Last Updated:April 07, 2025, 10:21 ISTBlack Monday 2.0- डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ ने वैश्विक शेयर बाजारों में उथल-पुथल मचा दी है. विशेषज्ञों को 1987 के ‘ब्लैक मंडे’ जैसी गिरावट की आशंका है.वैश्विक शेयरों में ट्रंप के टैरिफ की घोषणा के बाद से ही भय का माहौल है. हाइलाइट्सट्रंप के टैरिफ से वैश्विक शेयर बाजारों में उथल-पुथल.विशेषज्ञों को 1987 के ‘ब्लैक मंडे’ जैसी गिरावट की आशंका.एशियाई बाजारों में भारी गिरावट, Nikkei 225 और Hang Seng 8% गिरे.नई दिल्ली. डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत, चीन सहित कई देशों पर लगाए गए भारी टैरिफ ने दुनिया में उथल-पुथल मचा दी है. खुद अमेरिका भी इस ट्रैरिफ वार की चपेट में और वहां के शेयर बाजार खून के आंसू रो रहे हैं. सप्ताह की शुरुआत बेहद डरावनी रही. एशियाई शेयरर बाजार कारोबारी हफ्ते के पहले दिन धड़ाम हो गए हैं. इससे यह सवाल फिर से खड़ा हो गया है कि क्या इतिहास खुद को दोहराने जा रहा है? क्या 1987 जैसा भयावह ‘ब्लैक मंडे’ फिर से दरवाज़े पर दस्तक दे चुका है? टैरिफ वार से वैश्विक शेयर बाजारों में मची भारी उथल-पुथल को देखते हुए बाजार विशेषज्ञों को‘ब्लैक मंडे 2.0’ की आहट सुनाई दे चुकी है. सोशल मीडिया पर भी ‘Black Monday’ और ‘Orange Monday’ जैसे शब्द ट्रेंड कर रहे हैं.
“ब्लैक मंडे” (Black Monday) आमतौर पर 19 अक्टूबर 1987 को हुई उस घटना को संदर्भित करता है, जब वैश्विक शेयर बाजार बुरी तरह ढह गए थे. अमेरिका के शेयर बाजार में तो मंदी का ऐसा तांडव आया कि एक ही दिन में डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (DJIA) 22.6% गिर गया. यह एक दिन में आई अब तक की सबसे बड़ी गिरावट थी. एसएंडपी उस दिन 30 फीसदी गिरा. ब्लैक मंडे से पहले शेयर बाजार में तेजी का माहौल था. निवेशकों का आत्मविश्वास चरम पर था और स्टॉक की कीमतें लगातार बढ़ रही थीं. लेकिन, कुछ ऐसे कारक थे नीचे से बाजार को खोखला कर रहे थे. इनमें बाजार का ओवरवैल्यूएशन और मार्जिन डेट प्रमुख थे.
बहुत तेज थी बिकवालीशेयर बाजार में लोग पैसे उधार लेकर शेयर बाजार में लगा रहे थे. जैसे ही गिरावट शुरू हुई नुकसान से बचने को ऐसे निवेशकों ने धड़ाधड़ शेयर बेचने शुरू कर दिए. उस समय स्वचालित ट्रेडिंग सिस्टम (कंप्यूटर-आधारित प्रोग्राम) का इस्तेमाल बढ़ रहा था. इस सिस्टम ने बाजार में गिरावट शुरू होते ही बड़ी मात्रा में शेयर बेचने के ऑर्डर ट्रिगर कर दिए, जिससे गिरावट और तेज हो गई. कई विश्लेषकों का मानना था कि स्टॉक की कीमतें उनकी वास्तविक वैल्यू से बहुत अधिक बढ़ गई थीं और करेक्शन आना स्वाभाविक था.
बढ़ रही है ब्लैक मंडे की आशंका1987 के ब्लैक मंडे से पहले भी बाजारों में मंदी के संकेत दिखने लगे थे. दुनियाभर के शेयर बाजार 10% तक गिर गए थे. डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ लगाने के बाद कुछ ऐसा ही अब हो रहा है. अमेरिकी बाजार पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में बुरी तरह गिरे हैं. एशियाई बाजारों की हालत भी कुछ ठीक नहीं है. आज कारोबारी हफ्ते के पहले दिन जापान का Nikkei 225 और हांगकांग का Hang Seng इंडेक्स करीब 8% गिर गया. अमेरिका में भी हालात अच्छे नहीं रहे. पिछले हफ्ते चीन ने ट्रंप के टैरिफ के जवाब में अमेरिका पर नए शुल्क लगाए, जिसके बाद Nasdaq और Dow Jones 5-6% तक लुढ़क गए.
जाने-माने वित्तीय विश्लेषक जिम क्रैमर ने चेतावनी दी है कि बाजार ब्लैक मंडे 2.0 की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के व्यापक टैरिफ निर्णय और वैश्विक तनावों की वजह से यह स्थिति बन रही है. उनका मानना है कि अगर ट्रंप ने हालात को संभालने के लिए कोई रचनात्मक कदम नहीं उठाया तो वैश्विक बाजारों को 1987 जैसी गिरावट का सामना करना पड़ सकता है. चूंकि ट्रंप अपने निर्णयों से पीछे हटते नहीं दिख रहे, इसलिए यह खतरा और भी वास्तविक होता जा रहा है.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :April 07, 2025, 10:21 ISThomebusinessक्या फिर लौट आया ब्लैक मंडे? डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ तलवार से थर्राए बाजार
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