नई दिल्ली. नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने हवाई यात्रा को और सुरक्षित बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है. 19 जून 2025 को जारी आदेश के बाद DGCA ने दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े हवाई अड्डों पर रात और सुबह के समय छापेमारी की. संयुक्त महानिदेशक की अगुवाई में दो टीमें बनाई गईं, जिन्होंने उड़ानों, विमानों, और एयरपोर्ट्स की हर छोटी-बड़ी चीज की जांच की. इस निगरानी में ऐसी-ऐसी खामियां पकड़ी गईं, जिन्हें सुनकर कोई भी हैरान रह जाए!DGCA ने एयरलाइंस और एयरपोर्ट ऑपरेटरों को सात दिन में सुधार करने का सख्त आदेश दिया है, वरना और कार्रवाई होगी. ये अभियान आगे भी जारी रहेगा, ताकि हवाई यात्रा में सेफ्टी से कोई समझौता न हो. DGCA की टीमें ने विमानों, ग्राउंड ऑपरेशन्स, और एयरपोर्ट्स की बारीकी से जांच की. जो खामियां सामने आईं, वो चौंकाने वाली हैं.
क्या हैं गड़बड़ियां
विमानों की हालत: कई विमानों में पुरानी टेक्निकल गड़बड़ियां बार-बार दिखीं, जिन्हें ठीक नहीं किया गया. मिसाल के तौर पर, कुछ विमानों के थ्रस्ट रिवर्सर सिस्टम और फ्लैप स्लैट लीवर लॉक नहीं थे, जो उड़ान के दौरान खतरनाक हो सकता है.
लॉगबुक में लापरवाही: टेक्निकल खराबियों को लॉगबुक में दर्ज ही नहीं किया गया, जो सेफ्टी नियमों का उल्लंघन है.
सुरक्षा उपकरणों की कमी: कई सीटों के नीचे लाइफ वेस्ट सही तरीके से नहीं रखे गए थे. विमानों के विंगलेट पर लगा सेफ्टी टेप भी टूटा-फूटा था.
ग्राउंड इक्विपमेंट्स की हालत: बैगेज ट्रॉली और ग्राउंड हैंडलिंग के कई उपकरण खराब हालत में पाए गए. मरम्मत के दौरान सेफ्टी नियमों को नजरअंदाज किया गया.
एयरपोर्ट की कमियां: रनवे की सेंटर लाइन मार्किंग धुंधली थी, और रैपिड एग्जिट टैक्सीवे की लाइट्स सही दिशा में नहीं थीं. तीन साल से एयरपोर्ट के आसपास बने नए ढांचों का बाधा सीमांकन डेटा अपडेट नहीं हुआ.
वाहनों की मनमानी: रैम्प एरिया में कई वाहन बिना स्पीड गवर्नर के चल रहे थे. DGCA ने ऐसे वाहनों की परमिशन रद्द कर दी और ड्राइवरों के एंट्री पास सस्पेंड कर दिए.
सिम्युलेटर का मसला: एक सिम्युलेटर का कॉन्फिगरेशन असली विमान से मेल नहीं खा रहा था, और उसमें लेटेस्ट सॉफ्टवेयर भी नहीं था. इससे पायलटों की ट्रेनिंग पर सवाल उठे.
घिसे टायरों का मामला: एक घरेलू फ्लाइट को घिसे हुए टायरों की वजह से रोक दिया गया. मरम्मत के बाद ही उसे उड़ान की इजाजत मिली.
DGCA की सख्ती का मकसद
DGCA ने कहा कि ये निगरानी अभियान हवाई यात्रा को 100% सुरक्षित बनाने के लिए है. सात दिन के अंदर सभी एयरलाइंस और एयरपोर्ट ऑपरेटरों को इन खामियों को ठीक करना होगा, वरना भारी जुर्माना या सख्त कार्रवाई हो सकती है. DGCA की टीमें फ्लाइट ऑपरेशन्स, एयरवर्थीनेस, रैम्प सेफ्टी, एयर ट्रैफिक कंट्रोल, नेविगेशन सिस्टम, मेडिकल चेक्स, और ग्राउंड ऑपरेशन्स की लगातार जांच करती रहेंगी.
बैकग्राउंडर: एविएशन सेक्टर की चुनौतियां
DGCA की ये सख्ती तब आई है, जब एविएशन सेक्टर पहले से ही मुश्किलों से जूझ रहा है. 12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट (AI 171) के क्रैश होने से 270 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी. इसके बाद DGCA ने 2024 की सभी जांचों का ब्योरा मांगा और तीन सीनियर अधिकारियों को हटाने का आदेश दिया, क्योंकि पायलटों के ड्यूटी टाइम नियम (FDTL) तोड़े गए थे. 21 जून को बर्मिंघम-दिल्ली फ्लाइट (AI 114) को बम धमकी की वजह से रियाद में उतारना पड़ा था. मिडिल ईस्ट में तनाव की वजह से कई हवाई रास्ते बंद हुए, जिसके चलते एयर इंडिया को दिल्ली-फ्रैंकफर्ट और दिल्ली-ज्यूरिख जैसी फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. अब, 24 जून से मिडिल ईस्ट की फ्लाइट्स और 25 जून से ज्यादा यूरोप-अमेरिका की उड़ानें फिर शुरू हो रही हैं.
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