Last Updated:March 22, 2025, 17:08 ISTChina Losses in Sri Lanka : चीन ने श्रीलंका को अपने पाले में लाने के लिए जो दांव खेला था, अब उसे ही भारी पड़ने लगा है और 60 हजार करोड़ रुपये का नुकसान भी हो गया. उसकी मंशा श्रीलंका को भारत के खिलाफ खड़ा करने की…और पढ़ेंचीन को श्रीलंका के कर्ज पुनर्गठन से 60,000 करोड़ का नुकसान हुआ. हाइलाइट्सचीन को श्रीलंका में 60 हजार करोड़ का नुकसान हुआ.भारत के एक दांव से चीन की चाल फेल हो गई.चीन ने श्रीलंका के कर्ज का पुनर्गठन किया.नई दिल्ली. चीन के भारत के सभी पड़ोसी देशों को अपने साथ मिलाने के लिए लालच का जो खेल रचा था, उसका खामियाजा खुद भुगतना शुरू हो गया है. पाकिस्तान और नेपाल के बाद चीन की निगाह श्रीलंका को भी अपनी तरफ लाने की थी और इसके लिए ड्रैगन ने कर्ज का जाल भी बिछा दिया था. लेकिन, भारत के वापस कदम रखते ही चीन की चाल फेल हो गई और उसे हजारों करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा है.
श्रीलंका के सरकारी समाचार पत्र ‘डेली न्यूज’ ने चीन के राजदूत क्यूई झेनहोंग के हवाले से इसकी जानकारी दी है. उसका कहना है कि श्रीलंका के बाहरी कर्ज के पुनर्गठन से चीन को सात अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 60 हजार करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है. चीन के राजदूत क्यूई झेनहोंग के हवाले से खबर में कहा कि चीन अक्टूबर 2023 में पुनर्गठन समझौता करने वाला श्रीलंका का पहला द्विपक्षीय ऋणदाता था.
कर्ज नहीं चुका पाया श्रीलंकाझेनहोंग ने कहा कि जनता को इन विवरणों के बारे में पता नहीं है. ऐसा इसलिए है, क्योंकि हम श्रीलंका को दी जाने वाली सहायता के बारे में (सार्वजनिक रूप से) जानकारी नहीं देते हैं. श्रीलंका ने 2022 के आर्थिक संकट में अपनी पहली चूक की घोषणा करने के बाद 46 अरब अमेरिकी डॉलर के बाहरी कर्ज का पुनर्गठन किया था. इससे कर्ज देने वाले देशों को इसका नुकसान भी झेलना पड़ा.
ड्रैगन ने जताई भारत से जुड़ने की इच्छाराजदूत ने साथ ही चीन और भारत के भविष्य में श्रीलंका के उत्तरी प्रांत के विकास के लिए संयुक्त रूप से काम करने की उम्मीद भी जताई. उन्होंने कहा कि चीन का भारत के साथ कोई विवाद नहीं है, क्योंकि दोनों देश तेजी से आगे बढ़े हैं और उन्हें साझा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि चीन, भारत और श्रीलंका एक दिन यहां एक व्यवहार्य परियोजना को लागू करने के लिए मिलकर काम कर सकेंगे.
कैसे बिगड़ा चीन का खेलचीन ने भारत के पड़ोसी देशों को अपनी तरफ मिलाने के लिए जमकर आर्थिक मदद का जाल फेंका. श्रीलंका के साथ भी ऐसा ही किया और उसे पैसों की मदद देकर अपनी तरफ मिलाना चाहा. लेकिन, भारत के साथ द्विपक्षीय कारोबार को नजरअंदाज करना श्रीलंका के लिए आसान नहीं था. जाहिर है कि उसे भारत से भी मदद लेनी पड़ी और ऐसा करने के साथ ही चीन के मंसूबों पर पानी फिर गया. इसके बाद श्रीलंका की शर्त पर चीन को अपने कर्ज का पुनर्गठन करना पड़ा और उसे 60 हजार करोड़ रुपये का नुकसान भी उठाना पड़ा.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 22, 2025, 17:08 ISThomebusinessश्रीलंका का हितैषी बनने चला था चीन! भारत के एक दांव से डूब गए 60000 करोड़
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