Storyboard18 के डिजिटल एंटरटेनमेंट समिट (DES) 2025 में तेलंगाना सरकार के स्पेशल चीफ सेक्रेटरी जयेश रंजन ने ऑनलाइन गेमिंग पर सीधे प्रतिबंध लगाने के खिलाफ अपनी बात रखी और इसके बदले एक ज्यादा समझदारी और लंबे समय तक टिकने वाला रेगुलेटरी अप्रोच अपनाने की ज़रूरत बताई.
उन्होंने कहा, “गेमिंग सेक्टर आर्थिक रूप से बहुत संभावनाएं रखता है, लेकिन इसके साथ ही एडिक्शन, कम उम्र के लोगों की भागीदारी और फ्रॉड जैसे मसले भी हैं. सीधे बैन काम नहीं करते. तेलंगाना ने भी अपने स्तर पर कुछ बैन लगाए हैं, लेकिन मैं नहीं मानता कि ये कोई लॉन्ग-टर्म सॉल्यूशन है.”
रंजन ने मौजूदा नेशनल रेगुलेटरी स्ट्रक्चर की सीमाओं की ओर इशारा किया और एक ज्यादा असरदार मॉडल की ज़रूरत बताई.
उन्होंने कहा, “अभी जो सेल्फ-रेगुलेटरी बॉडीज़ (SRBs) का नेशनल मॉडल है, वो भी ज्यादा सफल नहीं रहा क्योंकि इसमें एलीट कैप्चर और फ्रैग्मेंटेशन जैसी दिक्कतें हैं. अब हम एक तीसरे मॉडल की तलाश में हैं जो इनोवेशन और कंज़्यूमर प्रोटेक्शन के बीच संतुलन बना सके. ये आसान हल नहीं है, लेकिन ज़रूरी है.”
भारत के बढ़ते AVGC (एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स) सेक्टर की व्यापक पृष्ठभूमि में रंजन ने बताया कि कैसे तेलंगाना इस क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनकर उभरा है, वो भी शुरुआती पॉलिसी इनोवेशन, बड़े पैमाने के इन्फ्रास्ट्रक्चर, और इंडस्ट्री-इंटीग्रेटेड स्किलिंग के दम पर.
उन्होंने कहा, “तेलंगाना ने इस सेक्टर की संभावनाओं को बाकी राज्यों से कहीं पहले पहचान लिया था. 2014 में अलग राज्य बनने के बाद, हमने AVGC सेक्टर को अपनी डिजिटल इकॉनमी का फ्लैगशिप कंपोनेंट माना. शायद हम पहले राज्य थे जिन्होंने एक प्रोग्रेसिव AVGC पॉलिसी लाई, और अब हम उसका वर्जन 2.0 तैयार कर रहे हैं. यह पॉलिसी ऊपर से नहीं थोपी गई, बल्कि बॉटम-अप बनाई गई जिसमें इंडस्ट्री की असल समस्याओं को ध्यान में रखा गया.”
रंजन ने यह भी बताया कि तेलंगाना की रणनीति सिर्फ पॉलिसी अनाउंसमेंट तक सीमित नहीं रही.
उन्होंने कहा, “पॉलिसी से आगे जाकर हमने पाँच ठोस कदम उठाए हैं—सबसे अहम है हैदराबाद में IMAGE टॉवर का निर्माण. यह 1.6 मिलियन स्क्वायर फीट का ग्रेड ए फेसिलिटी है जिसमें ₹1,200 करोड़ का स्टेट इनवेस्टमेंट किया गया है. इससे 30,000 जॉब्स पैदा होंगे और 150 से ज्यादा VFX कंपनियां इसमें आकर्षित होंगी.”
रंजन ने बताया कि कैसे हैदराबाद अब भारत में सिनेमैटिक डॉमिनेंस का हब बनता जा रहा है और वहां की इंडस्ट्री का लीडरशिप पाइपलाइन भी मज़बूत होती जा रही है.
उन्होंने कहा, “पिछले 15 सालों में भारत की 12 सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से 9 तेलुगू इंडस्ट्री से आई हैं. तमिलनाडु और कर्नाटका की कई फिल्में भी अपना पोस्ट-प्रोडक्शन और VFX वर्क हैदराबाद में ही करवा रही हैं.”
“हमारे पास इस सेक्टर में एक मज़बूत लीडरशिप प्रेजेंस भी है—लगभग 15-16% भारत की टॉप AVGC कंपनियों के सीईओ तेलंगाना से हैं.”
तेलंगाना ने बाकी कई राज्यों के विपरीत, AVGC सेक्टर की ग्रोथ का इंतज़ार नहीं किया, बल्कि पहले से एक मजबूत फाउंडेशन तैयार किया.
रंजन ने कहा, “बाकी राज्यों की तरह हमने ऑर्गैनिक इकोसिस्टम के बनने का इंतज़ार नहीं किया और फिर रिएक्ट नहीं किया. हमने पहले ही पॉलिसी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, टैलेंट डेवलपमेंट और इंसेंटिव्स को जोड़कर एक कोहीसिव सिस्टम बना लिया.”
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News