Last Updated:June 18, 2025, 15:21 ISTIran-Israel War : ईरान और इजराइल युद्ध कर रहे हैं, लेकिन सांस चीन की अटकी पड़ी है. इजराइल ने अगर ईरान के तेल हब पर हमला किया तो इसका सीधा खामियाजा चीन को होगा, जो ईरान का 90 फीसदी तेल अकेले खरीदता है.इजराइल लगातार ईरान के क्रूड हब को निशाना बनाने की कोशिश कर रहा है. हाइलाइट्सईरान-इजराइल युद्ध से चीन की चिंता बढ़ी.ईरान का 90% तेल चीन खरीदता है.तेल हब पर हमला चीन को भारी नुकसान पहुंचा सकता है.नई दिल्ली. चीन से सैकड़ों किलोमीटर दूर हो रहे ईरान और इजराइल के युद्ध से ड्रैगन की सांस अटकी हुई है. उसे डर है कि अगर इजराइल का एक वार सही ठिकाने पर लगा तो उसे अरबों डॉलर का नुकसान हो जाएगा. चीन में एनर्जी की लाइफलाइन ईरान से होकर ही गुजरती है, जिसे इजराइल इस समय लगातार निशाना बना रहा है. फिलहाल कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन अगर ऐसा होता है तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान चीन को ही उठाना पड़ेगा.इजराइल ने ईरान के क्रूड ऑयल हब को लगातार निशाना बनाने की कोशिश की है. अगर वह सफल होता है तो तेहरान से तेल की सप्लाई रुक जाएगी और इसका सबसे ज्यादा खामियाजा चीन को ही उठाना पड़ेगा. अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल की रिपोर्ट बताती है कि चीन अभी ईरान का सबसे बड़ा तेल खरीदार है और अगर उसका क्रूड हब बर्बाद होता है तो निश्चित तौर पर चीन की ऊर्जा जरूरतों को झटका लगेगा.
कितना तेल मंगाता है चीन
साल 2018 में जब अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध लगाया और उससे तेल खरीदने वालों को खामियाजा भुगतने की धमकी दी, तो भारत सहित तमाम देशों ने कदम पीछे खींच लिए. लेकिन, चीन ने इसे एक अवसर के रूप में देखा और ईरान से डिस्काउंट रेट पर क्रूड की खरीद बढ़ा दी. फिलहाल चीन 90 फीसदी से भी ज्यादा ईरान का तेल अकेले खरीदता है. कमोडिटी फर्म Kpler के अनुसार, चीन के शैंगडोंग प्रांत में ईरान के क्रूड का भंडारण हो रहा है.
चीन को दोहरा नुकसानईरान के तेल खरीदने पर प्रतिबंध होने की वजह से चीन इसका आयात डार्क फ्लीट के जरिये करता है, ताकि यह दुनिया की नजर में न आए. इतना ही नहीं, चीन इस तेल खरीद का भुगतान डॉलर के रूप में नहीं करता है, बल्कि वह इसके बदले में ईरान को चीन के उत्पाद खरीदने का ऑफर देता है. यह ईरान के लिए एक तरह से ट्रैप है और अगर ईरान के तेल पर इजराइल हमला करता है तो चीन को इससे दोहरा नुकसान उठाना पड़ सकता है.
तेल की कीमत भी बढ़ जाएगी
चीन ने ईरान पर लगे प्रतिबंधों का फायदा उठाने के लिए उसे सस्ती कीमत पर क्रूड बेचने पर मजबूर किया. साल 2023 में वह ईरान से अन्य देशों के मुकाबले 11 डॉलर प्रति बैरल कम पर क्रूड खरीदता था, लेकिन अब ईरान का तेल बाकी के मुकाबले महज 2 डॉलर कम कीमत पर बेचा जा रहा है. अगर इजराइल और ईरान का युद्ध बढ़ा और अमेरिका ने और सख्त प्रतिबंध लगाए तो ईरान का तेल और भी महंगा हो जाएंगा.
कहां है ईरान का तेलफारस की खाड़ी के पास खर्ग आईलैंड में ईरान का ज्यादातर तेल और टैंकर लोड होकर खड़ा है. अगर इजराइल ने इस जगह पर हमला करके इसे तबाह किया तो तेहरान की तेल सप्लाई की नब्ज ही कट जाएगी. जाहिर है इससे न सिर्फ ईरान की कमाई पर असर होगा, बल्कि चीन को होने वाली सप्लाई पर भी बड़ा असर पड़ेगा.
महंगी कीमत पर खरीदना होगा तेलइजराइल के इस हमले के बाद चीन के ऊपर महंगी कीमत पर तेल खरीदने का दबाव भी पड़ेगा. ईरान अभी 17 लाख बैरल तेल प्रतिदिन सप्लाई करता है, जो ग्लोबल ऑयल का महज 2 फीसदी है. इसमें से 15 लाख बैरल तेल तो सिर्फ चीन ही खरीदता है. जाहिर है कि यह सप्लाई रुकी तो चीन को अन्य देशों से ज्यादा कीमत पर क्रूड खरीदना होगा. चीन के पास अगला विकल्प सऊदी अरब और यूएई होंगे, जो हर दिन 40 लाख बैरल तेल की सप्लाई करते हैं. यह दोनों देश चीन को ईरान के हिस्से का 80 फीसदी तेल दे सकते हैं, लेकिन उसकी कीमत मार्केट रेट पर होगी.Pramod Kumar Tiwariप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि…और पढ़ेंप्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessइजराइल का एक वार और घुटनों पर आ जाएगा चीन! क्या है उसका कमजोर प्वाइंट
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