Last Updated:January 30, 2025, 14:07 ISTBudget 2025 Expectations: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को बजट पेश करेंगी. निवेशक कैपेक्स बढ़ाने, आयकर दरों में कटौती और राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने की उम्मीद कर रहे हैं. क्योंकि तीन बुरे संकेतो…और पढ़ेंनिर्मला सीतारमण. हाइलाइट्सवित्त मंत्री 1 फरवरी 2025 को बजट पेश करेंगी.निवेशक कैपेक्स बढ़ाने और आयकर दरों में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं.राजकोषीय घाटा जीडीपी के 4.5% से अधिक हो गया है.Budget 2025 Expectations : भारतीय अर्थव्यवस्था आज एक ऐसे मोड़ पर खड़ी है, जहां विकास की गति धीमी हो गई है और उपभोक्ता खर्च में गिरावट आई है. ऐसे में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का 1 फरवरी 2025 को पेश होने वाले यूनियन बजट पर सबकी निगाहें हैं. शेयर बाजार के निवेशकों की उम्मीदें इस बार सीमित हैं, लेकिन वे चाहते हैं कि सरकार विकास को प्राथमिकता दे, कैपेक्स बढ़ाए, और आयकर दरों में कटौती कर उपभोग को बढ़ावा दे.
इकॉनमी धीमी गति से बढ़ रही है और उपभोक्ताओं द्वारा खर्च में गिरावट आई है. ऊपर से राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.5% से अधिक हो गया है. ऐसे में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कंधों पर सबकुछ बैलेंस करने की बड़ी जिम्मेदारी है. पिछले कुछ वर्षों में बजट का शेयर बाजार पर प्रभाव कम होता चला गया है, लेकिन इस बार उम्मीदें और भी कम हैं. ‘लड़की बहन योजना’ जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं की सफलता के बाद मोदी सरकार बुनियादी ढांचे और सामाजिक कल्याण योजनाओं के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर सकती है. इकॉनमिक्स टाइम्स ने UBS इंडिया के रणनीतिकार अनुभव अग्रवाल के हवाले से लिखा कि अगर राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.5% से कम रखना है, तो कैपेक्स और उपभोग को बढ़ावा देने की गुंजाइश भी सीमित होगी. कुल मिलाकर, निवेशकों की नजर में इस बजट से पांच प्रमुख उम्मीदें हैं-
कैपेक्स व्यय में वृद्धिसरकारी खर्च, विशेष रूप से कैपेक्स, में कमजोर रुझान ने विकास की गति पर ब्रेक लगाने की आशंका पैदा कर दी है. मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों का अनुमान है कि कैपेक्स में कमी लगभग 1.45 लाख करोड़ रुपये की हो सकती है, जो वित्त वर्ष 25 के बजट अनुमान का 13 फीसदी है. एक्सिस सिक्योरिटीज का कहना है कि वित्त वर्ष 26 का बजट विकासोन्मुख होगा, जिसमें सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कैपेक्स खर्च बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा. सड़क, जल, मेट्रो, रेलवे, रक्षा, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और हरित प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्र प्रमुख फोकस होंगे.
उपभोग बढ़ाने के लिए आयकर दरों में कटौतीनोमुरा का अनुमान है कि सरकार पर्सनल इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव कर सकती है और मध्यम वर्ग की डिस्पोजेबल आय बढ़ाने पर ध्यान दे सकती है. निम्न आय वाले परिवारों के लिए उपभोग की प्रवृत्ति अधिक होती है, जो निकट भविष्य में उपभोग को बढ़ावा दे सकती है.
राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर बने रहनाविश्लेषकों का मानना है कि आगामी बजट में राजकोषीय समझदारी और पूंजीगत खर्च को समर्थन देना जारी रहेगा. गोल्डमैन सैक्स के संतनु सेनगुप्ता का कहना है कि वित्त वर्ष 26 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 4.4–4.6 प्रतिशत हो सकता है.
रुपये को स्थिर रखनानोमुरा का कहना है कि बजट में सोने के आयात पर लगाने वाली ड्यूटी बढ़ाई जा सकती है, क्योंकि सोने के बढ़ते आयात से चालू खाता प्रभावित हो रहा है. इसके अलावा, विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए बीमा क्षेत्र में FDI लिमिट 74 फीसदी से बढ़ाकर 100 फीसदी की जा सकती है.
निवेशकों पर टैक्स बोझ कम करनानिवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि बजट में STT या LTCG टैक्स से छेड़छाड़ न की जाए, क्योंकि किसी भी बढ़ोतरी से रिटेल और विदेशी निवेशकों की भागीदारी प्रभावित हो सकती है. SKI Capital के नरेंद्र वाधवा के अनुसार, अगर LTCG नियमों में राहत मिलती है या टैक्स स्थिर रहता है, तो यह बाजार की धारणा को मजबूत कर सकता है.
वित्त वर्ष में 1 अप्रैल से 17 दिसंबर तक सिक्योरिटीज़ ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) से 40,114 करोड़ रुपये की वसूली हुई है. विशेषज्ञों का मानना है कि इसे खत्म करने से निवेशकों पर टैक्स का बोझ कम होगा. हाल ही में लिस्टेड शेयरों पर लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स को 10% से बढ़ाकर 12.5% कर दिया गया है, जिससे यह अन्य संपत्तियों की तरह हो गया है.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :January 30, 2025, 14:07 ISThomebusinessBudget Expectations: 3 बुरे संकेतों के बीच सरकार से क्या चाहते शेयर बाजार वाले
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News