नई दिल्ली. चीन ने एक ऐसी चाल चल दी है जिसकी वजह से भारत में बहुत गाड़ियों का प्रोडक्शन पूरी तरह बंद हो सकता है. इंटरनेशनल न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने कुछ ऐसे दस्तावेज देखें जिससे इस बात की लगभग पुष्टि हो जाती है कि भारत में गाड़ियों का निर्माण पूरी तरह ठप हो सकता है. दरअसल, चीन ने रेयर अर्थ मैग्नेट (rare earth magnets) के भारत को निर्यात पर रोक लगा दी है. इससे पहले चीन ने इन मैग्नेट्स को यूएस भेजे जाने पर भी रोक लगा दी थी. यह प्रतिबंध यूएस के टैरिफ के जवाब में लगाया गया था. अब ऐसा माना जा रहा है कि चीन की इस चाल के पीछे एक बार फिर से यूएस को ही मात देने की साजिश है. खबरों के अनुसार, चीन को शायद लग रहा है कि भारत इन मैग्नेट्स को मंगाकर यूएस भेज देता है.
रेयर अर्थ मैग्नेट्स बेहद ताकतवर और हल्के चुंबक होते हैं, जो खासतौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) में जरूरी भूमिका निभाते हैं. इनका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक मोटर, पॉवर विंडो, स्पीकर, वाइपर, स्टीयरिंग सिस्टम, ब्रेक्स और सेंसर जैसे कई जरूरी ऑटो पार्ट्स में होता है. इनकी ताकत और स्थायित्व की वजह से ये कम जगह में ज्यादा पावर देने में सक्षम होते हैं, जिससे गाड़ियों की एफिशिएंसी और परफॉर्मेंस बेहतर होती है. खास बात यह है कि EV मोटर्स में इन मैग्नेट्स की मांग सबसे ज्यादा होती है, इसलिए ऑटो इंडस्ट्री के लिए ये बेहद अहम माने जाते हैं.
चीन ने कस दिए एक्सपोर्ट नियम
अब चीन ने इन मैग्नेट के निर्यात पर सख्त कंट्रोल लगा दिया है. नए नियमों के तहत, चीन से मैग्नेट मंगाने के लिए हर शिपमेंट पर चीन सरकार से इजाज़त लेनी होगी. इसके लिए कंपनियों को एक ‘एंड-यूज़ सर्टिफिकेट’ देना होगा, जिसमें ये साबित करना होगा कि ये मैग्नेट मिलिट्री इस्तेमाल के लिए नहीं हैं. ये सर्टिफिकेट पहले भारत सरकार से मंज़ूर कराना होगा और फिर दिल्ली स्थित चीनी दूतावास से प्रमाणित करवाना होगा. इसके बाद ही चीन की सरकार लाइसेंस जारी करेगी.
SIAM ने दी चेतावनी
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, SIAM (Society of Indian Automobile Manufacturers) ने एक गोपनीय रिपोर्ट में भारत सरकार को आगाह किया है कि देश की प्रमुख ऑटो पार्ट निर्माता कंपनियों का मैग्नेट स्टॉक मई के अंत तक खत्म हो सकता है. अगर जल्द कोई हल नहीं निकला, तो जून की शुरुआत से गाड़ियों का उत्पादन रुक सकता है.
बड़ी कंपनियां सरकार से कर रहीं अपील
मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी प्रमुख वाहन निर्माता कंपनियों ने वाणिज्य मंत्रालय से हस्तक्षेप करने की अपील की है. कंपनियों की मांग है कि भारत सरकार इस प्रक्रिया को तेज़ करे, आयात से जुड़े आवेदन कुछ ही घंटों में मंजूर करे और चीन सरकार पर भी प्रक्रिया तेज़ करने का दबाव बनाए.
चीनी दूतावास का जवाब
नई दिल्ली में स्थित चीनी दूतावास ने कहा है कि वह चीन के कानूनों के तहत व्यापार को सरल बनाने की कोशिश कर रहा है. उसका कहना है कि ये पाबंदियां राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत लगाई गई हैं.
आने वाले दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं
मैग्नेट की कीमत भले ही ज्यादा न हो, लेकिन इनके बिना गाड़ी बनना मुमकिन नहीं. अगर यह संकट लंबा चला, तो भारत की ऑटो इंडस्ट्री पर भारी असर पड़ सकता है, जिससे ना सिर्फ उत्पादन रुकेगा बल्कि रोजगार और अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ेगा.
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