियों में कपास की आवक पहले के 1.96 लाख गांठ से घटकर 1.05 लाख गांठ रह गई. इसका असर देश के अन्य तेल-तिलहनों पर भी हुआ और उनके दाम में गिरावट आई. उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार को सोयाबीन किसानों की राहत के लिए सोयाबीन के डी-आयल्ड केक (DOC) के निर्यात को बढ़ाने के लिए सब्सिडी देने के बारे में विचार करना चाहिए.
बीते हफ्ते सरसों दाने का थोक भाव 150 रुपये की गिरावट के साथ 6,550-6,600 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ. सरसों दादरी तेल का थोक भाव 500 रुपये की गिरावट के साथ 13,650 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ. सरसों पक्की और कच्ची घानी तेल का भाव क्रमश: 50-50 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 2,260-2,360 रुपये और 2,260-2,385 रुपये टिन (15 किलो) पर बंद हुआ. रिपोर्टिंग वीक में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज का थोक भाव क्रमश: 200-200 रुपये की गिरावट के साथ क्रमश: 4,425-4,475 रुपये और 4,125-4,160 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ. सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम के दाम भी क्रमश: 850 रुपये, 700 रुपये और 975 रुपये टूटकर क्रमश: 13,800 रुपये, 13,700 रुपये और 9,700 रुपये क्विंटल पर बंद हुए.
राजस्थान में एमएसपी से कम दाम पर बिकवालीराजस्थान में एमएसपी से कम दाम पर बिकवाली के कारण मूंगफली तेल-तिलहन कीमतों में भी पिछले वीकेंड के मुकाबले गिरावट आई. मूंगफली तिलहन का भाव 75 रुपये की गिरावट के साथ 6,350-6,625 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ वहीं मूंगफली तेल गुजरात 975 रुपये की गिरावट के साथ 14,700 रुपये क्विंटल और मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल का भाव 150 रुपये की गिरावट दर्शाता 2,220-2,520 रुपये प्रति टिन पर बंद हुआ.
CPO के दाम में 900 रुपये की गिरावटक्रूड पाम ऑयल (CPO) का दाम 900 रुपये टूटकर 12,400 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ. पामोलीन दिल्ली का भाव 850 रुपये की गिरावट के साथ 14,000 रुपये प्रति क्विंटल और पामोलीन एक्स कांडला तेल का भाव 800 रुपये की गिरावट के साथ 13,000 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ. गिरावट के आम रुख के अनुरूप, रिपोर्टिंग वीक में बिनौला तेल भी 1,050 रुपये की गिरावट के साथ 12,650 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ.
Tags: Edible oil, Edible oil priceFIRST PUBLISHED : November 24, 2024, 16:51 IST
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News