Last Updated:June 10, 2025, 17:23 ISTभारत सरकार ने BSNL और MTNL को मज़बूती देने के लिए राज्यों से इनकी सेवाएं अपनाने का आग्रह किया है. इससे सरकारी डाटा सुरक्षित रहेगा और स्वदेशी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा मिलेगा.हाइलाइट्ससरकार ने राज्यों से BSNL और MTNL की सेवाएं लेने का आग्रह किया.इससे सरकारी डाटा सुरक्षित रहेगा और स्वदेशी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा मिलेगा.BSNL ने FY25 की तीसरी और चौथी तिमाही में मुनाफा कमाया.नई दिल्ली. भारत सरकार अब सरकारी टेलिकॉम कंपनियों BSNL और MTNL को फिर से मज़बूती देने के लिए बड़ा कदम उठा रही है. दूरसंचार विभाग (DoT) ने 8 अप्रैल 2025 को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वे इंटरनेट, लैंडलाइन, ब्रॉडबैंड और लीज़्ड लाइन जैसी सेवाओं के लिए निजी कंपनियों की बजाय BSNL और MTNL को तरजीह दें. इसका मुख्य कारण बताया गया है – सरकारी डाटा की सुरक्षा और स्वदेशी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना.
दरअसल, ये कदम 2019 में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा लिए गए उस निर्णय की विस्तार-रेखा है जिसमें केंद्र सरकार के सभी विभागों को BSNL और MTNL की सेवाएं लेने को कहा गया था. अब यह अपील राज्यों से भी की जा रही है ताकि संवेदनशील सरकारी डाटा पूरी तरह भारतीय नेटवर्क पर रहे और विदेशी कंपनियों या उपकरणों पर निर्भरता कम की जा सके. BSNL इस दिशा में पहले ही TCS और C-DoT के साथ मिलकर स्वदेशी 4G नेटवर्क तैयार कर चुका है. सरकार मानती है कि यह एक आत्मनिर्भर भारत की दिशा में जरूरी कदम है.
निजी कंपनियों पर असर – घाटा हजारों करोड़ का हो सकता है
भारत की टेलिकॉम इंडस्ट्री में प्राइवेट ऑपरेटरों का बोलबाला है. 2024-25 में इंडस्ट्री का कुल राजस्व ₹2.23 लाख करोड़ रहा, जिसमें Jio, Airtel और Vi जैसे खिलाड़ियों की हिस्सेदारी 92% से अधिक रही. सरकारी टेंडर इन कंपनियों के एंटरप्राइज रेवेन्यू का अहम हिस्सा होते हैं. अगर राज्य सरकारें भी BSNL और MTNL की ओर झुकती हैं, तो इन निजी कंपनियों को हर साल हजारों करोड़ का नुकसान हो सकता है. सबसे ज्यादा मार छोटी ISPs पर पड़ेगी, जिनकी मुनाफा दर पहले ही कम है और जो सरकारी कामों पर ही निर्भर हैं.
BSNL की वापसी की कहानी
BSNL ने लंबे समय बाद मुनाफा कमाया है. FY25 की तीसरी और चौथी तिमाही में कंपनी ने क्रमशः ₹262 करोड़ और ₹280 करोड़ का लाभ दिखाया. यह 17 साल में पहली बार हुआ है. सरकार अब तक BSNL और MTNL के पुनरुद्धार के लिए ₹3.22 लाख करोड़ की मदद दे चुकी है. इसमें 4G/5G नेटवर्क अपग्रेड, VRS, डेट चुकौती, और इंफ्रास्ट्रक्चर पर भारी निवेश शामिल है.
BSNL की ताकत
6.83 लाख किलोमीटर से ज्यादा ऑप्टिकल फाइबर
भारतनेट के तहत 1.85 लाख ग्राम पंचायतों तक पहुंच
अब 5G में कदम रखने की तैयारी
MTNL – अब भी संकट में
MTNL जो केवल दिल्ली और मुंबई में काम करती है, BSNL के मुकाबले अभी भी घाटे में चल रही है. FY24 में कंपनी को ₹3,328 करोड़ का घाटा हुआ और उस पर करीब ₹23,500 करोड़ का कर्ज है. सरकार ने इसे BSNL में विलय करने की योजना बनाई थी, लेकिन भारी कर्ज की वजह से अब केवल संचालन BSNL को सौंपने की योजना पर विचार हो रहा है.
डेटा सुरक्षा की आड़ में सरकारी टेलिकॉम को बढ़ावा?
DoT का कहना है कि सरकारी डाटा को सुरक्षित रखना सर्वोच्च प्राथमिकता है, इसलिए BSNL-MTNL जैसे 100% सरकारी स्वामित्व वाले नेटवर्क ही भरोसेमंद हैं. लेकिन प्राइवेट कंपनियों और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के संगठन इस फैसले को पक्षपातपूर्ण बता रहे हैं.
Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessकेंद्र ने की इन टेलिकॉम कंपनियों की सिफारिश, राज्यों से कहा- इनकी लें सेवा
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