बजट से पहले क्‍यों आता होता है आर्थिक सर्वेक्षण, इस बार कब होगा पेश

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Last Updated:January 29, 2025, 13:14 ISTEconomic Survey 2025- वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण 31 जनवरी को आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी. इकोनॉमिक सर्वे में देश की आर्थिक स्थिति का व्यापक विश्लेषण होता है. सरकार के लिए एक मार्गदर्शक दस्तावेज के रूप में का…और पढ़ेंआर्थिक सर्वेक्षण वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. हाइलाइट्स31 जनवरी को निर्मला सीतारमण पेश करेंगी आर्थिक सर्वेक्षण.आर्थिक सर्वेक्षण में देश की आर्थिक स्थिति का विश्लेषण होता है.आर्थिक सर्वेक्षण सरकार के लिए मार्गदर्शक दस्तावेज है.नई दिल्‍ली. बजट से पहले पेश होने वाले आर्थिक सर्वेक्षण के पेश होने में सिर्फ दो दिन बचे हैं. इसे 31 जनवरी को पेश किया जाएगा. आर्थिक सर्वेक्षण देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति, विकास दर और प्रमुख आर्थिक चुनौतियों का विश्लेषण करने वाला एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है. यह रिपोर्ट सरकार को नीतिगत निर्णय लेने में सहायता करती है और यह दर्शाती है कि मौजूदा समय में सरकार को किन आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. आर्थिक सर्वेक्षण पिछले एक वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है और संभावित समाधान भी सुझाता है. इसके माध्यम से सरकार को यह समझने में मदद मिलती है कि विकास दर, महंगाई, बेरोजगारी और वित्तीय घाटे जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए किन नीतियों को अपनाया जाना चाहिए.

आर्थिक सर्वेक्षण को वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी. सरकार के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन (CEA V Anantha Nageswaran) की निगरानी में इसे तैयार किया गया है. वित्‍तमंत्री के संसद में इसे पेश किए जाने के बाद मुख्‍य आर्थिक सलाहकार प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया के सवालों के जवाब भी देंगे. देश का पहला इकोनॉमिक सर्वे 1950-51 में पेश किया गया था. वर्ष 1964 तक इकोनॉमिक सर्वे देश के आम बजट के साथ ही पेश किया जाता था लेकिन बाद में इसे, बजट से एक दिन पहले पेश किया जाने लगा.

कौन बनाता है इकोनॉमिक सर्वेइकोनॉमिक सर्वे वित्त मंत्रालय तैयार करता है. मंत्रालय का इकोनॉमिक अफेयर्स विभाग की इकोनॉमिक डिवीजन की इसे तैयार करने की जिम्‍मेदारी होती है. यह डिवीजन सरकार के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार की निगरानी में इस महत्‍वपूर्ण दस्‍तावेज को तैयार करती है.

इकोनॉमिक सर्वे में होते हैं दो खंड आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) के दो खंड होते हैं. पहले हिस्से में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन, सरकार की वित्तीय स्थिति से जुड़े डेटा और फिस्कल ट्रेंड की जानकारी होती है. दूसरे भाग में सामाजिक-आर्थिक मसलों का विश्लेषण होता है. जैसे-शिक्षा, गरीबी, स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर, मानव संसाधन आदि से जुड़ी जानकारियां होती है.

आर्थिक सर्वेक्षण का महत्‍व आर्थिक सर्वेक्षण देश की आर्थिक सेहत का लेखा-जोखा प्रस्तुत करता है. इसके जरिए केंद्र सरकार जनता को यह बताती है कि अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति क्या है और विकास की गति कैसी है. इसके अलावा, सर्वेक्षण में सरकार को आर्थिक सुधारों और नीतिगत बदलावों के लिए सुझाव भी दिए जाते हैं. हालांकि, इन सुझावों को मानना सरकार के लिए अनिवार्य नहीं होता.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :January 29, 2025, 13:14 ISThomebusinessबजट से पहले क्‍यों आता होता है आर्थिक सर्वेक्षण, इस बार कब होगा पेश

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