Plane Crash: ड्रीमलाइनर की बॉडी में क्‍या था छोटा सा छेद जो बना क्रैश की वजह

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नई दिल्ली. एयर इंडिया की फ्लाइट एआई171 के हादसे भारत सहित दुनिया को हिलाकर रख दिया है. जो विमान दुर्घटनाग्रस्‍त हुआ वह बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था. बोइंग ड्रीमलाइनर के यात्रियों के लिए असुरक्षित होने की चेतावनी दो व्हिसलब्लोअर ने पहले ही दे दी थी. लेकिन, बोइंग ने इन चेतावनियों को नजरअंदाज किया और कहा कि उसके विमान पूरी तरह सुरक्षित हैं और उनमें किसी भी तरह की खामी नहीं है. अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुए एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर हादसे ने बोइंग की निर्माण प्रक्रिया, गुणवत्ता नियंत्रण और सुरक्षा मानकों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. व्हिसलब्‍लोअर्स, बोइंग के पूर्व इंजीनियर सैम सालेहपोर और जॉन बार्नेट की चेतावनियों को और प्रासंगिक बना दिया है. खास बात यह है कि जॉन बार्नेट की मार्च 2024 में संदिग्‍ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी.सैम सालेहपोर ने तो पिछले साल यानी 2024 में ही बता दिया था कि 787 विमान के निर्माण में कंपनी गड़बड़ी कर रही है, जिससे यह विमान हवा में दो टुकड़ों में बंट सकता है. अहमदाबाद हादसे के बाद अब सैम सालेहपोर का एक पुराना वीडियो फिर वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने 787 ड्रीमलाइनर की निर्माण प्रक्रिया में लापरवाही का आरोप लगाया था. यह वीडियो 17 अप्रैल 2024 को अमेरिकी कांग्रेस में दी गई उनकी गवाही का हिस्सा है.

छोटा सा छेद करा देगा क्रैश

सालेहपोर ने आरोप लगाया कि वर्ष 2020 के अंत में जब वे 787 पर काम कर रहे थे, तब उन्होंने देखा कि कंपनी ने उत्पादन में तेजी लाने के लिए शॉर्टकट अपनाने शुरू कर दिए थे. उन्होंने कहा कि बोइंग ने फिट-अप फोर्स (FUF) और वन-अप असेंबली (OUA) जैसी तकनीकों में जानबूझकर कमी की ताकि डिलीवरी जल्दी हो सके. ये बदलाव गलत इंजीनियरिंग फैसलों और त्रुटिपूर्ण डेटा विश्लेषण पर आधारित थे, जिससे विमानों में संभावित खामी वाले पुर्जे और गलत इंस्टॉलेशन की स्थिति बनी. सालेहपोर ने आरोप लगाया कि ड्रीमलाइनर के फ्यूजलेज (विमान की मुख्य बॉडी) के हिस्सों को ठीक से जोड़ा नहीं गया था.

असेंबली में छोटे-छोटे गैप्स और अनुचित फास्टनिंग के कारण विमान की संरचनात्मक अखंडता प्रभावित हो सकती है. सालेहपोर ने आरोप लगाया कि कंपनी ने विमान के हिस्सों को जोड़ते समय .005 इंच से अधिक गैप होने पर भी जरूरी ताकत से कई गुना अधिक 165 पाउंड प्रति फुट दबाव का इस्‍तेमाल किया. जबकि इंजीनियरिंग मानकों के अनुसार यह अधिकतम 10 पाउंड होना चाहिए. सैम ने आरोप लगाया कि कर्मचारी विमान के पार्ट को फिट (जोड़) करने के लिए उन पर जबरदस्ती कूदते थे. अत्‍यधिक दबाव से विमानों की संरचनात्मक मजबूती पर असर पड़ता है और यह यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है. इससे उड़ान के दौरान विमान पर दबाव बढ़ सकता है यह क्रैश का कारण बन सकता है.

गुणवत्‍ता से किया समझौता

सालेहपोर ने यह भी आरोप लगाया कि दक्षिण कैरोलिना के नॉर्थ चार्ल्सटन प्लांट में डिलीवरी डेडलाइन को पूरा करने के लिए गुणवत्ता से समझौता किया गया और “स्लॉपी असेंबली” की गई. उन्‍होंने यह भी कहा कि उनकी चेतावनियों के बाद बोइंग ने उन्हें बैठकों से बाहर रखा और उनकी इच्छा के विरुद्ध उनका ट्रांसफर कर दिया. हालांकि बोइंग ने सैम के आरोपों को गलत बताया था. कंपनी ने एक बयान में कहा था, ‘787 विमान की मजबूती को लेकर जो बातें कही जा रही हैं, वे गलत हैं. बोइंग ने विमान को सुरक्षित बनाने के लिए बहुत काम किया है.’

जॉन बार्नेट ने 2019 में दी थी चेतावनी

सैम सालेहपोर से पहले जॉन बार्नेट (John Barnett) नामक एक अन्य व्हिसलब्लोअर ने 2019 में दावा किया कि बोइंग के प्रोडक्शन लाइन में दबाव के कारण कर्मचारी जानबूझकर घटिया पुर्जे फिट करते थे. उन्होंने कहा कि स्क्रैप बिन से निकाले गए दोषपूर्ण पुर्जों को विमानों में लगाया गया, जिससे सुरक्षा खतरे में पड़ी. बार्नेट ने यह भी आरोप लगाया कि ड्रीमलाइनर के ऑक्सीजन सिस्टम में खामियां थीं, जिसके कारण आपातकाल में हर चार में से एक मास्क काम नहीं कर सकता था. जॉन बार्नेट बोइंग के साउथ कैरोलिना प्‍लांट में क्‍वालिटी इंस्‍पेक्‍टर थे और उन्‍होंने कंपनी में 32 साल तक काम किया था.

बार्नेट ने बताया कि बोइंग ने गुणवत्ता निरीक्षणों को नजरअंदाज किया और कर्मचारियों पर उत्पादन तेज करने का दबाव डाला, जिससे सुरक्षा मानकों से समझौता हुआ. बार्नेट ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी शिकायतों के बाद बोइंग ने उन्हें प्रताड़ित किया और उनकी भूमिका को सीमित किया और उनके खिलाफ जवाबी कार्रवाई की.

संदिग्‍ध परिस्थितियों में मौत

जॉन बार्नेट की मृत्यु 9 मार्च 2024 को दक्षिण कैरोलिना के चार्ल्सटन में संदिग्‍ध परिस्थ्तियों में गोली लगने से मौत हो गई. वे अपनी कार में मृत पाए गए थे. पुलिस ने कहा कि बार्नेट ने आत्‍महत्‍या की थी. उनकी मौत उस समय हुई जब वह बोइंग के खिलाफ व्हिसलब्लोअर मुकदमे में गवाही देने की प्रक्रिया में थे. बार्नेट के परिवार ने उनकी मृत्यु को संदिग्ध माना और कहा कि वह मानसिक रूप से स्वस्थ थे और आत्महत्या करने की स्थिति में नहीं थे. उनकी मृत्यु से बोइंग सवालों के घेरे में आ गई. बार्नेट की मृत्यु की जांच अभी भी चल रही है, और कोई ठोस सबूत नहीं मिला है जो उनकी मृत्यु को बोइंग से सीधे जोड़ता हो. हालांकि, इन परिस्थितियों ने कंपनी की विश्वसनीयता और पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठाए हैं.

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