नई दिल्ली. सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने साइबर ठगी के बढ़ते मामलों पर लगाम कसने के लिए पूरे देश में बड़ी कार्रवाई शुरू की है. ‘ऑपरेशन चक्र-V’ के तहत एजेंसी ने असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु में 42 ठिकानों पर छापेमारी की है. इस दौरान 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो कथित रूप से साइबर अपराधियों को अवैध सिम कार्ड और म्यूल बैंक खाते मुहैया करा रहे थे. इन खातों का इस्तेमाल देशभर में करोड़ों रुपये की ऑनलाइन ठगी में किया गया.म्यूल अकाउंट्स वे बैंक खाते होते हैं जो अक्सर फर्जी या चुराए गए KYC दस्तावेज़ों से खोले जाते हैं. इनका इस्तेमाल साइबर ठग धोखाधड़ी से मिली रकम को ठिकाने लगाने के लिए करते हैं. पीड़ितों से ठगे गए पैसे को इन खातों में ट्रांसफर कर तुरंत आगे भेज दिया जाता है. कभी-कभी विदेशों में एटीएम से निकाल लिया जाता है या क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया जाता है. कई बार फिनटेक ऐप्स जैसे PayPal में टॉप-अप के रूप में भेजा जाता है. CBI की जांच में खुलासा हुआ है कि देशभर के 700 से अधिक बैंक ब्रांचों में लगभग 8.5 लाख म्यूल अकाउंट्स चल रहे थे.
ठगी के नए तरीके और खुलासे
CBI ने यह कार्रवाई गृह मंत्रालय के तहत काम कर रहे इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) की शिकायतों के आधार पर की है. जांच में सामने आया कि साइबर अपराधी वेबसाइट, WhatsApp और Telegram जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को इन्वेस्टमेंट, पार्ट-टाइम जॉब और टास्क-बेस्ड स्कीम्स के झांसे में फंसाते थे. एक मामले में ₹160 करोड़ की ठगी फर्जी मोबाइल ऐप्स के ज़रिए की गई, जो नामी कंपनियों के शेयर सस्ते में बेचने का दावा करती थीं. ₹117 करोड़ की दूसरी धोखाधड़ी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़ी पाई गई.
फर्जी सिम कार्ड और गिरोह का भंडाफोड़
CBI ने इस दौरान 1,100 से ज़्यादा “घोस्ट सिम कार्ड” का भी पता लगाया जो 39 अलग-अलग PoS एजेंटों ने यूपी, महाराष्ट्र, बंगाल और असम जैसे राज्यों में बेचे थे. इन सिम कार्ड्स को फर्जी e-KYC से एक्टिवेट किया गया और इनका इस्तेमाल डिजिटल ठगी, फर्जी गिरफ्तारी और म्यूल अकाउंट खोलने के लिए किया गया.
क्या-क्या बरामद हुआ?
CBI ने छापेमारी में मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, KYC दस्तावेज और अपराध से अर्जित संपत्तियों को जब्त किया है. गिरफ्तार लोगों में मुंबई के कल्याण से प्रतीक टनपुरे भी शामिल हैं, जो पहले से एक्टिवेटेड सिम कार्ड और म्यूल अकाउंट साइबर गैंग को सप्लाई करता था.
फ्रॉड का स्केल और सरकार की कार्रवाई
सिर्फ 2023 में 1 जनवरी से 17 अक्टूबर के बीच 3,903 शिकायतों में ₹117 करोड़ की साइबर ठगी सामने आई. ये पैसे मुख्यतः दुबई और UAE भेजे गए. एक अलग ₹640 करोड़ का स्कैम भी पकड़ा गया जिसमें फिशिंग, सट्टेबाजी और फर्जी जॉब ऑफर शामिल थे. अब तक सरकार करीब 4.5 लाख म्यूल अकाउंट्स फ्रीज़ कर चुकी है, जिसमें सबसे ज्यादा SBI (40,000) और PNB (10,000) जैसे बड़े बैंकों से जुड़े हैं. RBI और वित्त मंत्रालय ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने स्टाफ की भूमिका की भी जांच करें और KYC प्रणाली को सख्त बनाएं.
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