नया बिजनेस खोलने के लिए दिल्ली में अब सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाना बंद

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नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी में कारोबार करना अब थोड़ा और आसान होने वाला है. खासकर उन लोगों के लिए जो छोटे और पर्यावरण के अनुकूल उद्योग चलाते हैं. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) ने एक नया आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक “ग्रीन कैटेगरी” में आने वाले उद्योगों को अब काम शुरू करने के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

अगर कोई उद्योग कम प्रदूषण फैलाता है और उसे किसी तरह के प्रदूषण नियंत्रण उपकरण की जरूरत नहीं है, तो उसे “Consent to Operate” यानी काम करने की अनुमति 20 दिन के भीतर दी जाएगी. और अगर इतने समय में DPCC कोई आपत्ति नहीं जताता, तो अनुमति स्वतः मिल गई मानी जाएगी. यानी, अब फाइलों में महीनों उलझने की जरूरत नहीं.

क्यों लिया गया ये फैसला?

सरकार का मकसद है कि दिल्ली जैसे शहरों में कारोबार करना आसान बनाया जाए, खासकर छोटे उद्यमियों के लिए. ग्रीन कैटेगरी में आने वाली यूनिट्स को छूट देकर न केवल समय की बचत होगी, बल्कि यह कदम “Ease of Doing Business” की रैंकिंग में भी सुधार ला सकता है.

सरकार का बयान

दिल्ली की 65 से ज्यादा ग्रीन कैटेगरी इंडस्ट्रीज को बड़ी राहत मिलने वाली है. मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने इस रिफॉर्म की घोषणा करते हुए कहा, “हमने वो करके दिखाया है, जो दूसरे 50 साल में नहीं कर पाए.” सरकार ने Consent to Operate (CTO) की प्रक्रिया को 120 दिन से घटाकर सिर्फ 20 दिन कर दिया है. अगर तय समय में कोई फैसला नहीं लिया गया, तो आवेदन अपने आप अप्रूव्ड माना जाएगा. यह कदम पुराने “लाइसेंस राज” सिस्टम को खत्म करने और पारदर्शी व्यवस्था लाने की दिशा में ऐतिहासिक है. मंत्री सिरसा ने उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को इसके लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा, “इनमें से ज्यादातर सेक्टर लघु और मध्यम उद्योगों से जुड़े हैं, जिन्हें अब लाइसेंस और अप्रूवल की उलझनों से राहत मिलेगी और वो भरोसे और समयबद्ध प्रक्रिया के तहत काम कर सकेंगे.” साथ ही सभी विभागों में सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जा रहा है ताकि अप्रूवल की प्रक्रिया और आसान, तेज और पारदर्शी हो.

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किन्हें मिलेगा फायदा?

इस फैसले का सीधा लाभ रेडीमेड कपड़े, ऐलुमिनियम प्रोडक्ट्स, आयुर्वेदिक दवाइयाँ, फर्नीचर, पैकेजिंग, ऑप्टिकल गुड्स, खिलौने और कोल्ड स्टोरेज यूनिट्स जैसे 65 से ज़्यादा ग्रीन कैटेगरी उद्योगों को मिलेगा. DPCC का यह कदम छोटे व्यवसायों के लिए सकारात्मक संकेत है. हालांकि, उद्योगों को नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा, और कोई भी उल्लंघन होने पर DPCC कार्रवाई कर सकेगा. लेकिन इतना तो तय है कि अब दिल्ली में ग्रीन कैटेगरी के साथ कारोबार करना थोड़ी कम झंझट वाला होगा.

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