Last Updated:March 22, 2025, 19:51 ISTआयकर विभाग के सामने ₹29 लाख करोड़ की प्रत्यक्ष कर बकाया राशि की समस्या है, जिसमें 67% वसूली बेहद कठिन है. संसदीय समिति ने पुराने कर बकायों को माफ करने और टैक्स सुधार की सिफारिश की है. सरकार के लिए यह एक बड़ी वि…और पढ़ेंकई बकाया राशियां 1990 के दशक से चली आ रही हैं.हाइलाइट्सआयकर विभाग के सामने ₹29 लाख करोड़ की बकाया राशि की समस्या है.67% कर की वसूली बेहद कठिन हो चुकी है.समिति ने पुराने कर बकायों को माफ करने की सिफारिश की है.नई दिल्ली. आयकर विभाग के सामने प्रत्यक्ष कर बकाया राशि की गंभीर समस्या खड़ी हो गई है, जिसमें ₹29 लाख करोड़ की भारी-भरकम राशि लगभग असंभव मानी जा रही है. यह आंकड़ा हाल ही में संसदीय स्थायी वित्त समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, देशभर में कुल ₹43 लाख करोड़ के बकाया प्रत्यक्ष करों में से 67% कर की वसूली बेहद कठिन हो चुकी है. वित्त मंत्रालय के राजस्व सचिव ने जानकारी दी कि ₹10.55 लाख करोड़ की कर राशि पांच साल से अधिक समय से लंबित है और इनमें से अधिकांश की रिकवरी की संभावना बेहद कम है.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने बताया कि यह समस्या काफी हद तक पुराने मामलों से जुड़ी हुई है. कई बकाया राशियां 1990 के दशक के मध्य से चली आ रही हैं, जब कर रिकॉर्ड मैन्युअल तरीके से रखे जाते थे. इससे कई केस अब जटिल और अप्रासंगिक हो चुके हैं, जिससे इनकी वसूली मुश्किल हो गई है.
समिति ने टैक्स सुधार की सिफारिश कीसंसदीय समिति ने इस स्थिति को गंभीर मानते हुए पुराने कर बकायों को राइट-ऑफ (माफ) करने या उन पर स्थगन (moratorium) लागू करने की सिफारिश की है. साथ ही, समिति ने कर वसूली प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने के लिए टैक्स असेसमेंट सिस्टम की समीक्षा करने पर जोर दिया है, जिससे भविष्य में इस तरह की समस्या न आए. सरकार के लिए ₹29 लाख करोड़ की अपूर्णीय टैक्स देनदारी एक बड़ी वित्तीय चुनौती है, जिसे हल करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है.
डायरेक्ट टैक्स (प्रत्यक्ष कर) वह कर होता है जो सीधे करदाता (व्यक्ति या संस्था) से सरकार को दिया जाता है. यह कर किसी तीसरे पक्ष के माध्यम से नहीं वसूला जाता, बल्कि जिसे यह चुकाना होता है, उसी पर इसकी जिम्मेदारी होती है.
डायरेक्ट टैक्स के प्रकार:इनकम टैक्स (Income Tax) – यह कर व्यक्तियों और कंपनियों की आय पर लगाया जाता है. अगर किसी व्यक्ति की आय एक निश्चित सीमा से अधिक होती है, तो उसे सरकार को आयकर चुकाना पड़ता है.कॉरपोरेट टैक्स (Corporate Tax) – यह कर कंपनियों की शुद्ध आय (नेट प्रॉफिट) पर लगाया जाता है.वेल्थ टैक्स (Wealth Tax) (अब हट चुका है) – यह पहले संपत्ति (जैसे मकान, जमीन, गहने आदि) पर लगता था, लेकिन अब इसे हटा दिया गया है.कैपिटल गेन टैक्स (Capital Gains Tax) – जब कोई व्यक्ति किसी संपत्ति, शेयर या निवेश को बेचकर लाभ कमाता है, तो इस पर टैक्स लगता है.गिफ्ट टैक्स (Gift Tax) – किसी व्यक्ति को यदि ₹50,000 से अधिक का उपहार (गिफ्ट) मिलता है, तो उसे इस पर टैक्स देना पड़ता है (कुछ रिश्तों में छूट मिलती है).
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 22, 2025, 19:51 ISThomebusinessटैक्स के 29 लाख करोड़ रुपये हुए हवा, आयकर विभाग ने सरकार को दी रिपोर्ट
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