नई दिल्ली. सीमा पर बढ़ते तनाव को देखते हुए केंद्र सरकार सतर्क है और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए राज्यों के साथ मिलकर जरूरी कदम उठा रही है. भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने के निर्देश दिए हैं. उपभोक्ता मामलों के विभाग (DoCA) ने राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा है कि दाल, चावल, गेहूं, सब्जियां, खाद्य तेल और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों और आपूर्ति पर सख्त निगरानी रखें. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी है. अधिकारी ने बताया कि फिलहाल देश में आवश्यक खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है. सरकार के पास चावल और गेहूं का कुल 66 मिलियन टन से अधिक भंडार है.
अधिकारी ने बताया कि अगर जरूरत पड़ी तो सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1995 (Essential Commodities Act – ECA) के प्रावधानों को भी लागू कर सकती है. यह कानून सरकार को आपूर्ति, उत्पादन, भंडारण और व्यापार पर नियंत्रण का अधिकार देता है ताकि आवश्यक वस्तुओं की कीमतें न बढ़ें और लोगों को समय पर ज़रूरी सामान मिलता रहे.
सरकार की सक्रियता बढ़ीउपभोक्ता मामलों के विभाग ने यह भी बताया कि वह थोक व्यापारियों, खुदरा विक्रेताओं और निर्यातकों के साथ बैठकें कर रहा है ताकि जरूरी वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके. अधिकारी ने कहा कि, “इस समय अनिश्चितता बनी हुई है, ऐसे में यह जरूरी है कि सभी आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई सुनिश्चित हो.”
घबराने की जरूरत नहींअधिकारी ने बताया कि फिलहाल देश में आवश्यक खाद्यान्न की कोई कमी नहीं है. सरकार के पास चावल और गेहूं का कुल 66 मिलियन टन से अधिक भंडार है, जबकि पिछले साल सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सिर्फ 52 मिलियन टन खाद्यान्न वितरित किया गया था. इसके अलावा देश में लगभग 1.6 से 1.7 मिलियन टन खाद्य तेल उपलब्ध है, जो 28 दिनों की खपत के लिए पर्याप्त है. वहीं 5.4 मिलियन टन चीनी का स्टॉक है, जो करीब तीन महीने की जरूरतों को पूरा कर सकता है.
दिल्ली के एक चावल व्यापारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि फिलहाल कोई सरकारी आदेश आपूर्ति रोकने को लेकर नहीं आया है, लेकिन अधिकारी आंतरिक रूप से कीमतों की निगरानी कर रहे हैं. IGrain इंडिया के निदेशक राहुल चौहान ने कहा, “देश के पास खाद्यान्न, चीनी, दाल और तेल का भरपूर भंडार है. युद्ध जैसी स्थिति भी बनी तो भी भारत की खाद्य सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है.”
नियंत्रण में है महंगाईमार्च 2025 के आंकड़ों के मुताबिक, अनाज और उससे जुड़ी वस्तुओं की महंगाई दर 5.93% रही, जबकि चीनी पर यह 3.89% दर्ज की गई. हालांकि खाद्य तेल और वसा उत्पादों पर महंगाई 17.07% तक पहुंच गई थी.
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