Last Updated:March 26, 2025, 19:15 ISTअमित शाह ने संसद में बताया कि उनका खाता को-ऑपरेटिव बैंक में है और इन बैंकों में सुधारों की जानकारी दी. को-ऑपरेटिव बैंक ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर फोकस करते हैं और किफायती दरों पर लोन देते हैं, जबकि कमर्शियल बैंक म…और पढ़ेंसहकारी बैंक सरकारी बैंकों से अलग कैसे होते हैं?हाइलाइट्सअमित शाह का खाता को-ऑपरेटिव बैंक में है.को-ऑपरेटिव बैंक ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर फोकस करते हैं.को-ऑपरेटिव बैंक सस्ते लोन और वित्तीय सेवाएं प्रदान करते हैं.नई दिल्ली. केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बुधवार को संसद में अपने भाषण के दौरान बताया कि उनका खाता भी को-ऑपरेटिव बैंक में ही है. वह इन बैंकों में किए जा रहे सुधारों के बारे में बता रहे थे. उनकी इस बात पर संसद तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. क्या आप जानते हैं कि अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक आखिर होते क्या हैं और यह आम बैंकों से किस तरह अलग होते हैं. आइए जानते हैं.
को-ऑपरेटिव बैंक वे बैंक होते हैं जो सहकारी समितियों के रूप में कार्य करते हैं. इनका मुख्य उद्देश्य अपने सदस्यों को किफायती दरों पर लोन और अन्य वित्तीय सेवाएं प्रदान करना होता है. ये बैंक छोटे कारोबारियों, किसानों और निम्न व मध्यम वर्गीय लोगों की मदद करने के लिए बनाए जाते हैं.
को-ऑपरेटिव बैंकों की विशेषताएंस्वामित्व और प्रबंधन – ये बैंक अपने सदस्यों द्वारा संचालित होते हैं और लाभ को साझा किया जाता है.नियम और नियंत्रण – ये भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और राज्य सरकारों के सहकारी विभाग द्वारा नियंत्रित किए जाते हैं.लोन देने का तरीका – किसानों, छोटे व्यापारियों और समाज के कमजोर वर्गों को प्राथमिकता दी जाती है.कम ब्याज दरें – ये बैंक अपने सदस्यों को सस्ते लोन देने के लिए जाने जाते हैं.ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर फोकस – ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में ज्यादा सक्रिय होते हैं.
कमर्शियल बैंक क्या होते हैं?कमर्शियल बैंक पूरी तरह से व्यावसायिक बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए बनाए जाते हैं. इनका उद्देश्य मुनाफा कमाना और ग्राहकों को आधुनिक बैंकिंग सुविधाएं देना होता है. ये बड़े स्तर पर व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट ग्राहकों के लिए काम करते हैं.
कमर्शियल बैंकों की विशेषताएंस्वामित्व और प्रबंधन – ये बैंक निजी कंपनियों, सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा संचालित होते हैं.नियम और नियंत्रण – ये पूरी तरह से भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियमों के तहत काम करते हैं.लोन देने का तरीका – इनका ध्यान बड़े उद्योगों, कॉरपोरेट कंपनियों और व्यक्तिगत ग्राहकों पर होता है.ब्याज दरें – लोन की ब्याज दरें बाजार आधारित होती हैं और ये को-ऑपरेटिव बैंकों की तुलना में थोड़ी अधिक हो सकती हैं.डिजिटल और आधुनिक सुविधाएं – नेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, विदेशी मुद्रा सेवाएं आदि प्रदान करते हैं.
अमित शाह ने आज संसद में क्या कहा?गृह मंत्री शाह ने कहा, “हर सहकारी संस्थान का अकाउंट को-ऑपरेटिव बैंक में होगा. जो सहकारी समिति का सदस्य होगा उसका भी अकाउंट सहकारी बैंक में होगा. मेरा भी खाता को-ऑपरेटिव बैंक में मैंने कर लिया है.” उन्होंने आगे कहा- यूसीबी (अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक) को 2003 से पहले नई शाखाएं खोलने की अनुमति नहीं थी, अब 10 प्रतिशत तक नए ब्रांच वह खुद खोल सकते हैं. पहले उन्हें डोरस्टेप बैंकिंग की अनुमति नहीं थी अब वह कर सकते हैं. पहले उन्हें वन टाइम सेटलमेंट की परमिशन नहीं थी अब वह भी अन्य बैंकों की तरह ऐसा कर सकते हैं. को-ऑपरेटिव बैंक के खाताधारकों के लिए बीमा राशि को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है.
को-ऑपरेटिव इंश्योरेंस कंपनीकेंद्रीय मंत्री ने बताया कि एक नई को-ऑपरेटिव इंश्योरेंस कंपनीभी बनाई जा रही है जो देश भर में सभी सहकारी व्यवस्थाओं केइंश्योरेंस का काम करेगी. उन्होंने कहा कि उन्हें भरोसा है कि कुछ ही समय में प्राइवेट सेक्टर में सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी को-ऑपरेटिव इंश्योरेंस कंपनी ही होगी.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 26, 2025, 19:15 ISThomebusinessक्या होते हैं को-ऑपरेटिव बैंक, जहां है अमित शाह का खाता
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