दिग्‍गज अर्थशास्‍त्री ने दी मनहूस खबर! कहा- आम आदमी को सालभर और झेलना पड़ेगा

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नई दिल्‍ली. सरकार की गुजारिश पर भी जब आरबीआई गवर्नर ने नीतिगत दरों में कटौती नहीं की और कर्ज को महंगा ही छोड़ दिया तो नए गवर्नर ने आकर फिर से ब्‍याज दर में कटौती की उम्‍मीद जगाई. अभी इस पर कोई पुख्‍ता खबर आती उससे पहले ही एक दिग्‍गज अर्थशास्‍त्री ने मनहूस खबर का खुलासा कर दिया. उन्‍होंने कहा कि खुदरा महंगाई का दबाव अभी कम नहीं होने जा रहा और फरवरी में नीतिगत दरें घटने की फिलहाल कोई गुंजाइश नहीं है. उन्‍होंने तो यहां तक दावा किया कि अगले 13 से 14 महीने तक नीतिगत दरों में कटौती की संभावना नहीं दिख रही.

एक्सिस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अंशकालिक सदस्य नीलकंठ मिश्रा ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नेतृत्व में बदलाव से नीतिगत दर के रुख पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा और संस्थागत क्षमता बहुत मजबूत है. उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति पर आरबीआई के दृष्टिकोण की वजह से ‘अगले 13-14 महीनों’ तक ब्याज दरों में कटौती कर पाना संभव नहीं होगा.

महंगाई नहीं छोड़ रही पीछामिश्रा ने कहा कि खुदरा महंगाई की दर अभी इतनी आसानी से पीछा नहीं छोड़ने वाली है. अर्थशास्‍त्री ने दावा किया वित्त वर्ष 2025-26 में औसत मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने की संभावना है. अगले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही को छोड़कर प्रमुख मुद्रास्फीति 4.5-5 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है. ऐसी स्थिति में नीतिगत दरों में कटौती के लिए आरबीआई के पास बहुत कम गुंजाइश बचेगी.

थोड़े बदलाव से खास असर नहींउन्होंने कहा कि अगर आरबीआई वृद्धि को तेज करने के लिए अपनी प्रमुख दरों में 0.50 प्रतिशत की भी कटौती करता है तो यह वृद्धि में मदद के लिए ‘निर्णायक’ कदम नहीं होगा. जब आप दरों में कटौती का कदम बढ़ाते हैं तो यह निर्णायक होना चाहिए और विकास दर को इसका फायदा मिलना चाहिए. आधा प्रतिशत की कटौती न तो इधर है और न ही उधर. यानी इससे विकास दर पर खास असर नहीं पड़ेगा.

नए गवर्नर ने क्‍या कहा थाआरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्‍होत्रा ने कहा कि पिछले कुछ समय से खुदरा महंगाई में गिरावट रही है और यह आरबीआई के तय दायरे के भीतर है. अगर आगे भी खुदरा महंगाई में गिरावट बनी रही तो रिजर्व बैंक नीतिगत दरों में कटौती पर विचार कर सकता है. हालांकि, उन्‍होंने यह भी कहा कि ब्‍याज दर घटाने से पहले वैश्विक आर्थिक स्थिति और घरेलू बाजार के आंकड़ों पर भी नजर रखेंगे.
Tags: Business news, RBI Governor, Rbi policyFIRST PUBLISHED : December 12, 2024, 08:04 IST

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