ये वाला लोन नहीं चुकाना चाहते लोग! हो रहा सबसे ज्‍यादा डिफॉल्‍ट, चिंता में आरबीआई

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Last Updated:April 12, 2025, 09:26 ISTCredit Card Default : आज हर नौकरीपेशा के पास क्रेडिट कार्ड जरूर रहता है, लेकिन इसके खर्च में बढ़ोतरी के साथ एनपीए और डिफॉल्‍ट भी बढ़ता जा रहा है. इस पर आरबीआई ने भी चिंता जताई है.क्रेडिट कार्ड डिफॉल्‍ट होने पर 42 फीसदी तक ब्‍याज लगता है. हाइलाइट्सक्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट 28% से अधिक बढ़ा.दिसंबर 2024 में क्रेडिट कार्ड एनपीए 6,742 करोड़ रुपये पहुंचा.क्रेडिट कार्ड पर 42-46% तक ब्याज वसूला जाता है.नई दिल्‍ली. बैंकों से लोन लेना और उसे चुकाना तो सामान्‍य प्रक्रिया है, लेकिन ऐसे लोन न चुकाने की वजह से होने वाला डिफॉल्‍ट आम आदमी, बैंक और अर्थव्‍यवस्‍था सभी के लिए नुकसदायक है. ऐसे डिफॉल्‍ट की बात करें तो सबसे ज्‍यादा दिक्‍कत क्रेडिट कार्ड का बिल चुकाने में हो रही है. रिजर्व बैंक ने हाल में आंकड़े जारी कर बताया है कि दिसंबर में क्रेडिट कार्ड का एनपीए बढ़कर 28 फीसदी से भी ज्‍यादा पहुंच गया है.

आरबीआई के अनुसार, भारत में पिछले तीन सालों में क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल में भारी बढ़ोतरी हुई है, लेकिन आरबीआई की मानें तो दिसंबर 2024 तक के 12 महीनों में इसका एनपीए यानी डिफॉल्ट 28.42% बढ़कर 6,742 करोड़ रुपये पहुंच गया है. साफ है कि क्रेडिट कार्ड का चलन बढ़ने के साथ ही डिफॉल्ट का खतरा भी गंभीर होता जा रहा है. ग्राहकों को समझदारी से खर्च करने और समय पर भुगतान करने की जरूरत है, वरना यह सुविधा एक बोझ बन सकती है.

क्रेडिट कार्ड पर कितना बकायाआरबीआई के अनुसार, दिसंबर 2023 में क्रेडिट कार्ड का लोन आउटस्टैंडिंग 2.92 लाख करोड़ रुपये था जिसमें से 5,250 करोड़ रुपये एनपीए थे, जो दिसंबर 2024 में बढ़कर 6,742 करोड़ रुपये हो गए हैं. दिसंबर 2020 में क्रेडिट कार्ड का एनपीए सिर्फ 1,108 करोड़ रुपये था. इसका मलब है कि पिछले 4 साल में इसमें 500% से अधिक का उछाल आ चुका है. इसी दौरान बैंकों ने अपना कुल एनपीए दिसंबर 2023 के 5 लाख करोड़ रुपये (कुल लोन का 2.5%) से घटाकर दिसंबर 2024 में 4.55 लाख करोड़ रुपये (2.41%) कर दिया.

भारी ब्‍याज से कर्ज का जालएक बैंक अधिकारी का कहना है कि क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन में सबसे ज्‍यादा डिफॉल्‍ट होता है. क्रेडिट कार्ड पर 42 से 46 फीसदी तक ब्‍याज वसूला जाता है. अगर कोई ग्राहक बिलिंग साइकल के बाद भी भुगतान नहीं करता, तो यह खाता एनपीए बन जाता है. इस स्थिति में ग्राहक का क्रेडिट स्कोर भी गिर जाता है और उन्‍हें 42 फीसदी तक ब्‍याज भी चुकाना पड़ता है. यही कारण है कि क्रेडिट कार्ड डिफॉल्‍ट होते ही ग्राहक कर्ज के जाल में फंस जाते हैं.

11 करोड़ के करीब पहुंचे क्रेडिट कार्डडिफॉल्‍ट और एनपीए बढ़ने के बावजूद बैंकों के क्रेडिट जारी करने की संख्‍या तेजी से बढ़ती जा रही है. मार्च 2021 तक देश में कुल क्रेडिट कार्ड के लेनदेन का मूल्य 6.30 लाख करोड़ रुपये था, जो मार्च 2024 तक बढ़कर 18.31 लाख करोड़ रुपये हो गया. जनवरी 2025 में यह मासिक लेनदेन 1.84 लाख करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जबकि जनवरी 2021 में यह सिर्फ 64,737 करोड़ रुपये था. जनवरी 2021 में देश में कुल 6.10 करोड़ क्रेडिट कार्ड थे, जो जनवरी 2025 तक बढ़कर 10.88 करोड़ हो गए हैं.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :April 12, 2025, 09:26 ISThomebusinessये वाला लोन नहीं चुकाना चाहते लोग! बढ़ते डिफॉल्‍ट से चिंता में रिजर्व बैंक

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