Loan Write-Off : बैंकों को 10 साल में लग गई 12 लाख करोड़ रुपये की चपत

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हाइलाइट्सएसबीआई ने सबसे ज्‍यादा लोन बट्टे खाते में डाला है. वित्‍त वर्ष 2024 में 1.7 लाख करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाले गए. सितंबर 2024 तक सकल एनपीए अनुपात घटकर 3.12% हो गया.नई दिल्‍ली. बैंकों ने वित्‍त वर्ष 2015 से 2024 के बीच कुल 12.3 लाख करोड़ रुपये के ऋण बट्टे खाते में डाले हैं. इनमें से 53% यानी 6.5 लाख करोड़ रुपये के ऋण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) ने पिछले पांच वर्षों (FY20-FY24) में ही बट्टे खाते में डाले हैं. यह जानकारी सरकार ने संसद में पूछे गए प्रश्नों के जवाब में दी है.वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि 30 सितंबर 2024 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सकल एनपीए (Non-Performing Assets) 3,16,331 करोड़ रुपये और निजी क्षेत्र के बैंकों के सकल एनपीए 1,34,339 करोड़ रुपये थे. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए कुल बकाया ऋण का 3.01% था, जबकि निजी क्षेत्र के बैंकों में यह 1.86% रहा.

ऋण माफी का उच्चतम स्तर वित्‍त वर्ष 2019 में दर्ज किया गया. तब बैंकों ने 2.4 लाख करोड़ रुपये के ऋण को बट्टे खाते में डाला. यह माफी 2015 में शुरू हुई परिसंपत्ति गुणवत्ता समीक्षा (Asset Quality Review) के बाद की गई थी. हालांकि, वित्‍त वर्ष 2024 में 1.7 लाख करोड़ रुपये ही बट्टे खाते में डाले गए. यह कुल बैंक क्रेडिट (लगभग 165 लाख करोड़ रुपये) का केवल 1% था.

एसबीआई का सबसे ज्‍यादा डूबा पैसा भारतीय स्टेट बैंक (SBI), जो बैंकिंग क्षेत्र में लगभग 20% हिस्सेदारी रखता है, ने इस अवधि में 2 लाख करोड़ रुपये के ऋण को बट्टे खाते में डाला है. पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने राष्ट्रीयकृत बैंकों में सबसे अधिक 94,702 करोड़ रुपये के लोन को बट्टे खाते में डाला. चालू वित्त वर्ष में सितंबर 2024 तक सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 42,000 करोड़ रुपये के ऋण माफ किए हैं. चौधरी ने स्पष्ट किया कि लोन को बट्टे खाते में डालने का अर्थ उधारकर्ताओं की देनदारी को माफ करना नहीं है.

उन्होंने कहा, “बैंक आरबीआई के दिशानिर्देशों और अपने बोर्ड की नीति के तहत एनपीए को चार वर्षों के बाद बट्टे खाते में डालते हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि उधारकर्ता की देनदारी खत्म हो जाती है. बैंक वसूली की कार्रवाई जारी रखते हैं.” ऋण वसूली के लिए बैंक सिविल कोर्ट और ऋण वसूली न्यायाधिकरण (DRT) में मुकदमे दायर करते हैं, सारफेसी एक्ट, 2002 और इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 के तहत कार्रवाई करते हैं, और समझौते या एनपीए की बिक्री जैसे तरीकों का इस्‍तेमाल करते हैं.

FY24 में 1.41 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ सरकार ने यह भी बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने FY24 में 1.41 लाख करोड़ रुपये का अब तक का सबसे अधिक शुद्ध लाभ दर्ज किया. सितंबर 2024 तक सकल एनपीए अनुपात घटकर 3.12% हो गया. वहीं, 2024-25 की पहली छमाही में इन बैंकों ने 85,520 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया.
Tags: Bank Loan, Business news, SBI BankFIRST PUBLISHED : December 16, 2024, 09:12 IST

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