क्या है मॉन्ट्रियल कन्वेंशन? जिसके तहत मिलेगा प्लेन क्रैश के पीड़ितों को मुआवजा

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Last Updated:June 12, 2025, 23:01 ISTअहमदाबाद एयर इंडिया हादसे के पीड़ितों को मॉन्ट्रियल कन्वेंशन 1999 के तहत प्रति यात्री 1.71 लाख डॉलर मुआवजा मिलेगा. बीमा क्लेम में रीइंश्योरेंस का उपयोग होगा.130 देश मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के सदस्य हैं.हाइलाइट्सअहमदाबाद एयर इंडिया हादसे के पीड़ितों को 1.71 लाख डॉलर मुआवजा मिलेगा.मुआवजा मॉन्ट्रियल कन्वेंशन 1999 के तहत दिया जाएगा.एयर इंडिया की बीमा पॉलिसी पर निर्भर करेगा अंतिम भुगतान.नई दिल्ली. अहमदाबाद में हुए Air India विमान हादसे के बाद अब मुआवज़े और बीमा क्लेम को लेकर अहम जानकारी सामने आई है. इस दुर्घटना में मारे गए यात्रियों के परिजनों को मुआवज़ा Montreal Convention 1999 के तहत दिया जाएगा, जिस पर भारत ने 2009 में हस्ताक्षर किए थे. प्रूडेंट इंश्योरेंस ब्रोकर्स के उपाध्यक्ष (एविएशन एंड स्पेशल लाइंस) हितेश गिरोत्रा ने बताया कि मृत यात्रियों की राष्ट्रीयता (वह किस देश के नागरिक हैं) के आधार पर एयर इंडिया पर न्यूनतम कानूनी देनदारी तय होगी. वहीं, हाउडेन इंडिया के एमडी और सीईओ अमित अग्रवाल का कहना है कि एयरलाइन चाहें तो तुरंत अंतरिम राहत दे सकती है, लेकिन अंतिम भुगतान मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के नियमों के मुताबिक ही होगा.मुआवजा तय करने के लिए Special Drawing Rights (SDR) का उपयोग किया जाता है. अक्टूबर 2024 तक यह दर 1,28,821 SDR थी, जिसका मूल्य करीब 1.33 डॉलर प्रति SDR था. इस आधार पर प्रति यात्री मुआवजा करीब 1.71 लाख डॉलर (लगभग 1.4 करोड़ रुपये) के आसपास बनता है. हालांकि, अंतिम भुगतान का निर्धारण इस बात पर भी निर्भर करेगा कि एयर इंडिया ने विमान और यात्रियों के लिए कितनी बीमा पॉलिसी ली थी.

विमान की बीमा राशि और संभावित नुकसान

एयर इंडिया की इस फ्लाइट AI-171 में 242 लोग सवार थे, जिसमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल थे. यह विमान VT-ABN मॉडल का 2013 का ड्रीमलाइनर था. बीमा सेक्टर से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, इसका बीमा मूल्य 2021 में करीब 11.5 करोड़ डॉलर था. ड्रीमलाइनर विमानों की वैल्यू उनकी उम्र, स्ट्रक्चर और पुर्जों के हिसाब से 21.1 करोड़ से 28 करोड़ डॉलर तक मानी जाती है. हादसे में नुकसान आंशिक हो या पूर्ण, बीमा कंपनी एयरलाइन द्वारा घोषित वैल्यू के आधार पर क्लेम को प्रोसेस करेगी.

रीइंश्योरेंस से बांटा जाता है जोखिम

इंश्योरेंस ब्रोकर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IBAI) के अध्यक्ष नरेंद्र भारिंदवाल ने बताया कि एयर इंडिया जैसी बड़ी एयरलाइन के विमानन बीमा कार्यक्रम आमतौर पर फ्लीट बेस्ड होते हैं और उन्हें लंदन व न्यूयॉर्क जैसे ग्लोबल मार्केट्स में रीइंश्योर किया जाता है. उन्होंने कहा, “कोई भी एक बीमाकर्ता पूरा जोखिम नहीं उठाता. कवरेज कई ग्लोबल रीइंश्योरर्स में बांटा जाता है, जिसमें हर कंपनी की हिस्सेदारी 1.5% से 15% तक होती है.” यानी, हादसे का आर्थिक असर दुनियाभर के बीमा नेटवर्क में फैलता है. रीइंश्योरेंस (Reinsurance) वह प्रक्रिया है जिसमें कोई बीमा कंपनी अपने जोखिम (risk) का एक हिस्सा दूसरी बीमा कंपनी को दे देती है, ताकि किसी बड़े दावे (claim) की स्थिति में अकेले उसे पूरा नुकसान न उठाना पड़े. यह बीमा कंपनियों के लिए एक तरह का सुरक्षा कवच होता है.

Jai Thakurजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे…और पढ़ेंजय ठाकुर 2018 से खबरों की दुनिया से जुड़े हुए हैं. 2022 से News18Hindi में सीनियर सब एडिटर के तौर पर कार्यरत हैं और बिजनेस टीम का हिस्सा हैं. बिजनेस, विशेषकर शेयर बाजार से जुड़ी खबरों में रुचि है. इसके अलावा दे… और पढ़ेंLocation :New Delhi,Delhihomebusinessक्या है मॉन्ट्रियल कन्वेंशन? जिसके तहत मिलेगा क्रैश के पीड़ितों को मुआवजा

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