Edible Oil Price : किचन में तेल का स्टॉक देख लीजिए, बढ़ने वाला है दाम

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नई दिल्ली. आपको अपने किचन में खाने के तेल के स्‍टॉक को चेक कर लेना चाहिए. अगर घर में खाद्य तेल कम है तो तुरंत खरीद लाइए. ऐसा इसलिए है क्‍योंकि आने वाले समय में बाजार में खाद्य तेलों की कमी होने की आशंका है, जिसके चलते इनके दाम बढ सकते हैं.  इसका कारण यह है कि कांडला पोर्ट पर भारी भीड़ के चलते विदेश से खाने का तेल लेकर आए जहाजों से माल उतारने में लंबा वक्‍त लग रहा है. व्यापारियों और उद्योग संगठनों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि जल्द हालात नहीं सुधरे, तो स्थानीय बाजारों में खाद्य तेल की किल्लत हो सकती है और कीमतें बढ़ सकती हैं. कांडला बंदरगाह पश्चिम और उत्तर भारत की प्रमुख रिफाइनरियों के लिए आपूर्ति केंद्र है. ऐसे में यहां होने वाली कोई भी देरी या अव्यवस्था पूरे सप्लाई चेन पर असर डाल सकती है.सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के आंकड़ों के अनुसार, नवंबर 2024 से मई 2025 के बीच देश में कुल खाद्य तेल का आयात 7,884,768 टन रहा, जो कि पिछले वर्ष की समान अवधि के 8,678,447 टन से 9% कम है. यह गिरावट बंदरगाहों पर अनियमितताओं और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में रुकावटों के कारण मानी जा रही है. भारत विश्व का सबसे बड़ा पाम ऑयल आयातक देश है और हर महीने करीब 7.5 लाख टन पाम ऑयल का आयात होता है.

आठ जहाज कर रहे हैं इंतजार

इंडियन एक्‍सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सरकार को पत्र लिखकर बताया है कि बंदरगाह पर 157,000 टन क्षमता वाले आठ जहाज बर्थ मिलने का इंतजार कर रहे हैं, जबकि केवल दो जहाज, जिनमें कुल 45,000 टन क्रूड पाम ऑयल है, माल उतार पा रहे हैं. आने वाले हफ्ते में और पांच जहाज बंदरगाह पर पहुंचने वाले हैं. इससे बंदरगाह पर भीड़ और अधिक बढ़ने की आशंका है. इन पांच जहाजों में 159,000 टन तेल लदा है.

शुल्‍क कटौती से बढ़ी आवक

एसईए ने 16 जून को उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को भेजे एक पत्र में लिखा कि बंदरगाह पर हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. संगठन ने चेतावनी दी कि यदि बर्थिंग की गति नहीं बढ़ाई गई, तो प्रतीक्षा अवधि 15 से 20 दिन तक हो सकती है, जो पूरे देश में खाद्य तेल की आपूर्ति को प्रभावित करेगी. दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी, कांडला के चेयरमैन सुशील कुमार सिंह का कहना है कि मई में आयात शुल्क में कटौती के बाद खाद्य तेल से लदे जहाजों की संख्या में अचानक तेजी आई है. फिलहाल छह खाद्य तेल और छह रसायन से लदे जहाज एंकर पर प्रतीक्षा कर रहे हैं. औसतन 8-10 दिन की प्रतीक्षा हो रही है. हमने संचालन प्रक्रियाओं को सख्त किया है और समाधान के प्रयास जारी हैं.”

आयातकों की बढ़ रही लागत

एसोसिएशन ने यह भी आरोप लगाया कि कांडला पोर्ट पर माल की आंशिक डिलीवरी कर रहे जहाजों को भी बर्थ से हटा दिया जा रहा है. SEA के अनुसार, पिछले एक सप्ताह में तीन जहाजों को, जिनमें सिर्फ 1,000 से 3,000 टन माल बचा था, बीच में ही हटा दिया गया. इससे आयातकों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है, क्योंकि जहाजों की प्रतीक्षा के दौरान उन्हें डिमरेज शुल्क (देरी के लिए जुर्माना) चुकाना पड़ता है. यह खर्च अंततः उपभोक्ताओं तक पहुंचता है, जिससे खाद्य तेल महंगा हो सकता है.

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