अमेरिका के विदेशी मुद्रा भंडार में जुड़ेगी नई करेंसी! भारत सहित दुनिया पर क्‍या असर?

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Last Updated:March 04, 2025, 12:31 ISTCrypto Reserve : अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने हाल में ही क्रिप्‍टोकरेंसी को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्‍होंने कहा कि वे चाहते हैं कि अमेरिका के रिजर्व कोष में गोल्‍ड और यूरो के साथ क्रिप्‍टो को भी रखा जाए…और पढ़ेंअमेरिका सरकारी रिजर्व के मामले में 14वें पायदान पर है. हाइलाइट्सअमेरिका के रिजर्व में क्रिप्टोकरेंसी शामिल होगी.ट्रंप ने क्रिप्टो स्ट्रैटेजिक रिजर्व बनाने की घोषणा की.भारत पर डिजिटल करेंसी को मान्यता देने का दबाव बढ़ेगा.नई दिल्‍ली. किसी भी देश का रिजर्व उसकी मजबूत आर्थिक स्थिति को दिखाता है. अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है तो इसका रिजर्व कोष भी काफी ज्‍यादा है. यह एक तरह से आपात स्थिति के लिए जुटाया गया फंड होता है, जो देश की अर्थव्‍यवस्‍था को सहारा देने के काम आता है. जाहिर है कि इतना जरूरी माने जाने वाले रिजर्व कोष में हर देशी ऐसी चीजों को रखता है, जिनके डूबने का खतरा सबसे कम हो. जैसे दुनिया की मजबूत करेंसी या फिर गोल्‍ड जैसे सबसे सुरक्षित एसेट ही इस कोष का हिस्‍सा होते हैं.

रिजर्व कोष की इस जरूरत से ही जाहिर होता है कि अमेरिका जैसी बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था के पास सबसे मजबूत करेंसी का भंडार होगा. लेकिन, राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के एक हालिया आदेश ने रिजर्व कोष को लेकर दुनियाभर में खलबली मचा दी है. उन्‍होंने कहा कि वे चाहते हैं कि अमेरिकी सरकार रणनीतिक रिजर्व कोष में विभिन्न प्रकार की डिजिटल परिसंपत्तियों को खरीदे और रखे. इसका मतलब है कि अमेरिका के रिजर्व कोष में डॉलर, यूरो, पाउंड और गोल्‍ड के साथ अब क्रिप्‍टोकरेंसी को भी रखा जा सकता है.

क्‍या है ट्रंप की मंशाट्रंप ने रविवार को सोशल मीडिया पर कहा कि उनकी सरकार एक ‘क्रिप्टो स्ट्रैटेजिक रिजर्व’ बनाने की दिशा में काम कर रही है, जिसमें कम-ज्ञात क्रिप्टोकरेंसी एक्सआरपी, सोलाना और कार्डानो शामिल होंगे. बाद में उन्होंने एक और पोस्ट के साथ कहा कि उनके नियोजित रिजर्व में बिटकॉइन और ईथर भी शामिल होंगे, जो सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी हैं. इस घोषणा से क्रिप्टो की कीमतों में तेजी देखने को मिली. पिछले सप्ताह 80,000 डॉलर से नीचे गिरने के बाद बिटकॉइन करीब 95,000 डॉलर तक पहुंच गया. एक्सआरपी, सोलाना और कार्डानो की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिला.

कितना है अमेरिका का रिजर्व कोषरिजर्व कोष के मामले में अमेरिका अभी 14वें स्‍थान पर है, जिसके पास कुल 242.68 अरब डॉलर का मुद्रा भंडार है. अमेरिका के रिजर्व कोष में सबसे ज्‍यादा भंडार सोने का है और यही कारण है कि उसके पास दुनिया का सबसे बड़ा गोल्‍ड रिजर्व है. अमेरिका का गोल्‍ड रिजर्व करीब 8,133.46 टन का है. इसके अलावा यूरो, पाउंड जैसी करेंसी का भी कुछ हिस्‍सा है. अमेरिका अपने रिजर्व में डॉलर को नहीं रखता, क्‍योंकि उसके बैंकों के साथ दुनियाभर में डॉलर का बड़ा भंडार है, जो सबसे मजबूत करेंसी मानी जाती है.

भारत पर क्‍या होगा असरवैसे तो किसी अन्‍य देश के मुद्रा भंडार में बदलाव या बढ़त से भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था पर कोई असर नहीं पड़ता, लेकिन क्रिप्‍टोकरेंसी जैसी डिजिटल मुद्रा को रिजर्व के रूप में मान्‍यता देने के बाद भारत सहित दुनियाभर में ऐसी करेंसी को मान्‍यता देने का दबाव बढ़ेगा. अमेरिका की मंशा इस करेंसी को सरकारी तौर पर इस्‍तेमाल करने की है, जिससे भारत को भी डिजिटल करेंसी को रेगुलेट करने के लिए नया तंत्र विकसित और मजबूत करना होगा. हां, क्रिप्‍टो में पैसे लगाने वाले भारतीय निवेशकों को जरूरत इस कदम से लाभ होगा, क्‍योंकि अब दुनियाभर की क्रिप्‍टोकरेंसी की कीमतों में उछाल आने की संभावना बन गई है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 04, 2025, 12:31 ISThomebusinessअमेरिका के विदेशी मुद्रा भंडार में जुड़ेगी नई करेंसी! भारत पर क्‍या असर?

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