Last Updated:March 03, 2025, 17:56 ISTED on PayTM : प्रर्वतन निदेशालय ने हाल में पेटीएम की पैरेंट कंपनी को 611 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा था. अब कोर्ट में इसके कारणों का खुलाया है. ईडी ने बताया कि पेटीएम की मूल कंपनी ने बिना आरबीआई को बताए ही विदेश …और पढ़ेंईडी ने फेमा कानून के उल्लंघन में पेटीएम को नोटिस जारी किया है. हाइलाइट्सईडी ने पेटीएम को 611 करोड़ का नोटिस भेजा.विदेशी निवेश की जानकारी नहीं देने का आरोप.पेटीएम ने कानूनी सलाह लेने की बात कही.नई दिल्ली. डिजिटल पेमेंट वॉलेट के रूप में सबसे ज्यादा पॉपुलैरिटी पाने वाले पेटीएम के साथ कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहले कंपनी को 611 करोड़ रुपये का कारण बताओ नोटिस भेजा था और अब कोर्ट में इस नोटिस को भेजने की वजह भी बताई है. ईडी ने साफ कहा है कि कंपनी की ओर से विदेश में किए गए निवेश को लेकर सही जानकारी नहीं दी गई है और इसी वजह से उसे नोटिस जारी किया गया है.
ईडी ने पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्यूनिकेशंस को भी विदेशी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA) के उल्लंघन के आरोप में 611 करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया था. नोटिस में ईडी ने इन रुपयों के लेनदेन को लेकर सवाल उठाया था. 27 फरवरी को जारी इस नोटिस में साल 2015 से 2019 के बीच के वित्तीय लेनदेन को लेकर सवाल पूछा था. यह नोटिस पेटीएम की सहायक कंपनियों लिटिल इंटरनेट और नियरबाय इंडिया के अधिग्रहण से भी जुड़ा है.
कंपनी ने किया दावापेटीएम ने पिछले दिनों कहा था कि नोटिस के खिलाफ हम वर्तमान में कानूनी सलाह ले रहे हैं और अपने विकल्पों का मूल्यांकन कर रहे हैं. कुछ लेनदेन, जिन पर सवाल उठाए गए हैं, वे उन सहायक कंपनियों के अधिग्रहण से पहले के हैं, जो दिसंबर 2017 में वन97 कम्युनिकेशंस द्वारा अधिग्रहित की गई थीं. ये अधिग्रहण पेटीएम की ऑफलाइन कॉमर्स में अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा थे, जो डिजिटल भुगतान से परे विस्तार कर रहे थे. दूसरी तरफ, ED का दावा है कि इस अवधि के दौरान वन97 कम्युनिकेशंस और उसकी सहायक कंपनियों के बीच हुए निवेश लेनदेन FEMA नियमों का उल्लंघन करते हैं.
क्या कहते हैं कानून के जानकारकानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले का परिणाम भारत के फिनटेक सेक्टर में नियमों के मानक पर व्यापक प्रभाव डाल सकता है. खासकर उन कंपनियों के लिए जो सीमा-पार निवेश में शामिल हैं. इस बीच, पेटीएम अपने अगले कदमों का आकलन कर रहा है, जबकि उद्योग के पर्यवेक्षक कंपनी की नियामक स्थिति और व्यापार संचालन पर इस मामले के प्रभाव को बारीकी से देख रहे हैं.
क्या बताया ईडी नेईडी के अनुसार, जांच में पाया गया कि वन 97 कम्युनिकेशन लिमिटेड ने सिंगापुर में विदेशी निवेश किया और अनुषंगी की वैश्विक अनुषंगी के गठन के बारे में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को आवश्यक सूचना नहीं दी. ईडी ने आरोप लगाया कि वन 97 कम्युनिकेशन ने आरबीआई के निर्धारित उचित मूल्य निर्धारण दिशानिर्देशों का ‘पालन किए बिना’ विदेशी निवेशकों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) भी प्राप्त किया था. अन्य अनुषंगी कंपनी नियरबाय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने आरबीआई की समयसीमा के भीतर कंपनी द्वारा प्राप्त एफडीआई के बारे में जानकारी नहीं दी.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 03, 2025, 17:56 ISThomebusinessपेटीएम पर ईडी ने कसा शिकंजा! कोर्ट में बताया क्यों भेजा था 611 करोड़ का नोटिस
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