बजट 2025 : हाइवे, एक्‍सप्रेसवे बनाने को बजट में इस बार मिलेंगे कम पैसे

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Last Updated:January 19, 2025, 11:44 ISTBudget 2025- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) बजटीय समर्थन में पिछले दस वर्षों में 8 गुना वृद्धि हुई है. वित्‍त वर्ष 2025-26 के बजट में वित्‍त मंत्री इस बार मंत्रालय को कम पैसे आवंटित कर सकती हैं.
अगले वित्तीय वर्ष में मंत्रालय के बजटीय आवंटन में मामूली वृद्धि ही होगी. नई दिल्‍ली. वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी. केंद्रीय बजट 2025-26 में इस बार सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के बजट आवंटन में 5-6 फीसदी बढ़ोतरी होने की उम्‍मीद है. मंत्रालय को इस बार 2.85 लाख करोड़ रुपये से 2.9 लाख करोड़ रुपये का सकल बजटीय समर्थन (Gross Budgetary Support) मिलने की उम्‍मीद है. मनीकंट्रोल ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि परियोजनाओं के धीमे निष्पादन, परियोजना आवंटन में गिरावट, मंत्रालय को आवंटित धन के कम इस्‍तेमाल और सरकार द्वारा राजमार्ग क्षेत्र में निजी पूंजीगत व्यय बढ़ाने की योजना के कारण अगले वित्तीय वर्ष में मंत्रालय के बजटीय आवंटन में मामूली वृद्धि ही होगी.

एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि राजमार्ग मंत्रालय के बजटीय समर्थन में पिछले दस वर्षों में 8 गुना वृद्धि हुई है. वित्‍त वर्ष 2026 के लिए आवंटन में मामूली वृद्धि से न केवल मंत्रालय को धन का पूरा इस्‍तेमाल करने में मदद मिलेगी, बल्कि इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को भी बढ़ावा देगी. 2024-25 के केंद्रीय बजट में MoRTH के लिए बजटीय आवंटन में केवल तीन प्रतिशत की वृद्धि हुई थी जो जो 2.64 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर लगभग 2.72 लाख करोड़ रुपये हो हो गया था.

सरकार को जोर निजी भागीदारी पर एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सरकार देश में सड़क और राजमार्ग क्षेत्र के त्वरित विकास के लिए अधिक निजी भागीदारी और राजमार्ग संपत्तियों के मुद्रीकरण को बढ़ावा देने के लक्ष्य के साथ आगे बढ रही है. केंद्र सरकार पुनर्निर्मित बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर (BOT) मॉडल के तहत अधिक से अधिक परियोजनाएं आवंटित करना चाहती है. अब तक 44,000 करोड़ रुपये मूल्य की 937 किलोमीटर लंबी 15 महत्वपूर्ण सड़क परियोजनाओं की पहचान की है, जिन्हें भविष्य में बीओटी मॉडल के तहत आवंटित किया जाएगा.

हालांकि, 2024-25 में अब तक BOT परियोजनाओं का आवंटन धीमा रहा है. केवल एक BOT परियोजना ही आवंटित की गई जो 4,734 करोड़ रुपये की थी. रेटिंग एजेंसी ICRA के अनुसार, BOT परियोजनाओं में उच्च इक्विटी प्रतिबद्धता और अंतर्निहित यातायात और निष्पादन जोखिमों को देखते हुए, “निकट से मध्यम अवधि में कुल परियोजना आवंटनों में BOT (टोल) की ओर एक महत्वपूर्ण बदलाव की उम्मीदें चुनौतीपूर्ण बनी हुई हैं.”

बीओटी योजना में किया गया है सुधार सड़क और परिवहन मंत्रालय इस साल की शुरुआत में राजमार्ग विकास में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक पुनर्निर्मित BOT परियोजना ढांचा पेश था. अद्यतन दिशानिर्देश परियोजना निष्पादन में सस्पष्टता लाकर ज्‍यादा से ज्‍यादा प्राइवेट प्‍लेयर्स को आकर्षित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं.

धन का कम उपयोगसड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के परियोजना निष्पादन में भी 2024-25 में गिरावट आई है. इसका कारण 2023-24 में कम परियोजनाएं आवंटित करना है. कैबिनेट ने अक्टूबर 2023 में MoRTH द्वारा भेजे गए 2031-32 तक 30,600 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी थी, जिसकी अनुमानित लागत 22 लाख करोड़ रुपये थी. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने FY25 में दिसंबर 2024 तक पूंजीगत व्यय के रूप में 1.75 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 1.8 लाख करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जबकि FY24 में दिसंबर 2023 तक 2.15 लाख करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.

एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “FY25 में दिसंबर 2024 तक लगभग 5,100 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया है, जबकि FY24 में दिसंबर 2023 तक 6,200 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया गया था. ” उन्‍होंने कहा कि कम आवंटन के कारण FY25 में मंत्रालय का पूंजीगत व्यय पहले 9 महीनों में FY24 की समान अवधि की तुलना में काफी कम रहा है. FY25 में मंत्रालय ने दिसंबर 2024 तक लगभग 2,500 किलोमीटर के निर्माण के लिए कई सड़क परियोजनाओं और एक BoT परियोजना को को मंजूरी दी. FY24 में इसी अवधि में दिसंबर 2023 तक लगभग 3,100 किलोमीटर सड़क निर्माण को धन आवंटित किया गया था. FY23 में दिसंबर 2022 तक लगभग 7,100 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए परियोजनाएं आवंटित की गई.

भारतमाला परियोजना का धीमा आवंटन अक्टूबर 2023 के बाद से भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) द्वारा अगस्त 2023 में परियोजनाओं के आवंटन में अनियमितताओं के उदाहरण पाए जाने के बाद से भारतमाला परियोजना योजना के तहत परियोजनाओं का आवंटन धीमा हो गया है. भारतमाला परियोजना के चरण-I के कार्यान्वयन पर अपनी रिपोर्ट में कैग ने प्रस्तावित मूल्यांकन और अनुमोदन तंत्र में कई कमियां उजागर की.

द्वारका एक्सप्रेसवे और दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेसवे जैसी कई उच्च लागत वाली इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) परियोजनाओं में भारी लागत वृद्धि को भी चिह्नित किया. दिसंबर 2023 तक, चरण-I का केवल 15,549 किलोमीटर या 43 प्रतिशत निर्माण पूरा हुआ था. इसमें 10,869 किलोमीटर के निर्माण के लिए आवंटन दिया गया था. लेकिन शेष परियोजनाओं को आवंटित नहीं किया जा सका क्योंकि संशोधित लागत अनुमानों को कैबिनेट द्वारा मंजूरी नहीं दी गई थी.

FY24 में पूरा नहीं हो सकता लक्ष्‍य ICRA ने FY25 में सड़क आवंटन में 30 प्रतिशत की वार्षिक गिरावट का अनुमान लगाया है, जो सरकार के 10,500 किलोमीटर के लक्ष्य की तुलना में 8,500-9,000 किलोमीटर है. केंद्र ने FY24 में 13,290 किलोमीटर के लक्ष्य के मुकाबले 8,581 किलोमीटर सड़क परियोजनाओं को आवंटित किया था. राजमार्ग मंत्रालय ने FY24 में लगभग 12,349 किमी राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया था, जो इसके 14,000 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्गों के निर्माण के लक्ष्य से कम था.

मंत्रालय पिछले तीन वर्षों से अपने राजमार्ग निर्माण लक्ष्य को पूरा नहीं कर सका है. महामारी प्रभावित FY21 के दौरान राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण चरम पर था, जब लॉकडाउन ने निर्माण को तेज करने में मदद की, जिससे एक दिन में 37 किमी का रिकॉर्ड बना और 13,327 किमी राजमार्गों का निर्माण हुआ.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :January 19, 2025, 11:44 ISThomebusinessबजट 2025 : हाइवे, एक्‍सप्रेसवे बनाने को बजट में इस बार मिलेंगे कम पैसे

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