कितनी बची बांग्लादेश पर अडानी की उधारी, बिजली मिलती रहेगी या हो जाएगी बत्ती गुल?

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Last Updated:June 29, 2025, 15:58 ISTबांग्लादेश ने अडानी पावर को जून में 384 मिलियन डॉलर चुकाकर मार्च तक की बकाया राशि चुका दी है. कुल 2 अरब डॉलर के बिल में से अब तक 1.5 अरब डॉलर का भुगतान हो चुका है. हालांकि, अब भी करीब 500 मिलियन डॉलर की राशि बा…और पढ़ेंअडानी पावर झारखण्ड के प्लांट से 100 फीसदी बिजली बांग्लादेश को देती है.हाइलाइट्सबांग्लादेश ने जून में अडानी पावर को 384 मिलियन डॉलर चुकाए.मार्च 2025 से बिजली आपूर्ति पूरी बहाल हुई, नवंबर 2024 में आधी कर दी गई थी.राजनीतिक बदलाव के बाद बिजली समझौते की पारदर्शिता पर सवाल.नई दिल्ली. बांग्लादेश को भारत की अडानी पावर बिजली सप्लाई करती है. पिछले साल बकाया न चुकाने की वजह से बिजली आपूर्ति को कंपनी ने घटाकर आधा कर दिया था. लेकिन इस साल मार्च में फिर फुल सप्लाई चालू कर दी गई. तब बांग्लादेश ने मासिक भुगतान शुरू कर दिया था और बकाया चुकाने का भरोसा दिया था. भारत के पड़ोसी ने इस वादे को आंशिक तौर पर पूरा कर दिया है. बांग्लादेश ने अडानी पावर को 38.4 करोड़ डॉलर का भुगतान कर दिया है. यह भुगतान 437 मिलियन डॉलर के मासिक कमिटमेंट का हिस्सा था, जिसमें से 27 जून तक 384 मिलियन चुका दिए गए थे. बाकी बचे पैसे इस महीने चुकाने है.लेकिन इसके बावजूद अभी कम से कम 50 करोड़ डॉलर का बकाया और बांग्लादेश को चुकाना बाकी रह गया जाएगा. अगर यह बकाया नहीं चुकाया गया तो हो सकता है कि आगे भी सप्लाई रोक दी जाए.

बकाए का इतिहास

2017 में अडानी पावर और बांग्लादेश सरकार के बीच एक 25 साल का बिजली आपूर्ति समझौता हुआ था, जिसके तहत झारखंड के गोड्डा प्लांट से 100% बिजली बांग्लादेश को दी जानी थी. 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध और बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता के चलते विदेशी मुद्रा संकट पैदा हुआ और भुगतान रुक गए. इसके बाद नवंबर 2024 में अडानी ने बिजली आपूर्ति घटाकर आधी कर दी थी. मार्च 2025 में पूरी सप्लाई बहाल तब हुई जब बांग्लादेश ने मासिक नियमित भुगतान शुरू किए.

अब तक कितनी राशि चुकाई गई?

अब तक बांग्लादेश ने कुल लगभग 1.5 अरब डॉलर का भुगतान किया है, जबकि कुल बिलिंग लगभग 2 अरब डॉलर की हुई थी. यदि जून का बाकी भुगतान भी समय पर होता है, तो बकाया घटकर 500 मिलियन डॉलर तक रह जाएगा. अडानी ग्रुप ने जनवरी से जून 2025 के बीच की लेट पेमेंट सरचार्ज (करीब 20 मिलियन डॉलर) को माफ करने की सहमति दी है, बशर्ते बांग्लादेश अपनी भुगतान प्रतिबद्धता निभाता रहे.

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राजनीतिक बदलाव और समझौते की समीक्षा

2024 में शेख हसीना सरकार के सत्ता से बाहर होने के बाद इस समझौते की पारदर्शिता पर सवाल उठे. नए कार्यवाहक प्रधानमंत्री और नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस ने ऊर्जा और कानून विशेषज्ञों की एक कमेटी बनाई है, जो अदाणी पावर के साथ हुए बिजली समझौते की जांच कर रही है. बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अदाणी के अलावा एनटीपीसी और पीटीसी इंडिया लिमिटेड जैसे अन्य भारतीय पावर सप्लायर्स के समझौतों को भी पुनः मूल्यांकन के दायरे में लाया गया है.Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessकितनी बची बांग्लादेश पर अडानी की उधारी, कहीं फिर तो नहीं होगी बत्ती गुल?

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