नई दिल्ली. देश और दुनिया में कई अमीर लोग ऐसे हैं जो खुद का घर और कार खरीदना सही नहीं मानते हैं. भारत में भी ऐसी कई करोड़पति और अरबपति शख्सियतें हैं जो किराये के घर में रहना और कैब से चलना पसंद करते हैं. राधिका गुप्ता भी उन्हीं शख्सियतों में से एक हैं, जो एडेलवाइज म्यूचुअल फंड की सीईओ हैं. वैसे तो किसी कंपनी के सीईओ और एमडी के पीछे कारों का काफिला होता है लेकिन राधिका गुप्ता के पास कोई लग्जरी कार नहीं है. इस बात पर यकीन कर पाना मुश्किल है लेकिन यह सच है और खुद राधिका गुप्ता ने यह बात कही है. राधिका गुप्ता ने कहा कि वह महंगी कार खरीदने की हैसियत रखती हैं फिर भी खरीदना नहीं चाहती हैं. इसके पीछे उन्होंने एक खास वजह बताई.
क्यों नहीं खरीदी लग्जरी कार
दरअसल, राधिका गुप्ता लग्जरी कार को ‘डेप्रिशिएटिंग एसेट’ मानती हैं, जिसका अर्थ है कि समय के साथ उनका मूल्य घटता जाता है. एक पॉडकास्ट में, उन्होंने बताया कि यही एक वजह है कि वह हसरत होने के बावजूद उन्होंने लग्जरी कार नहीं खरीदी. फिलहाल, उनके पास एक टोयोटा इनोवा है.
राधिका गुप्ता ने कहा, “मैं हर बार सोचती हूं कि अपने लिए एक फैंसी कार खरीदूं,’ फिर मैं बार-बार खुद को यह याद दिलाती हूं कि कार एक डेप्रिशिएटिंग एसेट है. समय के साथ-साथ इसका मूल्य खत्म हो जाएगा. ”
किराये के घर में रहते 9000 करोड़ के मालिक
9000 करोड़ की संपत्ति के मालिक जेरोधा के को फाउंडर निखिल कामत के पास भी अपना मकान नहीं हैं. वे प्रॉपर्टी में निवेश करने के खिलाफ हैं और इस वजह से किराए के मकान में ही रहते हैं. निखिल कामत ने बताया कि वह किराए के मकान में रहते हैं जिसका रेंट बहुत कम है. उनका कहना है कि एक घर खरीदने में अच्छी खासी पूंजी लग जाती है और रिटर्न भी अच्छा नहीं मिलता.
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FIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 15:36 IST