Last Updated:January 31, 2025, 11:53 ISTEconomic Survey 2025 : आर्थिक सर्वेक्षण 2025 भारत की आर्थिक चुनौतियों और संभावनाओं पर केंद्रित है. मुख्य आर्थिक सलाहकार ने जीडीपी विकास दर, ऊर्जा संक्रमण, और निजी क्षेत्र की भूमिका पर प्रकाश डाला. सर्वेक्षण भार…और पढ़ेंफाइल फोटोहाइलाइट्सआर्थिक सर्वेक्षण 2025 में जीडीपी विकास दर 6% रहने की उम्मीद.ऊर्जा संक्रमण भारत के लिए दीर्घकालिक चुनौती.निजी क्षेत्र को पूंजी निवेश और रोजगार सृजन में संतुलन बनाना होगा.Economic Survey 2025 : भारत की अर्थव्यवस्था आज एक नए मोड़ पर खड़ी है, जहां विकास की रफ्तार और ऊर्जा सुरक्षा के बीच संतुलन बनाना सबसे बड़ी चुनौती बन गया है. मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) वी. अनंत नागेश्वरन ने लाइवमिंट में प्रकाशित एक लेख में आर्थिक सर्वेक्षण 2025 की रूपरेखा पेश की है. उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025 की पहली छमाही में भारत की जीडीपी विकास दर घटकर 6% रह गई, लेकिन दूसरी छमाही में इसमें सुधार की उम्मीद है.
नागेश्वरन ने एनर्जी ट्रांजिशन को भारत के लिए एक लॉन्ग टर्म चुनौती बताया. उन्होंने कहा कि भारत को जीवाश्म ईंधन (फॉसिल फ्यूल) पर निर्भरता कम करने के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा (रिन्यूएबल एनर्जी) के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण खनिजों और घटकों के आयात पर नई निर्भरता से बचना होगा. यह एक ऐसी समस्या है जो न केवल पर्यावरण बल्कि आर्थिक सुरक्षा को भी प्रभावित करती है.
आर्थिक सर्वेक्षण 2025, जिसे आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किया जाएगा, भारत की आर्थिक दिशा के बारे में विस्तार से जानकारी देगा. यह सर्वेक्षण न केवल विकास दर में मंदी बल्कि वैश्विक आर्थिक बदलावों के प्रभावों को भी समझने का प्रयास करेगा. नागेश्वरन ने इस बात पर जोर दिया कि निजी क्षेत्र को पूंजी निवेश और रोजगार सृजन के बीच संतुलन बनाना होगा, ताकि सामाजिक स्थिरता और दीर्घकालिक लाभ दोनों सुनिश्चित हो सकें.
सर्वेक्षण में यह भी बताया जाएगा कि भारत कैसे ब्याज दरों, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के रोजगार बाजार पर प्रभाव, और वैश्विक व्यापार में उत्पन्न होने वाली अनिश्चितताओं का सामना करते हुए तेजी से विकास कर सकता है. इसके अलावा, सर्वेक्षण में सीमित संसाधनों का अधिकतम उपयोग करने की रणनीति, जिसे “कंस्ट्रेंड ऑप्टिमाइजेशन” कहा गया है, पर भी चर्चा की गई है.
1 फरवरी को पेश होने वाले केंद्रीय बजट 2025 के लिए यह सर्वेक्षण एक महत्वपूर्ण आधार तैयार करेगा. यह नीति निर्माताओं को भारत की आर्थिक चुनौतियों और अवसरों को समझने में मदद करेगा, ताकि समावेशी और न्यायसंगत आर्थिक विकास का लक्ष्य हासिल किया जा सके.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :January 31, 2025, 11:53 ISThomebusinessवित्त मंत्री के राइट हैंड ने बताया, कब तक पटरी पर आएगी देश की इकॉनमी
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