Last Updated:May 05, 2025, 22:24 ISTसुप्रीम कोर्ट ने बिटकॉइन ट्रेडिंग को ‘हवाला के हाईटेक तरीके’ जैसा बताया. शैलेश भट्ट की जमानत याचिका पर सुनवाई में कोर्ट ने सरकार से पॉलिसी पर जवाब मांगा. अगली सुनवाई 19 मई को होगी.हाइलाइट्ससुप्रीम कोर्ट ने बिटकॉइन ट्रेडिंग को हाईटेक हवाला बताया.सरकार से बिटकॉइन पर पॉलिसी का जवाब मांगा गया.अगली सुनवाई 19 मई को होगी.नई दिल्ली. भारत में बिटकॉइन को लेकर कोई साफ कानून नहीं है और यही चिंता अब सुप्रीम कोर्ट ने भी जताई है. सोमवार को कोर्ट ने कहा कि भारत में बिटकॉइन की ट्रेडिंग एक तरह से ‘हवाला के हाईटेक तरीके’ जैसी है. यह बात कोर्ट ने एक जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए कही. ये याचिका शैलेश बाबूलाल भट्ट नाम के शख्स ने दायर की थी, जिन्हें बिटकॉइन की अवैध ट्रेडिंग के आरोप में गुजरात पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
सुप्रीम कोर्ट की बेंच में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह शामिल थे. उन्होंने कहा कि दो साल पहले भी उन्होंने सरकार से पूछा था कि बिटकॉइन और वर्चुअल करेंसी पर पॉलिसी क्या है. लेकिन आज तक कोई ठोस जवाब नहीं आया है.
“कुछ बिटकॉइन असली होते हैं, कुछ नकली”जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि वो खुद बिटकॉइन को ज्यादा नहीं समझते, लेकिन इतना जानते हैं कि कुछ असली बिटकॉइन होते हैं और कुछ नकली. उन्होंने कहा, “भारत में बिटकॉइन ट्रेडिंग एक तरह से हाईटेक हवाला जैसा है क्योंकि कोई नियम ही नहीं हैं.”
बचाव पक्ष ने कहा- ट्रेडिंग गैरकानूनी नहींभट्ट के वकील मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि बिटकॉइन ट्रेडिंग भारत में गैरकानूनी नहीं है. उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही रिजर्व बैंक के उस सर्कुलर को रद्द कर दिया था जिसमें बिटकॉइन पर बैन था. रोहतगी ने कहा कि “मैंने रविवार को देखा, एक बिटकॉइन की कीमत 82 लाख रुपये थी.” उन्होंने ये भी कहा कि वे खुद भी इस ट्रेड को पूरी तरह नहीं समझते.
सरकार ने कहा- सिर्फ ट्रेडिंग नहीं, मामला बड़ा हैगुजरात सरकार और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से पेश हुईं एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि ये मामला सिर्फ बिटकॉइन ट्रेडिंग का नहीं है, इसलिए उन्हें डिटेल जवाब देने के लिए थोड़ा समय चाहिए. कोर्ट ने राज्य सरकार और ED को जवाब देने के लिए 10 दिन का वक्त दिया है और अगली सुनवाई 19 मई को तय की है.
भट्ट की जमानत याचिका का मामलाशैलेश भट्ट का दावा है कि उन्हें 14 अगस्त 2023 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वे जेल में हैं. उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है जिसमें उन्हें जमानत नहीं दी गई थी. पिछले साल जनवरी में केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया था कि वह अभी तक तय नहीं कर पाई है कि क्रिप्टोकरेंसी को कैसे रेगुलेट किया जाए. फरवरी 2022 में कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि क्या बिटकॉइन और बाकी वर्चुअल करेंसी की ट्रेडिंग भारत में लीगल है या नहीं.
Location :New Delhi,Delhihomebusinessहवाला कारोबार है बिटकॉइन ट्रेडिंग! देश की सबसे बड़ी कोर्ट ने क्यों कहा ऐसा?
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