Last Updated:April 09, 2025, 19:16 ISTअमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर फिर तेज हो गई है. चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर 84% टैरिफ लगाया, जबकि अमेरिका ने चीनी उत्पादों पर 104% टैरिफ बढ़ाया. इससे टेस्ला जैसी कंपनियां प्रभावित होंगी. भारत को इन टैरिफ युद्ध…और पढ़ेंहाइलाइट्सअमेरिका-चीन ट्रेड वॉर फिर तेज हो गई है.चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर 84% टैरिफ लगाया.अमेरिका ने चीनी उत्पादों पर 104% टैरिफ बढ़ाया.नई दिल्ली. अमेरिका और चीन के बीच चल रही पुरानी ट्रेड वॉर एक बार फिर तेज हो गई है. चीन ने हाल ही में अमेरिका से आयात होने वाली सामान पर कुल 84 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. ये कदम अमेरिका द्वारा चीनी उत्पादोंपर भारी शुल्क लगाने के जवाब में उठाया गया है. इससे दोनों देशों के बीच ट्रेड वॉर फिर से भड़कने के संकेत मिल रहे हैं. यह टैरिफ सीधे तौर पर उन अमेरिकी ऑटो कंपनियों को प्रभावित करेगा जो चीन में अपनी गाड़ियों को बेचती हैं. इसमें टेस्ला जैसी प्रमुख कंपनियां भी शामिल हैं, जो अब चीन में प्रतिस्पर्धा में पिछड़ सकती हैं.
आपको बता दें कि अमेरिका ने 3 बार में चीन से आयात होने वाली वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाया है. पहले चीन के इंपोर्ट पर यूएस ने 20 फीसदी टैक्स लगाया, इसके बाद रेसिप्रोकल टैरिफ के नाम पर इसे 34 परसेंट और बढ़ा दिया और अब 9 अप्रैल से इसमें और 50 फीसदी का इजाफा कर दिया गया. यानी यूएस ने चीन के इंपोर्ट पर कुल टैरिफ को बढ़ाकर 104 फीसदी कर दिया है. यूएस ने टैरिफ में 50 फीसदी की बढ़ोतरी चीन के एक कदम के बाद की.
चीन ने भी 2 बार बढ़ाया टैरिफयूएस के अनुसार, चीन पहले से उसके उत्पादों पर 67 फीसदी का टैरिफ लगा रहा था. इसके बाद जब यूएस ने रेसिप्रोकल टैरिफ का ऐलान किया तो चीन ने भी अपनी तरफ से अतिरिक्त 34 फीसदी टैरिफ का ऐलान कर दिया. यानी अमेरिकी वस्तुओं पर चीन में कुल टैरिफ बढ़कर 101 परसेंट हो गया. इस ऐलान के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह चेतावनी दी कि अगर चीन 34 फीसदी के अतिरिक्त टैरिफ के ऐलान से पीछे नहीं हटता है तो वह और अधिक टैरिफ चीन पर लगा देंगे.
यूएस ने यही कियाचीन ने अतिरिक्त 34 फीसदी टैरिफ वापस लेने से मना कर दिया. इसके बाद जो ट्रंप ने कहा था वही हुआ. 9 अप्रैल से चीन की वस्तुओं के यूएस में आने पर और 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया गया. अब चीन से यूएस में आयातित वस्तुओं पर कुल टैरिफ 104 फीसदी हो गया है. वहीं, चीन ने यूएस के इस कदम का जवाब देने के लिए 34 फीसदी टैरिफ को बढ़ाकर 84 फीसदी कर दिया. यानी अगर यूएस के दावे को माना जाए तो चीन पहले से अमेरिका की वस्तुओं पर 67 फीसदी टैरिफ लगा रहा था और 84 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ के बाद यह बढ़कर 151 फीसदी हो गया है.
इसका असर क्या होगा?अमेरिकी कंपनियों के लिए चीन का बाजार और महंगा हो जाएगा, जिससे उनकी बिक्री पर असर पड़ेगा. चीन अब यूरोपीय या घरेलू ब्रांड्स को प्राथमिकता दे सकता है, जिससे अमेरिका की वैश्विक प्रतिस्पर्धा कमज़ोर होगी. भारत जैसे तीसरे देश को इन टैरिफ युद्धों के कारण नई संभावनाएं मिल सकती हैं, खासकर अगर कंपनियां ‘चाइना प्लस वन’ रणनीति के तहत भारत की ओर रुख करें. ग्लोबल सप्लाई चेन पर दबाव और बढ़ेगा, जिससे दुनिया भर में कीमतों में अस्थिरता देखने को मिल सकती है.
ट्रेड वॉर का इतिहासअमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर की शुरुआत 2018 में ट्रंप प्रशासन के दौरान हुई थी. दोनों देशों ने एक-दूसरे के उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाए थे, जिससे अरबों डॉलर का व्यापार प्रभावित हुआ था. इसके बाद कुछ राहत देखने को मिली थी, लेकिन अब फिर से दोनों देशों के बीच आर्थिक तनाव बढ़ रहा है, खासकर टेक्नोलॉजी और ऑटोमोबाइल सेक्टर में.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :April 09, 2025, 19:16 ISThomebusinessबिना गोला-बारूद के ही अमेरिका-चीन में युद्ध शुरू! 104 पर 84 का हमला
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