‘करियर मत बनाओ, लोगों को किराए पर लो’, टाटा प्ले के सीईओ के बयान ने मचाया बवाल

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नई दिल्ली. टाटा प्ले लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और सीईओ हरित नागपाल का हाल ही में दिया गया बयान सोशल मीडिया पर बहस का विषय बन गया है. नागपाल ने अपनी लिंक्डइन पोस्ट में नए कर्मचारियों के दृष्टिकोण और मूल्यों को अपनाने और उन्हें अपनी क्षमताओं को निखारने का अवसर देने की बात कही. हालांकि, उनकी पोस्ट का शुरुआती वाक्य, ‘कैरियर मत बनाइए, लोगों को किराए पर लीजिए’ लोगों के बीच भ्रम पैदा कर गया और इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं सामने आईं.

नागपाल ने अपनी पोस्ट में लिखा, “कैरियर मत बनाइए. लोगों को किराए पर लीजिए. यह उनकी पहली नौकरी नहीं है, और वे यहां रिटायर नहीं होंगे. उन्हें अपने विश्वास और दृष्टिकोण आपके साथ लाने दें. उन्हें वह करने दें, जो वे पहले नहीं कर सकते थे. जैसे-जैसे उनका ज्ञान और आत्मविश्वास बढ़ेगा, वे उड़ान भरने लगेंगे और आपकी कंपनी को भी ऊंचाइयों तक ले जाएंगे. और जब वे छोड़ेंगे, तो वे दूसरों को भी आपके साथ जुड़ने के लिए प्रेरित करेंगे.”

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएंनागपाल की इस पोस्ट ने पेशेवर लोगों के बीच एक नई बहस को जन्म दे दिया. पोस्ट को सोशल मीडिया पर शेयर किए जाने के बाद से ही इसे अच्छे और बुरे दोनों तरह के रिएक्शन मिल रहे हैं. कुछ लोगों ने उनके विचारों से सहमति जताई, जबकि अन्य ने उनकी भाषा पर सवाल उठाए.

एक यूजर ने लिखा “पुराने समय में करियर बनाने का विचार प्रभावी था, लेकिन आज के माहौल में, जहां कर्मचारी अपनी नौकरियों को अस्थायी मानते हैं, यह नजरिया बेहतर है. यह विचार क्रिएटिविटी और को-ऑपरेशन को बढ़ावा दे सकता है.” वहीं, एक अन्य यूजर ने लिखा, “जैसे-जैसे नौकरियां और संसाधन ‘डिस्पोजेबल’ होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे ‘फैमिली’ जैसे आदर्श अब अप्रासंगिक हो रहे हैं. रेंट पीपल का विचार नए दौर के लिए उपयुक्त हो सकता है, लेकिन यह कर्मचारियों के साथ एक बेहतर जुड़ाव की भी मांग करता है.”

नागपाल का जवाबसोशल मीडिया पर बहस छिड़ने के बाद हरित नागपाल ने अपनी पोस्ट को दोबारा साझा किया और इसे स्पष्ट करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य कर्मचारियों को एक ऐसा वातावरण देने पर जोर देना था, जहां वे खुलकर काम कर सकें और अपनी पूरी क्षमता का प्रदर्शन कर सकें. नागपाल ने यह भी कहा कि आज के दौर में कंपनियों को यह समझने की जरूरत है कि कर्मचारी लंबे समय तक एक ही कंपनी में नहीं रहते. ऐसे में, कंपनियों का ध्यान उनके विकास और उनकी क्षमताओं को निखारने पर होना चाहिए, ताकि जब वे आगे बढ़ें, तो कंपनी के लिए एक सकारात्मक छवि प्रस्तुत करें.

कर्मचारियों और कंपनियों के रिश्ते पर नई बहसहरित नागपाल की इस पोस्ट ने यह सवाल खड़ा किया है कि आज के समय में कंपनियों और कर्मचारियों के बीच संबंध किस दिशा में जा रहे हैं. क्या पुरानी परंपराएं, जैसे “कैरियर बिल्डिंग” और “फैमिली कल्चर,” आज के तेज़ी से बदलते कार्यस्थल में प्रासंगिक हैं, या फिर नए विचार, जैसे “रेंट पीपल,” भविष्य की दिशा तय करेंगे? हरित नागपाल की पोस्ट ने वर्कप्लेस में बदलाव के विषय पर चर्चा को एक नई दिशा दी है. जहां एक ओर इसे प्रगतिशील दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर, यह पुराने मूल्य और परंपराओं पर सवाल खड़ा कर रहा है. कंपनियों और कर्मचारियों के बीच संतुलन बनाए रखना इस बदलते दौर की सबसे बड़ी चुनौती बन सकता है.
Tags: Business newsFIRST PUBLISHED : December 19, 2024, 16:32 IST

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