Last Updated:May 21, 2025, 22:03 ISTभोपाल उपभोक्ता अदालत ने रेस्टोरेंट मालिक को ₹8,000 का जुर्माना लगाया क्योंकि उसने ₹20 एमआरपी वाली पानी की बोतल पर ₹29 वसूले और ₹1 जीएसटी दिखाया. कोर्ट ने इसे “सेवा में कमी” माना.हाइलाइट्सभोपाल कोर्ट ने रेस्टोरेंट पर ₹8,000 का जुर्माना लगाया.रेस्टोरेंट ने ₹20 की पानी की बोतल पर ₹29 वसूले.एमआरपी में पहले से जीएसटी शामिल होता है, अलग से वसूलना अवैध.नई दिल्ली. भोपाल की एक उपभोक्ता अदालत ने एक अहम फैसले में रेस्टोरेंट मालिक को ₹8,000 का जुर्माना भरने को कहा है क्योंकि उसने ₹20 एमआरपी वाली पानी की बोतल पर ग्राहक से ₹29 वसूले और उसमें ₹1 जीएसटी के रूप में दिखाया. यह सुनने में मामूली मामला लगता है, लेकिन इसका असर उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा और जीएसटी जैसे जटिल टैक्स सिस्टम की पारदर्शिता पर सीधा पड़ता है.
2021 की यह घटना उस वक्त घटी जब भोपाल की ऐश्वर्या नाम की महिला अपने दोस्तों के साथ एक रेस्टोरेंट गई थीं. खाने के बाद जब बिल आया, तो उसमें ₹20 की बोतल पर ₹9 अतिरिक्त वसूले गए थे. पूछने पर स्टाफ ने कहा कि इसमें ₹1 जीएसटी और बाकी रकम एयर कंडीशनिंग, सीटिंग और ऑन-टेबल सर्विस के लिए है. लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत में एमआरपी (Maximum Retail Price) में पहले से ही जीएसटी शामिल होता है, और उपभोक्ता से अलग से टैक्स वसूलना गैरकानूनी है.
जब ऐश्वर्या को तर्क असंगत लगा, तो उन्होंने इसे भोपाल जिला उपभोक्ता फोरम में घसीटा. कोर्ट ने रेस्टोरेंट की दलीलें खारिज करते हुए कहा कि यह मामला “सेवा में कमी” का है और ग्राहक से झूठी वसूली की गई है. कोर्ट ने ₹5,000 मानसिक पीड़ा के लिए, ₹3,000 मुकदमे के खर्च के रूप में और ₹1 जीएसटी वापस करने का आदेश दिया.
जीएसटी और एमआरपी का कानून क्या कहता है?
भारत के जीएसटी कानून के अनुसार, जब कोई प्रोडक्ट पहले से MRP के साथ टैग किया गया होता है – जैसे कि पानी की बोतल, चिप्स, जूस – तो दुकानदार या रेस्टोरेंट उसे उस से अधिक पर नहीं बेच सकते. चाहे दुकान सड़क पर हो या किसी 5-स्टार होटल में. MRP में पहले से GST जोड़ा गया होता है, इसलिए अलग से टैक्स वसूलना अवैध है.
ऐसे और भी मामले सामने आ चुके हैं
इससे पहले भी कई ऐसे मामले उपभोक्ता अदालतों में दर्ज हो चुके हैं. 2017 में चंडीगढ़ में एक सिनेमाघर को ₹5,000 का जुर्माना भरना पड़ा था क्योंकि उसने कोल्ड ड्रिंक पर MRP से ज़्यादा वसूला था. वहीं 2019 में दिल्ली की एक अदालत ने एक होटल को दोषी ठहराया था जो ग्राहक से पानी की बोतल पर दोबारा जीएसटी वसूल रहा था.
क्या कहता है सुप्रीम कोर्ट?
सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार यह स्पष्ट किया है कि एमआरपी से अधिक वसूली “अनुचित व्यापार व्यवहार” (Unfair Trade Practice) की श्रेणी में आता है, और उपभोक्ता इसे चुनौती दे सकते हैं.
उपभोक्ताओं को क्या करना चाहिए?
अगर आपसे MRP से ज़्यादा पैसे मांगे जाएं, तो तुरंत बिल की मांग करें
जीएसटी नंबर और रेट देखें – यदि पैक्ड आइटम है, तो GST अलग नहीं होना चाहिए
जरूरत हो तो आप consumerhelpline.gov.in या 1915 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं
Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंभारत पाकिस्तान की ताज़ा खबरें OXBIG NEWS NETWORK India पर देखेंLocation :New Delhi,Delhihomebusiness1 रुपये के जीएसटी के चक्कर में देने पड़े ₹8000, 4 साल पुरानी बात, अब हुई खत्म
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