घूस मामले में राहत के बाद अडानी ग्रुप एक्टिव, फिर मिला बड़े प्रोजेक्ट को सांस लेने का मौका

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Last Updated:March 02, 2025, 12:39 ISTअदानी समूह ने अमेरिका में परमाणु ऊर्जा, यूटिलिटीज और बंदरगाह प्रोजेक्ट में निवेश की योजनाएं फिर से सक्रिय की हैं. गौतम अदानी 265 मिलियन डॉलर की घूस मामले में कानूनी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. हालांकि ट्रम्प…और पढ़ेंहाइलाइट्सअदानी समूह ने अमेरिका में निवेश योजनाएं फिर से सक्रिय कीं.गौतम अदानी 265 मिलियन डॉलर घूस मामले में कानूनी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.ट्रम्प प्रशासन की नीतियों से अदानी समूह को राहत मिली.अदानी समूह ने अमेरिका में बड़े निवेश की योजनाओं को फिर से सक्रिय किया है, जिसमें परमाणु ऊर्जा, यूटिलिटीज और पूर्वी तट पर एक बंदरगाह प्रोजेक्ट शामिल हैं. यह कदम तब उठाया गया है जब ग्रुप के संस्थापक गौतम अदानी 265 मिलियन डॉलर की घूस देने मामले में कानूनी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. डोनाल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने के बाद अदानी समूह ने अमेरिका में 10 बिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा की थी, जिससे 15,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद थी. हालांकि, कानूनी पचड़ों की वजह से योजनाएं सिरे नहीं चढ़ पाई थीं, लेकिन अब ट्रम्प प्रशासन की नीतियों के चलते इन्हें फिर से सांस लेने का मौका मिल रहा है.

अदानी ग्रुप भारत का एक जाना-माना बिजनेस ग्रुप है. कई देशों ने इस ग्रुप के बड़े पैमाने पर बिजनेस हैं. यदि अमेरिका में उनके निवेश की योजना फलती-फूलती है तो उनके सामने घूस देने के मामले में भी राहत की उम्मीद हो सकती है.

बता दें कि डोनाल्ड ट्रम्प के नवंबर 2024 में राष्ट्रपति चुने जाने के बाद, अदानी समूह ने अमेरिका में 10 बिलियन डॉलर के निवेश की योजना की घोषणा की थी, जिससे लगभग 15,000 नौकरियां पैदा होने की उम्मीद थी. हालांकि, नवंबर 2024 में गौतम अदानी और अन्य अधिकारियों पर अमेरिकी अधिकारियों द्वारा 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने में शामिल होने का आरोप लगाया गया, जिससे ये निवेश योजनाएं स्थगित हो गईं.

अडानी ग्रुप को कैसे मिली राहतहाल ही में, राष्ट्रपति ट्रम्प ने विदेशी भ्रष्ट आचरण निवारण अधिनियम (FCPA) के प्रवर्तन को निलंबित करने का आदेश दिया है, जिससे अदानी समूह को राहत मिली है और उन्होंने अपनी निवेश योजनाओं को फिर से सक्रिय किया है. समूह अब परमाणु ऊर्जा, यूटिलिटीज और पूर्वी तट पर एक बंदरगाह परियोजना में निवेश की संभावनाओं का मूल्यांकन कर रहा है.

क्या अभी भी हैं कुछ कानूनी चुनौतियांन्यू यॉर्क पोस्ट के मुताबिक, गौतम अदानी और अन्य अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय सरकारी अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर की रिश्वत देकर सौर ऊर्जा संबंधी कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए और अमेरिकी निवेशकों को गुमराह किया. अदानी समूह ने इन आरोपों को “निराधार” बताया है और कहा है कि वे सभी कानूनी आवश्यकताओं का पालन करते हैं.

बता दें कि अदानी समूह की कानूनी चुनौतियों का प्रभाव उसके अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों पर भी पड़ा है. उदाहरण के लिए, फ्रांसीसी ऊर्जा कंपनी टोटलएनर्जीज़, जिसने अदानी ग्रीन एनर्जी में 20 फीसदी हिस्सेदारी ली है, को इन आरोपों के कारण संभावित जोखिमों का सामना करना पड़ रहा है. टोटलएनर्जीज़ का लक्ष्य 2030 तक 100 गीगावाट नवीकरणीय क्षमता हासिल करना है, जो अदानी ग्रीन की 50 गीगावाट की योजना के साथ मेल खाता है.

रायटर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यदि अदानी समूह पर लगे आरोप खारिज हो जाते हैं, तो यह ग्रुप अमेरिका में अपनी निवेश योजनाओं को तेजी से आगे बढ़ा सकता है. हालांकि, कानूनी प्रक्रिया के परिणाम और अमेरिकी प्रशासन की नीतियों का इस पर महत्वपूर्ण प्रभाव होगा.
Location :New Delhi,New Delhi,DelhiFirst Published :March 02, 2025, 12:39 ISThomebusinessघूस मामले में राहत के बाद अडानी ग्रुप एक्टिव, बड़े प्रोजेक्ट ने फिर ली सांस!

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