धनतेरस पर ‘धन’ का असली मतलब क्या? ये सोना-पैसा नहीं कुछ और है

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Dhanteras 2024: दिवाली से पहले धनतेरस का विशेष महत्व है. आज के दिन लोग माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और धन के देवता कुबेर देव की पूजा करते हैं. इस दिन लोग सोना और चांदी की खरीदारी करना शुभ मानते हैं. ज्यादातर लोग धन तेरस का मतलब धन और धन के देवता की उपासना से समझते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. क्योंकि, धन तेरस का दिन देव धन्वंतरि को समर्पित है, जो स्वास्थ्य के देवता हैं. चूंकि, जीवन का सबसे बड़ा धन सेहत ही है इसलिए कहा गया है कि ‘हेल्थ इज वेल्थ’

धनतेरस से दिवाली पर्व की शुरुआत हो जाती है. इस दिन सोना-चांदी खरीदने और लक्ष्मी-कुबेर पूजन से ज्यादा जरूरी है देव धन्वंतरि की आराधना. दरअसल, पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, धन तेरस के दिन ही समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे इसलिए इस दिन देव धन्वंतरि की पूजा का विशेष महत्व है.

देव धन्वंतरि की पूजा का महत्व

भारतीय संस्कृति में सेहत का सबसे बड़ा धन माना गया है और इसे धन से ऊपर रखा गया है. धनतेरस के दिन देव धन्वंतरि की पूजा का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन इनकी पूजा करने से स्वास्थ्य और समृद्धि मिलती है. ऐसे में अच्छी सेहत जैसे धन के लिए इस दिन का विशेष महत्व है. देव धन्वतंरि को आयुर्वेद का जनक माना जाता है इसलिए वे चिकित्सा विज्ञान और स्वास्थ्य के देवता हैं. देव धन्वंतरि को भगवान विष्णु को अंशावतार भी माना जाता है.

धनतेरस के दिन देव धन्वंतरि और कुबेर देव की पूजा के लिए 13 दीये जलाने का विशेष महत्व है. ये दीये घर के अलग-अलग हिस्सों में रखे जाते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से सेहत और धन दोनों की प्राप्ति होती है.

Tags: Business news, Dhanteras fraud, Diwali festival

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