Last Updated:March 06, 2025, 10:38 ISTIndia-America Tariff : डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल से भारत पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया था और जब भारत ने इसका समाधान खोजने की कोशिश की तो उससे जीरो टैरिफ की मांग की गई. अमेरिका ने प्रस्ताव दिया है कि उसके प्रोडक…और पढ़ेंडोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ से छूट देने के लिए भारत को प्रस्ताव दिया है. हाइलाइट्सअमेरिका ने भारत को टैरिफ फ्री डील का प्रस्ताव दिया.प्रस्ताव में कृषि उत्पाद शामिल नहीं हैं.भारत-अमेरिका टैरिफ वॉर टल सकता है.नई दिल्ली. ट्रंप के टैरिफ वॉर का समाधान खोजने निकले भारत को अमेरिका ने एक डील ऑफर की है. संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत और अमेरिका के बीच व्यापार किए जाने वाले लगभग सभी उत्पादों पर शून्य शुल्क व्यवस्था की मांग की है, जिसमें कृषि उत्पाद शामिल नहीं हैं. इसका मतलब है कि एग्री प्रोडक्ट को छोड़कर अन्य सभी अमेरिकी प्रोडक्ट को टैरिफ फ्री किए जाने की मांग है. ऐसा होता है तो भारत को टैरिफ से छूट मिल सकती है.
CNBC-TV18 के अनुसार, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में वाशिंगटन में उच्च-स्तरीय व्यापार वार्ता की, जिसमें उन्होंने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (USTR) और अमेरिकी वाणिज्य सचिव के साथ बातचीत की. दोनों देशों के अधिकारी नवीनतम चर्चाओं के परिणामों की समीक्षा के बाद फिर से मिलने की उम्मीद कर रहे हैं. उनका मानना है कि अगर भारत ने अमेरिका का प्रस्ताव मान लिया तो दोनों देशों के बीच टैरिफ वॉर की नौबत नहीं आएगी.
वरना भारत को नहीं मिलेगी कोई छूटमामले से जुड़े लोगों का कहना है कि अमेरिका की नई पारस्परिक शुल्क नीति के तहत भारत के लिए कोई छूट मिलने की संभावना नहीं है, जो 2 अप्रैल से प्रभावी होगी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने के बाद कांग्रेस के संयुक्त सत्र को अपने पहले संबोधन में भारत और चीन सहित कई देशों पर टैरिफ लगाने की बात कही थी. उनका कहना है कि अन्य देशों ने दशकों से हमारे खिलाफ शुल्क लगाए हैं और अब हमारी बारी है. यूरोपीय संघ, चीन, ब्राजील, भारत, मैक्सिको, कनाडा और अनगिनत देश हमारे निर्यात पर हमारे द्वारा उनके निर्यात पर लगाए गए शुल्क से कहीं अधिक शुल्क लगाते हैं. इसके बाद अमेरिका ने कई व्यापारिक साझेदारों के खिलाफ पारस्परिक शुल्क की घोषणा की है, जिससे विदेशी वस्तुओं पर आयात शुल्क उन देशों द्वारा अमेरिकी निर्यात पर लगाए गए शुल्क के बराबर हो जाएगा.
दोनों देशों में कितना व्यापारइंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (IBEF) के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024 में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार 118.2 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जबकि वित्तीय वर्ष 2022 में यह 128.78 अरब अमेरिकी डॉलर था. भारत ने वित्तवर्ष 2024 में अमेरिका के साथ 36.8 अरब डॉलर का व्यापार लाभ दर्ज किया, जिसमें निर्यात 77.5 अरब डॉलर और अमेरिका से आयात 40.7 अरब डॉलर रहा है. संयुक्त राज्य अमेरिका भारत का तीसरा सबसे बड़ा निवेशक बना हुआ है. अप्रैल 2000 से सितंबर 2024 तक कुल एफडीआई प्रवाह 67.76 अरब डॉलर रहा.
अमेरिका से क्या है हमारा लेनदेनभारत अमेरिका से सबसे ज्यादा खनिज तेल और क्रूड मंगाता है. पिछले वित्तवर्ष में 12.9 अरब डॉलर का तेल और क्रूड खरीदा, जबकि इस साल नवंबर तक 9.98 अरब डॉलर का तेल मंगाया है. दूसरा सबसे ज्यादा आयात मोती और कीमती पत्थरों का होता है, जो पिछले वित्तवर्ष में 5.16 अरब डॉलर था, जबकि चालू वित्तवर्ष में नवंबर तक 3.21 अरब डॉलर रहा है. इसके अलावा न्यूक्लियर रिएक्टर, ब्वॉयलर और मशीनरी, इलेक्ट्रिक मशीनरी व उपकरण भी भारत खूब मंगाता है. इस तरह, पिछले वित्तवर्ष में कुल आयात 40.7 अरब डॉलर और इस साल नवंबर तक 29.63 अरब डॉलर रहा है.
Location :New Delhi,DelhiFirst Published :March 06, 2025, 10:15 ISThomebusinessटैरिफ पर छूट देने के लिए अमेरिका ने क्या दिया प्रस्ताव, कितना होगा असर?
stock market, share market, market update, trading news, trade news, nifty update,bank nifty, oxbig news, oxbig news network, hindi news, hindi news, business news, oxbig hindi news
English News